लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की समीक्षा करेगा झामुमो

Jharkhand Election Results 2019. लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त से सकते में आए झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व हार के कारणों की समीक्षा करेगा।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 27 May 2019 01:50 PM (IST) Updated:Mon, 27 May 2019 01:50 PM (IST)
लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की समीक्षा करेगा झामुमो
लोकसभा चुनाव में मिली हार के कारणों की समीक्षा करेगा झामुमो

रांची, राज्य ब्यूरो। लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त से सकते में आए झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व हार के कारणों की समीक्षा करेगा। चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन समेत तीन सीटों पर उतरे प्रत्याशी हार गए थे। विपक्षी महागठबंधन के तहत चार सीटों दुमका, राजमहल, गिरिडीह और जमशेदपुर में पार्टी ने प्रत्याशी खड़े किए थे।

इसमें से राजमहल सीट पर पार्टी को सफलता मिली। शेष तीन सीटों पर उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ा। झामुमो के लिए सर्वाधिक चिंता का विषय दुमका सीट है। इस परंपरागत सीट पर शिकस्त से झामुमो का शीर्ष नेतृत्व काफी चिंतित है। मोर्चा हर स्तर पर हार की वजहों पर मंथन करेगा। इसमें विपक्षी दलों के आपसी समन्वय से लेकर भितरघात तक की चर्चा होगी।

झारखंड मुुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने इस सिलसिले में मैराथन बैठक बुलाई है। दो जून को झामुमो की केंद्रीय समिति और विधायक दल की बैठक पहले होगी। इसमें क्षेत्रवार फीडबैक लिया जाएगा। इसके तत्काल बाद केंद्रीय कार्यकारिणी की बैठक तलब की गई है। इस बैठक में सभी केंद्रीय पदाधिकारी और कार्यकारिणी के सदस्य शामिल होंगे। झामुमो महासचिव सह प्रवक्ता विनोद पांडेय के मुताबिक दोनों बैठकों में पदाधिकारियों और विधायकों की उपस्थिति अनिवार्य है।

हेमंत सोरेन को आगे करके होगी तैयारी

झारखंड मुक्ति मोर्चा अब विधानसभा चुनाव की तैयारी पर फोकस करेगा। बैठक में मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को आगे कर चुनाव की तैयारी में लगने का आह्वान किया जाएगा। यह भी संदेश देने की कोशिश होगी कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में विपक्षी दल चुनाव लड़ने के लिए आगे आएं। चुनाव के लिए अभी से विधानसभावार बैठकों और सम्मेलनों का दौर आरंभ होगा। जिस प्रकार लोकसभा चुनाव के पूर्व हेमंत सोरेन ने पूरे प्रदेश में संघर्ष यात्रा की, उसी तर्ज पर दौरे का कार्यक्रम तय किया जा सकता है।

राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल

झारखंड मुक्ति मोर्चा अपने कार्यकर्ताओं को नए सिरे से संघर्ष के लिए तैयार करेगा। इसमें आंदोलनात्मक कार्यक्रम तय किए जाएंगे। पूरा फोकस राज्य सरकार की उन योजनाओं पर होगा, जो धरातल पर नहीं उतर पाए हैं। इसके अलावा मूलभूत समस्याओं के खिलाफ भी झामुमो अपने कार्यकर्ताओं को आंदोलन की राह अपनाने का निर्देश देगा, ताकि विधानसभा चुनाव में इन्हें मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा जा सके।

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