15 दिनों में काम नहीं मिला तो बेरोजगारी भत्ता

किसी कारण से रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ते की गारंटी होगी। मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक रोजगार योजना एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार की गारंटी देगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Jun 2020 12:04 AM (IST) Updated:Mon, 22 Jun 2020 12:04 AM (IST)
15 दिनों में काम नहीं मिला तो बेरोजगारी भत्ता
15 दिनों में काम नहीं मिला तो बेरोजगारी भत्ता

राज्य ब्यूरो, राची : देश के अलग-अलग हिस्सों से झारखंड लौट कर आए मजदूरों को रोजगार के अवसर मुहैया कराने को लेकर सरकार की चिंता का असर दिखने लगा है। ऐसे लोगों खासकर अकुशल श्रमिकों के लिए शहरी क्षेत्रों में भी रोजगार की गारंटी लेकर योजना तैयार की गई है। किसी कारण से रोजगार नहीं मिलने की स्थिति में बेरोजगारी भत्ते की गारंटी होगी। मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक रोजगार योजना एक वित्तीय वर्ष में 100 दिन रोजगार की गारंटी देगी। नगर विकास विभाग को इसका नोडल एजेंसी बनाया गया है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की परिकल्पना पर आधारित मुख्यमंत्री श्रमिक योजना (श्रमिक - शहरी रोजगार मंजूरी फॉर कामगार) को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी नगर विकास एवं आवास विभाग को दी गई है। विभाग ने योजना को मूर्त रूप देने का काम तीव्र गति से शुरू कर दिया है। इस रोजगार गारंटी योजना के शुरू होने के बाद झारखंड के शहरी श्रमिकों को भी परिवार के पालन पोषण और जीविकोपार्जन के लिए दूसरे प्रदेशों का रुख नही करना पड़ेगा। उन्हें अपने वार्ड या अपने शहर में हीं काम मिलेगा।

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100 दिन रोजगार की गारंटी

इस योजना के तहत झारखंड के शहरों में निवास करनेवाले 18 वर्ष से ज्यादा उम्र के अकुशल श्रमिकों को एक वित्तीय वर्ष में 100 दिनों के रोजगार की गारंटी मिलेगी।

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भत्ता : पहले माह न्यूनतम मजदूरी का एक चौथाई, दूसरे महीने आधा और तीसरे में पूरा

अगर किसी कामगार को आवेदन देने के पंद्रह दिन के अंदर काम नहीं मिलता है तो वह बेरोजगारी भत्ता का हकदार होगा। यह भत्ता पहले माह न्यूनतम मजदूरी के हिसाब से एक चौथाई, दूसरे माह न्यूनतम मजदूरी का आधा और तीसरे माह से से न्यूनतम मजदूरी के समतुल्य होगा।

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क्रिटिकल गैप फंड का होगा प्रावधान

राज्य सरकार अपनी विकास की सीमाओं और आíथक क्षमता के अनुरूप शहरी क्षेत्र के लिए उपलब्ध बजट का ही उपयोग इस योजना के संचालन के लिए करेगी, पर नगर निकायों को क्रिटिकल गैप फंड (ग्राट) के रूप में अतिरिक्त राशि देने के लिए बजट में भी अलग से प्रावधान होगा।

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कार्यस्थल पर सुविधा

सरकार के विभिन्न विभागों की ओर से शहरों में चलाई जा रही योजनाओं में वहा के स्थानीय श्रमिकों को रोजगार सुनिश्चित कराया जाएगा। कार्यस्थल पर शुद्ध पीने का पानी, फ‌र्स्ट एड बॉक्स आदि का प्रबंध होगा। यदि महिला कामगार कार्यस्थल पर कार्य कर रही हैं तो वहा उनके बच्चों को रखने की भी व्यवस्था रहेगी ताकि वह बेफिक्र होकर कार्य कर सके।

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शहरी आजीविका मिशन की जिम्मेदारी अहम

नगर विकास एवं आवास विभाग द्वारा ये योजना, राज्य शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से संचालित करायी जाएगी। नगर निकायों के नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी और विशेष पदाधिकारी इसके नोडल पदाधिकारी होंगे।

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यह पूरी तरह से मांग आधारित योजना है। इस योजना के तहत जितने भी श्रमिकों के आवेदन आएंगे, सभी को काम दिया जाएगा। काम नहीं मिलने पर उन्हें बेरोजगारी भत्ता मुहैया कराया जाएगा।

विनय कुमार चौबे

सचिव, नगर विकास एवं आवास विभाग

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