Jharkhand News: आज हेमंत सोरेन पर आएगा हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बाबूलाल के लिए भी जीने-मरने का दिन

Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खनन पट्टा लेने और शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल के मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में सुनवाई भी मंगलवार को निर्धारित है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 01:27 AM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 06:49 AM (IST)
Jharkhand News: आज हेमंत सोरेन पर आएगा हाई कोर्ट का बड़ा फैसला, बाबूलाल के लिए भी जीने-मरने का दिन
Jharkhand News: आज का दिन झारखंड के लिए अहम है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हाई कोर्ट में विशेष सुनवाई होगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा खनन पट्टा लेने और शेल कंपनियों के माध्यम से निवेश को लेकर हाई कोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई होगी। इसके अलावा भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल के मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में सुनवाई भी मंगलवार को निर्धारित है। दोनों महत्वपूर्ण मामलों को देखते हुए 17 मई की तिथि को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इससे जुड़े फैसलों पर लोगों की निगाहें हैं। इसका व्यापक प्रभाव राज्य की राजनीति पर पड़ सकता है। कयास लगाया जा रहा है कि दोनों मामलों में कोई बड़ा फैसला आ सकता है।

हेमंत सोरेन का पक्ष रखेंगे कपिल सिब्‍बल, दोपहर 2:15 बजे अदालत में सुनवाई

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के करीबियों के शेल कंपनी चलाने और खनन लीज आवंटन मामले में मंगलवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई होगी। यह मामला चीफ जस्टिस डा. रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में दोपहर 2.15 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। पिछली सुनवाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अदालत को बताया था कि झारखंड में उनकी एजेंसी कार्रवाई कर रही है और उसके पास कुछ चौकाने वाले दस्तावेज मिले हैं। वह इन दस्तावेजों को हाई कोर्ट को दिखाना चाहता है। इस पर अदालत ने उन दस्तावेजों को देखने की इच्छा जताते हुए ईडी को सभी दस्तावेज सीलबंद कर हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल के यहां सौंपने का निर्देश दिया था।

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ईडी ने कोर्ट में जमा की सीलबंद रिपोर्ट

बताया जा रहा है कि ईडी ने संबंधित दस्तावेज सीलबंद लिफाफे में अदालत में पेश कर दिया है। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल पक्ष रखेंगे। उनकी ओर से पिछली सुनवाई के दौरान ही उक्त याचिका के औचित्य पर सवाल उठाया था। बता दें कि शिवशंकर शर्मा ने दोनों मामलों में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके परिजन और करीबी लगभग 400 शेल कंपनियों में निवेश किया हैं। सरकार के नजदीकी अमित अग्रवाल और रवि केजरीवाल, सुरेश नागरे सहित अन्य सगे संबंधी ही इस तरह की कंपनी संचालन करते हैं। इनमें झारखंड से कमाई गई राशि को निवेश कर होटल, माल सहित अन्य संपत्ति खरीदी गई है। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार आफ कंपनी को प्रतिवाद बनाया और जानकारी मांगी थी।

रजिस्ट्रार आफ कंपनी ने कहा, कई राज्यों से मंगानी होगी जानकारी

हाई कोर्ट के निर्देश के बाद रजिस्ट्रार आफ कंपनी ने जवाब दाखिल कर अदालत को बताया कि वह झारखंड की सिर्फ चार कंपनियों की जानकारी दे सकता है। क्योंकि झारखंड की यह चार कंपनियां उनके अधीन है। शेष जिन 45 कंपनियों का जिक्र किया गया है उनकी जानकारी पटना, दिल्ली, हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली कटक और कोलकाता के रजिस्ट्रार आफ कंपनी कार्यालय से मांगी जा सकती है।

बाबूलाल की प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया है न्यायाधिकरण में

स्पीकर न्यायाधिकरण में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी पर दल-बदल के आरोपों में सुनवाई चल रही है। छह मई को इस मामले में सुनवाई के दौरान स्पीकर न्यायाधिकरण ने बाबूलाल मरांडी की प्रारंभिक आपत्ति को खारिज कर दिया था। जबकि नौ मई की सुनवाई में न्यायाधिकरण ने कहा था कि अब मेरिट पर सुनवाई होगी, यानि न्यायाधिकरण दल-बदल हुआ है अथवा नहीं, इसपर सुनवाई आरंभ करेगा। न्यायाधिकरण में आठ बिंदुओं पर सुनवाई होगी।

इन बिंदुओं पर सुनवाई निर्धारित कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह द्वारा की गई देर से शिकायत के कारण यह सुनने योग्य है या नहीं है। 16 फरवरी 2020 को बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा सचिवालय को सूचित किया था कि वे भाजपा में शामिल हुए हैं। उस दिन झारखंड विकास मोर्चा के सदस्यों की संख्या कितनी थी और कौन-कौन झाविमो विधानमंडल दल के सदस्य थे। बाबूलाल मरांडी द्वारा यह सूचित किया जाना संविधान की दसवीं अनुसूची के मुताबिक झारखंड विकास मोर्चा की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ना माना जाएगा या नहीं। इस प्रकार अकेले भाजपा में बाबूलाल मरांडी के शामिल होने से उन्हें दसवीं अनुसूची का लाभ प्राप्त होगा या नहीं। बाबूलाल मरांडी द्वारा प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को निष्कासित किए जाने के बाद झारखंड विकास मोर्चा विधानमंडल दल की संख्या पूर्ववत रही या नहीं। बाबूलाल संवैधानिक प्रविधानों के मुताबिक दल परिवर्तन के नियम के तहत अयोग्य (निरहर्ता) हुए या नहीं। यदि बाबूलाल मरांडी दल की निरहर्ता हो तो वह किस तिथि से प्रभावी होगी।

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