जानें क्‍यों बिदके हैं झारखंड के सिपाही और जूनियर पुलिस अफसर

Jharkhand Police. सिपाहियों के एसोसिएशन के सामू‍‍हिक अवकाश की घोषणा के बाद अब अफसरों के एसोसिएशन ने भी इस पर सहमति दे दी है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Sat, 02 Feb 2019 10:00 AM (IST) Updated:Sat, 02 Feb 2019 04:53 PM (IST)
जानें क्‍यों बिदके हैं झारखंड के सिपाही और जूनियर पुलिस अफसर
जानें क्‍यों बिदके हैं झारखंड के सिपाही और जूनियर पुलिस अफसर

रांची, राज्य ब्यूरो। सिपाहियों के एसोसिएशन की आंदोलन की घोषणा के बाद अब पदाधिकारियों के एसोसिएशन ने भी आंदोलन की घोषणा कर दी है। अब कनीय पुलिस अफसर भी 28 फरवरी से पांच दिनों के सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। शुक्रवार की केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कनीय पुलिस अफसरों के एसोसिएशन (झारखंड पुलिस एसोसिएशन) ने भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की।

बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में पदाधिकारियों ने बताया कि उनका आंदोलन तीन चरणों का होगा। पहला चरण 12 फरवरी से 14 फरवरी तक चलेगा। इस अवधि में सिपाही से पुलिस निरीक्षक तक के सभी पुलिसकर्मी अपनी वर्दी की बांह में काला बिल्ला लगाएंगे। आंदोलन का दूसरा चरण 20 फरवरी को होगा। इसके तहत सभी पुलिसकर्मी अपने-अपने मुख्यालय के सामने सामूहिक उपवास करेंगे। जबकि, तृतीय चरण पांच दिनों का होगा।

प्रथम व द्वितीय चरण के आंदोलन के बाद भी अगर उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ तो सिपाही से लेकर कनीय पुलिस पदाधिकारी 28 फरवरी से चार मार्च तक सामूहिक अवकाश पर रहेंगे। सामूहिक अवकाश की अवधि पांच दिनों की होगी।

क्‍या है पुलिस एसोसिएशन की मांगें

- सीमित विभागीय प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से सिपाही से दारोगा के पद पर प्रोन्नति अविलंब रोका जाए।

- दिल्ली पुलिस व अन्य राज्यों के तर्ज पर झारखंड पुलिस के कर्मियों को भी 13 महीने का वेतन दिया जाए।

- सातवें वेतन आयोग की अनुशंसा के अनुरूप पुलिसकर्मियों को मिलने वाले भत्ते दिए जाएं।

- एसीपी-एमएसीपी की लंबित मामलों का शीघ्र निष्पादन किया जाए।

- शहीद-मृत पुलिसकर्मियों के आश्रित पुत्र को नौकरी के लिए निर्धारित उम्र सीमा में अन्य आश्रितों की तरह अधिकतम उम्र सीमा में छूट हो।

- नई पेंशन नियमावली की जगह पुरानी पेंशन योजना को लागू किया जाए।

- वरीय पदाधिकारियों की तरह कनीय पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को भी चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराया जाए।

chat bot
आपका साथी