Jharkhand News: रघुवर दास के पक्ष में आए बाबूलाल, तो झामुमो ने दनादन दागे चुभते सवाल...

Jharkhand News राज्यसभा चुनाव 2016 के जांच प्रकरण में सत्ता पक्ष की ओर से लगातार निशाने पर लिए जा रहे भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने कहा कि निजी वैमनस्यता के लिए पुलिस का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 08:50 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 08:52 PM (IST)
Jharkhand News: रघुवर दास के पक्ष में आए बाबूलाल, तो झामुमो ने दनादन दागे चुभते सवाल...
Jharkhand News: हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand News राज्यसभा चुनाव 2016 के जांच प्रकरण में सत्ता पक्ष की ओर से लगातार निशाने पर लिए जा रहे भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने इस मामले पर अपनी चुप्पी तोड़ी है। इस प्रकरण में मीडिया से सीधे बातचीत के बजाए उन्होंने ट्वीट का सहारा लेते हुए संयमित टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि राजनीति में निजी वैमनस्यता के लिए पुलिस का बेजा इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्यसभा चुनाव की जांच को मैंने हरसंभव सहयोग किया है। लेकिन पुलिस अधिकारियों की भूमिका अब निष्पक्ष नहीं लग रही है। तीन सालों में पुलिस अनुसंधान में एक कदम आगे नहीं बढ़ पाई। अधिकारी पुराने पत्र के आधार पर पीसी एक्ट की धाराएं जोड़ रहे हैं। अधिकारियों को जांच में आए तथ्यों के आधार पर धाराएं जोड़नी चाहिए। इसकी वजह राजनीतिक या निजी नहीं होनी चाहिए। राजनीति में निजी वैमनस्यता के लिए पुलिस का बेजा इस्तेमाल किसी पक्ष के लिए ठीक नहीं है।

बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर झामुमो ने लगातार पलटवार किया। झामुमो ने बाबूलाल पर तंज कसते हुए कहा कि शांति से बैठ विचार कर लें कि आप बोलना क्या चाहते हैं। 2016 में आप राज्यपाल से लेकर राष्ट्रपति तक ज्ञापन दे रहे थे कि झारखंड पुलिस निष्पक्ष नहीं है। जांच को प्रभावित कर रही है। आज जांच अधिकारी बदल गए हैं। आपने दल भी बदल लिया है पर पुलिस वाली शिकायत नहीं बदली।

जिस अधिकारी पर आपने हार्स ट्रेडिंग का सबसे बड़ा आरोप लगाया, उसे आज हेमंत सरकार ने निलंबित कर रखा है ताकि जांच में बाधा न हो। तीन साल में डेढ़ साल तो आपके परम मित्र रघुवर दास शासन कर रहे थे। वे अपने और अपने प्रिय अधिकारी के खिलाफ कैसे जांच करते। डेढ़ साल में हेमंत सरकार ने जांच तो तेजी से आगे बढ़ाया, पर बीच में अपने दल, विचार, सोच बदल ली। इसीलिए आज अपने द्वारा ही की गई शिकायत पर खुद सफाई देनी पड़ रही है।

बाबूलाल नहीं, झारखंड के भाजपाइयों की परीक्षा : कांग्रेस

कांग्रेस ने 2016 के राज्यसभा चुनाव में हुई गड़बड़ी को लेकर कहा है कि यह प्रकरण बाबूलाल की नहीं, राज्य के भाजपाइयों की परीक्षा ले रहा है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता शमशेर आलम ने बयान जारी कर कहा है कि उस समय तत्कालीन जेवीएम सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने स्वयं चुनाव आयोग को हॉर्स ट्रेडिंग मामले में गड़बड़ी की शिकायत की थी। मरांडी ने ही तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास समेत एडीजी अनुराग गुप्ता और अन्य के खिलाफ ऑडियो वीडियो टेप जारी कर चुनाव आयोग को सौंपा था।

आज बाबूलाल राजनीतिक करवट बदलते हुए भाजपा में घर वापसी कर चुके हैं। आज की तारीख में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। अब बाबूलाल भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का विरोध कर अपनी टांग में कुल्हाड़ी तो नहीं मार सकते हैं। भाजपा के कार्यकर्ता भी परेशान हैं कि वे रघुवर दास के पक्ष में खड़े हों या भाजपा छोड़कर घर वापसी किए बाबूलाल मरांडी के समर्थन में।

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