Jharkhand High Court: नई शराब नीति पर झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 21 जून को

Jharkhand High Court झारखंड की नई उत्पाद नीति के खिलाफ झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई हो रही है। याचिका में प्रार्थी ने दावा किया है कि इसके पीछे निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने की मंशा है। आम सूचना और आपत्ति के निराकरण के बिना उत्‍पाद नीति बनाई गई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Tue, 10 May 2022 03:26 AM (IST) Updated:Tue, 10 May 2022 03:43 PM (IST)
Jharkhand High Court: नई शराब नीति पर झारखंड हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, अगली सुनवाई 21 जून को
Jharkhand High Court: झारखंड की नई उत्पाद नीति के खिलाफ दाखिल याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में आज सुनवाई होगी।

रांची, राज्य ब्यूरो। Jharkhand High Court झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डा रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में राज्य सरकार की ओर से बनाई गई नई उत्पाद नीति के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अदालत झारखंड राज्य बेवरेज कारपोरेशन लिमिटेड को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है। अदालत ने कारपोरेशन और राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 21 जून को होगी।

सुनवाई के दौरान वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अपराजिता भारद्वाज ने अदालत को बताया कि नई उत्पाद नियमावली निजी कंपनी को लाभ पहुंचाने की मंशा से बनाई गई है। इसमें उत्पाद अधिनियम के विभिन्न प्रविधानों का उल्लंघन किया गया है। इससे पहले भी राज्य सरकार ने उत्पाद नीति में संशोधन किया था, जिसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। अब उसके बाद राज्य सरकार ने दूसरी उत्पाद नीति बना दी, जिसमें उत्पाद अधिनियम के प्रविधानों का पालन नहीं किया गया है।

इस पर अदालत ने झारखंड राज्य बेवरेज कारपोरेशन को प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है। इस संबंध में प्रार्थी तारकेश्वर महतो की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि जब झारखंड स्टेट बेवरेज कारपोरेशन लिमिटेड (जेएसबीसीएल) पूरे राज्य का स्टाकिस्ट है और उसे खुदरा बिक्री का भी लाइसेंस दिया गया है तो इसके बीच में किसी दूसरे कंपनी को लाने का कोई औचित्य नहीं है। इससे निजी कंपनी को लाभ मिलेगा। शराब बिक्री में आम तौर पर दो सौ से एक हजार प्रति कार्टन छूट मिलती है। यदि जेएसबीसीएल को थोक बिक्री का लाइसेंस होता तो इस छूट का लाभ राज्य सरकार अथवा उपभोक्ताओं को होता। थोक विक्रेता कंपनी को बीच में रखने की वजह से उक्त राशि का लाभ निजी कंपनियों को मिलेगा। इसके अलावा नई उत्पाद नीति में एक्साइज एक्ट के विभिन्न प्रविधानों का उल्लंघन किया है। एक्साइज एक्ट की धारा 90 के तहत किसी प्रकार की नियमावली बनाने के अधिकार सिर्फ बोर्ड आफ रेवेन्यू को है, ऐसा करने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं है, इसलिए नई उत्पादन नीति को रद किया जाना चाहिए।

झारखंड कैबिनेट की बैठक कल, प्राइवेट विवि के कई प्रस्तावों पर लगेगी अंतिम मुहर

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में बुधवार को झारखंड कैबिनेट की बैठक झारखंड मंत्रालय भवन स्थित मंत्रिमंडल कक्ष में होगी। तीन बजे दोपहर से चलनेवाली बैठक को लेकर सरकार के सभी मंत्रियों और तमाम संबंधित विभागों को सूचित कर दिया गया है। कैबिनेट बैठक में चर्चा के लिए सोमवार शाम तक आधा दर्जन प्रस्ताव पहुंचने की सूचना है। इसके अलावा पूर्व से जो प्रस्ताव कैबिनेट में चर्चा के लिए पहुंचे हुए हैं उनपर भी इस बैठक में विचार हो सकता है। सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि प्राइवेट विश्वविद्यालय से संबंधित कई प्रस्ताव कैबिनेट की बैठक में विचार करने के लिए लाए जा सकते हैं। इसकी तैयारी जोर-शोर से चल रही है।

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