एक चुम्‍मा तू मुझको उधार दे दे... गोविंदा-शिल्‍पा शेट्टी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई टली

Govinda and Shilpa Shetty. उच्‍च न्‍यायालय में याचिका दाखिल कर गोविंदा और शिल्‍पा शेट्टी की ओर से निचली अदालत की कार्रवाई को निरस्‍त करने की मांग की गई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Mon, 08 Jul 2019 12:15 PM (IST) Updated:Mon, 08 Jul 2019 04:02 PM (IST)
एक चुम्‍मा तू मुझको उधार दे दे... गोविंदा-शिल्‍पा शेट्टी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई टली
एक चुम्‍मा तू मुझको उधार दे दे... गोविंदा-शिल्‍पा शेट्टी मामले में हाई कोर्ट में सुनवाई टली

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। एक चुम्‍मा तू मुझको उधार दे दे... और बदले में यूपी बिहार ले ले... फिल्‍म छोटे सरकार के इस गाने को लेकर सोमवार को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई टल गई है। उच्‍च न्‍यायालय के जस्टिस एके गुप्ता की अदालत में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी व अभिनेता गोविंदा की याचिका पर समय की कमी के कारण सुनवाई नहीं हो सकी। इस गाने को लेकर चल रहे केस में अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और अभिनेता गोविंदा को उच्‍च न्‍यायालय ने राहत दे रखी है। अदालत ने शिल्पा शेट्टी को निचली अदालत की ओर से जारी समन के खिलाफ आवेदन दाखिल करने का निर्देश दिया था। हालांकि अदालत ने निचली अदालत की कार्रवाई पर रोक को बरकरार रखा है।

पिछली सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया था कि सिनेमेटोग्राफी एक्ट के तहत अगर किसी फिल्म को प्रदर्शन करने का लाइसेंस मिल जाता है तो उस मामले में आइपीसी की धारा लागू नहीं होती है। सत्यम शिवम सुंदरम फिल्म को लेकर अभिनेता राजकपूर के खिलाफ भी इसी तरह का एक मामला दर्ज हुआ था। सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब फिल्म को विशेष कानून के तहत सेंसर बोर्ड पास कर देता है, तो ऐसे मामले में जनरल कानून (आइपीसी की धारा) नहीं लागू होगा।

शिल्पा शेट्टी के मामले में निचली अदालत के संज्ञान को चुनौती नहीं दी गई है। जिसपर अदालत ने उन्हें इसके लिए आइए (हस्तक्षेप याचिका) दाखिल करने का निर्देश दिया था। बता दें कि इस संबंध में शिल्पा शेट्टी व गोविंदा की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर निचली अदालत की कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की गई है।

कहा, गाने की वजह से बिहार की बदनामी हुई
वर्ष 1996 में रिलीज हुई फिल्म छोटे सरकार के गीत एक चुम्मा तो मुझको उधार दे दे, और बदले में यूपी-बिहार ले ले, को लेकर एमएम तिवारी ने पाकुड़ की अदालत में शिकायतवाद दर्ज कराई थी। जिसमें कहा गया है कि इस गाने की वजह से बिहार की बदनामी हुई है। इसपर अदालत ने इन लोगों को हाजिर होने के समन जारी किया था। समन जारी के बाद भी दोनों कोर्ट में हाजिर नहीं हुए तो इनके खिलाफ वांरट जारी कर दिया गया।

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