हजारीबाग जेल में कैदी की मौत के बाद जेलर पर प्राथमिकी की मांग, धरने पर बैठे परिजन Koderma News

Jharkhand Koderma News हत्या के मामले में सजा काट रहे एक बंदी की शुक्रवार को जेपी केंद्रीय कारा हजारीबाग में मौत हो गई थी। पूर्व विधायक जानकी यादव धरने का नेतृत्व कर रहे हैं। रेल चक्‍का जाम करने की भी चेतावनी दे रहे हैं।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 07 Nov 2020 03:51 PM (IST) Updated:Sat, 07 Nov 2020 04:33 PM (IST)
हजारीबाग जेल में कैदी की मौत के बाद जेलर पर प्राथमिकी की मांग, धरने पर बैठे परिजन Koderma News
जानकी यादव के नेतृत्‍व में धरने पर बैठे परिजन।

जयनगर (कोडरमा), जासं। हजारीबाग जेपी केंद्रीय कारा में 8 साल से हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे एक बंदी की मौत के बाद परिजन उसके शव के साथ जयनगर स्थित गांव में धरने पर बैठे हैं। जयनगर थाना क्षेत्र के मुसौवा निवासी रामदेव पंडित (55) की मौत 6 नवंबर को जेपी केंद्रीय कारा, हजारीबाग में हो गई थी। उसका शव 7 नवंबर को अहले सुबह इनके पैतृक आवास जयनगर के ग्राम मुसौवा लाया गया। यहां परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।

वहीं इस मामले में मृतक के पुत्र दीपक पंडित जेलर पर हत्या का आरोप लगाते हुए जेलर पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। जेलर पर प्राथमिकी दर्ज करने की मांग को लेकर पूर्व विधायक जानकी प्रसाद यादव के नेतृत्व में 2 घंटे से परिजन तथा ग्रामीण मुसौवा में धरना पर बैठे हुए हैं। हालांकि मामले को सुलझाने के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार व थाना प्रभारी श्याम लाल यादव धरनास्थल पर पहुंचे हुए हैं, परंतु परिजन व ग्रामीण नहीं मान रहे हैं।

इनका कहना है कि जब तक जेलर पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की जाएगी, तब तक धरना समाप्त नहीं किया जाएगा। अगर जरूरत पड़ी तो रेल चक्का भी जाम किया जाएगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित कुमार परिजनों को लिखित शिकायत देने की बात कर रहे हैं, ताकि इनकी शिकायत को उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक तक पहुंचाया जा सके। इधर ग्रामीण बीडीओ के आश्वासन को मानने को तैयार नहीं हैं।

इस मामले में मृतक के पुत्र दीपक पंडित ने बताया कि हजारीबाग जेपी कारा से 6 नवंबर की अहले सुबह 8:45 बजे सूचना मिली कि उनके पिता की तबीयत खराब है। उनका इलाज सदर अस्पताल में कराया जा रहा है। आनन-फानन में दीपक जब 2 बजे दिन सदर अस्पताल पहुंचे तो उन्हें एंबुलेंस पर अपने पिता का शव देखने को मिला।

जब वे अस्पताल प्रबंधन से कुछ जानना चाहे तो वहां पता चला कि उनके पिताजी का पोस्टमार्टम भी करा लिया गया है। उन्हें यह कहा गया कि अगर वे अपने पिता के शव को नहीं ले जाएंगे, तो इन्हें लावारिस घोषित कर पुलिस द्वारा जला दिया जाएगा। उसे यह भी कहा गया कि शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस का भाड़ा भी उसी को देना है। अंत में वह अपने पिता के शव को लेकर मुसौवा पहुंचा। दीपक के अनुसार एंबुलेंस का भी भाड़ा उसी ने दिया।

क्या है मामला

वर्ष 2012 में मृतक रामदेव पंडित ने अपने छोटे भाई की पत्नी को मामूली विवाद में टांगी से काट डाला था। इस मामले को लेकर मृतका के पति ने 12 मई 2012 को रामदेव पंडित पर हत्या का मामला दर्ज किया था। उसी दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। बाद में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। फिलहाल वह जेपी कारा हजारीबाग में सजा काट रहा था।

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