Jharkhand Municipal Chunav: झारखंड नगर निकाय चुनाव के लिए क्यों अहम होगी कैबिनेट की अगली बैठक, जानिए

Jharkhand Municipal Chunav राज्यपाल ने 19 दिसंबर को झारखंड नगर निकाय चुनाव कराए जाने की बात पर अपनी सहमति दी थी। लेकिन इसी बीच आदिवासी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया। जिसके कारण पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव ठप हो गया है।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Mon, 28 Nov 2022 12:29 PM (IST) Updated:Mon, 28 Nov 2022 12:29 PM (IST)
Jharkhand Municipal Chunav: झारखंड नगर निकाय चुनाव के लिए क्यों अहम होगी कैबिनेट की अगली बैठक, जानिए
Jharkhand Municipal Chunav: झारखंड नगर निकाय चुनाव के लिए अहम होगी कैबिनेट की अगली बैठक।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand Municipal Chunav जनजातीय परामर्शदात्री परिषद (टीएसी) की बैठक में एकल पदों पर रोस्टर व्यवस्था से आरक्षण प्रणाली का विरोध किए जाने के कारण पूरे प्रदेश में निकाय चुनाव ठप हो गया है। अब अगले साल ही निकाय चुनाव होने की संभावना दिख रही है। इसी क्रम में गुरुवार को निर्धारित कैबिनेट की बैठक अहम होगी। कैबिनेट की बैठक में नियमों और कानून में संशोधन के लिए प्रस्ताव पर चर्चा होने की उम्मीद हैं। इसके लिए महाधिवक्ता का परामर्श भी मंगाए जाने की बात विधायकों सहित टीएसी के सदस्यों ने कही थी। नगर विकास विभाग इस मामले में अगला प्रस्ताव तैयार करेगा।

अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण पर सरकार को लेना है फैसला

ज्ञात हो कि नगर विकास विभाग के प्रस्ताव पर राज्यपाल ने 19 दिसंबर को चुनाव कराए जाने की बात पर अपनी सहमति दी थी जिस पर तैयारियां शुरू हो चुकी थीं, लेकिन इसी बीच, आदिवासी संगठनों ने विरोध करना शुरू कर दिया। इन संगठनों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर टीएसी का बैठक बुलाई गई जिसमें एकल पदों पर आरक्षण में रोस्टर प्रणाली का विरोध किया गया। झारखंड के अनुसूचित क्षेत्र (शिड्यूल एरिया) में नगर निकायों के विभिन्न पदों पर अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित करने को लेकर सरकार को निर्णय लेना है।

मेयर व अध्यक्ष पद, गैर आदिवीसियों को आरक्षित किये जाने का विरोध

राजधानी रांची समेत अनुसूचित क्षेत्रों में मेयर व अध्यक्ष पद गैर आदिवासी के लिए आरक्षित किये जाने का राज्य के आदिवासी संगठन विरोध कर रहे हैं। द प्रोविजन आफ द म्यूनिसिपैलिटिज (एक्सटेंशन टू द शिड्यूल्ड एरियाज) बिल 2001 पर स्टैंडिंग कमेटी द्वारा प्रस्तावित संशोधन पर विमर्श करने के बाद आगे की रणनीति तैयार होगी। इस बिल में प्रविधान किया गया है कि अनुसूचित क्षेत्र में स्थित नगर निकायों में अनुसूचित जनजाति की आबादी अधिक होने पर उसके अनुरूप मेयर, अध्यक्ष या वार्ड पार्षद का पद अनुसूचित जनजाति के लिए ही आरक्षित होगा। परंतु, इसके लिए टीएसी की अनुशंसा अनिवार्य होगी

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