रांची पहाड़ी मंदिर लिफ्ट से पहुंचेंगे श्रद्धालु, पतरातू डैम पर्यटन स्थल सितंबर से होगा चालू

पर्यटन कला संस्कृति मंत्री अमर कुमार बाउरी ने गुरुवार को अपने विभाग की चार साल की उपलब्धियां गिनाते हुए झारखंड में पर्यटन को प्राथमिकता देने की बात कही है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 12:17 PM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 07:39 PM (IST)
रांची पहाड़ी मंदिर लिफ्ट से पहुंचेंगे श्रद्धालु, पतरातू डैम पर्यटन स्थल सितंबर से होगा चालू
रांची पहाड़ी मंदिर लिफ्ट से पहुंचेंगे श्रद्धालु, पतरातू डैम पर्यटन स्थल सितंबर से होगा चालू
रांची, राज्य ब्यूरो। रांची पहाड़ी मंदिर जाने के लिए जो श्रद्धालु सीढिय़ां नहीं चढ़ सकते, उनके लिए लिफ्ट की व्यवस्था की जा रही है। राज्य सरकार के पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद विभाग ने इसके लिए योजना तैयार की है। इसकी डीपीआर (डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार की जा रही है। विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने गुरुवार को सूचना भवन में मीडिया से मुखातिब होते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने साढ़े चार साल में अपने विभाग की उपलब्धियों को भी शेयर किया। मौके पर विभागीय सचिव राहुल शर्मा, निदेशक अनिल कुमार सिंह, संजीव बेसरा व अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे।
मंत्री के अनुसार, रांची पहाड़ी मंदिर में रोपवे की योजना अस्वीकृत हो गई है। तकनीकी सलाहकारों इस योजना की फिजिबिलिटी नहीं होने की बात कही थी। इसके बाद यहां लिफ्ट लगाने की योजना ली गई। उन्होंने अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि पतरातू में विकसित पर्यटन स्थल को बताते हुए कहा कि सितंबर से इसे जनता को समर्पित किया जाएगा। उनके अनुसार, यहां पहुंचनेवाले पर्यटक यह भूल जाएंगे कि वे झारखंड में हैं। यहां भव्य गेस्ट हाउस के अलावा बस टर्मिनस, चिल्ड्रेन पार्क, बोटिंग, वॉल क्लाइंबिंग, लैंडस्केपिंग, लोकल आर्ट, ब्रिज आदि की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार इटखोरी से गया तक बौद्ध सर्किट पर भी काम कर रही है। शीघ्र ही यहां बौद्ध कॉन्क्लेव व पर्यटन कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने रांची के ब्रांबे में स्थापित होटल प्रबंधन संस्थान में इसी साल से पढ़ाई शुरू होने की भी बड़ी उपलब्धि बताई। उन्होंने देवघर श्रावणी मेले में अभी तक किसी तरह की कैजुअलिटी नहीं होने को भी बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि अब इस मेले की पहचान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो गई है।
चार साल में पांच गुना बढ़े अंतरराष्‍ट्रीय पर्यटक
मंत्री के अनुसार, वर्ष 2015-16 में यहां 22 हजार अंतरराष्ट्रीय पर्यटक आए थे। 2018-19 में यह संख्या 1.76 लाख हो गई। इसी तरह, देसी पर्यटकों की संख्या 1.80 लाख से बढ़कर 3.54 लाख हो गई। 2014-15 में दस कमरे के महज 349 होटल थे। अब ऐसे 618 होटल हैं। स्टार श्रेणी के होटल चार से बढ़कर ग्यारह हो गए हैं। 2014-15 में पर्यटन क्षेत्र में 31,959 लोगों को रोजगार मिलता था। अज 76,160 लोगों को रोजगार मिल रहा है।
दलमा से नेतरहाट तक इको टूरिज्म सर्किट
मंत्री के अनुसार राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से स्वदेश दर्शन योजना के तहत दलमा-चांडिल-गेतलसूद-बेतला-मिरचइया-नेतरहाट इको टूरिज्म सर्किट बना रही है। इसके लिए केंद्र ने 52.72 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है।
राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाडिय़ों को नौकरी
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के वैसे  खिलाडिय़ों जो अवार्ड जीतकर आएंगे, उन्हें राज्य सरकार सीधी नौकरी देगी। इसके लिए नियमावली का गठन किया जा रहा है। मंत्री के अनुसार, अभी विभिन्न स्तर के खिलाडिय़ों को नौकरियों में दो फीसद आरक्षण दिया जा रहा है। उन्होंने उपस्थित विभागीय पदाधिकारियों को विभागों से यह आंकड़ा मंगाने का निर्देश दिया कि इस कोटे से कितने को नौकरी मिली। उन्होंने खेल दिवस से पहले खेल नीति लागू करने की भी बात कही।
टूरिस्ट बसों को परमिट देने पर हो रहा विचार
मंत्री ने स्वीकार किया कि अभी तक बाहर से आनेवाले टूरिस्ट बसों को यहां परमिट देने की व्यवस्था शुरू नहीं हुई है। उन्होंने इसे लेकर मुख्यमंत्री से बात की है। इस दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बिहार व अन्य राज्यों से परमिट लेकर पर्यटक झारखंड आते हैं।
फैक्ट फाइल प्रसाद योजना के तहत बैद्यनाथ धाम की गलियों का सौंदर्यीकरण होगा। नेतरहाट में पहली बार स्टे होम की व्यवस्था की गई है। गेस्ट हाउस भी बनकर तैयार है। यहां पहुंचनेवाले पर्यटकों की भी संख्या काफी बढ़ी है।

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