30 करोड़ की साड़ी के लिए 1000 करोड़ की कंपनी की तलाश, एक ट्वीट से मचा बवाल Ranchi News
Mahesh Poddar. राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने ट्वीट कर नसीहत देते हुए कहा कि विरोधाभासी फैसलों से बचना बेहतर होगा।
रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य सरकार की योजनाओं पर बेबाक टिप्पणी करने वाले राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार के हालिया ट्वीट एक बार फिर चर्चा में है। आठ सितंबर को किए गए इस ट्वीट की संबद्धता मजदूरों के बीच साड़ी व पैंट-शर्ट बांटे जाने की श्रम विभाग की योजना से है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है कि शिल्पकारों के उत्पाद बिकवाने के लिए एक ओर फ्लिपकार्ट के साथ एमओयू और श्रमिकों के बीच धोती-साड़ी व पैंट-शर्ट बांटने के लिए 1000 करोड़ की कंपनी की तलाश। ऐसे विरोधाभासी फैसले से बचना बेहतर होगा।
दरअसल श्रम विभाग ने लगभग आठ लाख निबंधित श्रमिकों के बीच साड़ी और पैंट-शर्ट बांटने की तैयारी कर रखी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर निकाले गए टेंडर को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। विभाग ने कपड़े खरीदने के लिए जो टेंडर निकाले थे, उसमें 1000 करोड़ रुपये से ऊपर का सालाना उत्पादन करने वाली कंपनियां ही शामिल हो सकती थी। इसके अलावा उन कंपनियों को भी टेंडर की प्रक्रिया में शामिल होने की छूट दी गई थी, जो पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से सालाना बिक्री कर रही है। बहरहाल इन शर्तों में परिवर्तन कर दोबारा टेंडर निकाले जाने की तैयारी है।
दरअसल श्रम विभाग ने लगभग आठ लाख निबंधित श्रमिकों के बीच साड़ी और पैंट-शर्ट बांटने की तैयारी कर रखी है। इसके लिए विभागीय स्तर पर निकाले गए टेंडर को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। विभाग ने कपड़े खरीदने के लिए जो टेंडर निकाले थे, उसमें 1000 करोड़ रुपये से ऊपर का सालाना उत्पादन करने वाली कंपनियां ही शामिल हो सकती थी। इसके अलावा उन कंपनियों को भी टेंडर की प्रक्रिया में शामिल होने की छूट दी गई थी, जो पांच करोड़ रुपये प्रतिवर्ष के हिसाब से सालाना बिक्री कर रही है। बहरहाल इन शर्तों में परिवर्तन कर दोबारा टेंडर निकाले जाने की तैयारी है।