Lockdown Update: झारखंड हाई कोर्ट ने दिया सभी किन्नरों को राशन उपलब्ध कराने का निर्देश

Lockdown Update. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को केरल मॉडल लागू करने का निर्देश दिया है। राज्य सरकार से 24 अप्रैल को प्रगति रिपोर्ट तलब की है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 18 Apr 2020 08:39 AM (IST) Updated:Sat, 18 Apr 2020 08:39 AM (IST)
Lockdown Update: झारखंड हाई कोर्ट ने दिया सभी किन्नरों को राशन उपलब्ध कराने का निर्देश
Lockdown Update: झारखंड हाई कोर्ट ने दिया सभी किन्नरों को राशन उपलब्ध कराने का निर्देश

रांची, राज्य ब्यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत ने सरकार को राज्य के सभी जिलों के किन्नरों तक राशन पहुंचाने का निर्देश दिया है। शुक्रवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने राज्य सरकार को इस बाबत केरल मॉडल लागू करने को कहा। इस संबंध में अमरजीत सिंह की ओर से अधिवक्ता सोनल तिवारी ने जनहित याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि लॉकडाउन में किन्नरों का भी जीवन यापन करना मुश्किल हो गया है।

उनका आधार कार्ड नहीं बना है, इस वजह से न तो राशन कार्ड मिला है और न ही बैंक खाता ही खुला है। इससे उनकी परेशानी और बढ़ गई है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जमशेदपुर के कुछ किन्नरों ने उपायुक्त को पत्र लिख कर घरों तक राशन पहुंचाने का आग्रह किया था, लेकिन जमशेदपुर के उपायुक्त ने इस आवेदन पर कोई कार्रवाई नहीं की, इस कारण जनहित याचिका दाखिल करनी पड़ी है। इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि यह गंभीर मामला है।

सरकार और प्रशासन की जिम्मेवारी सभी को भोजन पहुंचाने की है। इस दौरान जस्टिस एसएन प्रसाद ने कहा कि राज्य के सभी जिलों से एक-एक किन्नर को चिह्नित किया जाए, उनके माध्यम से अन्य किन्नरों की जानकारी मिल जाएगी। इसके बाद वहां के उपायुक्त उन्हें सभी सुविधाएं उपलब्ध कराएं। इस दौरान प्रार्थी के अधिवक्ता सोनल तिवारी ने अदालत को बताया कि केरल में इन्हें शेल्टर भी प्रदान किया गया है।

इस पर अदालत ने केरल मॉडल को लागू करने का निर्देश दिया। महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार सभी को भोजन उपलब्ध करा रही है। किन्नरों को भी भोजन दिया जाएगा। हर जिले के किन्नरों के इलाके में जाकर उनकी सूची तैयार की जाएगी और उन्हें भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। इस पर अदालत ने सरकार को 24 अप्रैल को प्रगति रिपोर्ट पेश करने और यह बताने को कहा है कि जमशेदपुर के उपायुक्त ने किन्नरों  के पत्र मिलने के बाद क्या कार्रवाई की है।

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