कोरबा जनजाति की महिला की निकाल ली बच्‍चेदानी, परिवार नियोजन की मनाही के बाद भी ऑपरेशन

एमजी हॉस्पिटल में आदिम जनजाति की महिला शीला देवी की बच्चेदानी निकलने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की रिपोर्ट अभी नहीं आ सकी है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 15 Jan 2020 11:06 AM (IST) Updated:Wed, 15 Jan 2020 02:03 PM (IST)
कोरबा जनजाति की महिला की निकाल ली बच्‍चेदानी, परिवार नियोजन की मनाही के बाद भी ऑपरेशन
कोरबा जनजाति की महिला की निकाल ली बच्‍चेदानी, परिवार नियोजन की मनाही के बाद भी ऑपरेशन

रांची, जेएनएन। गढ़वा के नवादा मोड़ स्थित निजी नर्सिंग होम एमजी हॉस्पिटल में कोरबा जनजाति की एक महिला की बच्चेदानी निकाले जाने का मामला प्रकाश में आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सिविल सर्जन ने जांच के लिए तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है। जांच में एक महिला की बच्चेदानी निकालने की पुष्टि हुई है, जबकि दो अन्य महिलाओं को भी इसी मकसद से अस्पताल में भर्ती किया गया था। सिविल सर्जन की जांच में अस्पताल में कोई विशेषज्ञ चिकित्सक कार्यरत नहीं पाया गया। इसके बाद भी बच्चेदानी निकालने जैसे गंभीर ऑपरेशन यहां किए जा रहे हैैं।

ज्ञात हो कि कोरबा जनजाति राज्य की विलुप्त होती जनजातियों में शामिल है। इनकी घटती संख्या को देखते हुए इस जनजाति की महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन भी करने की मनाही है। वहीं अस्पताल संचालक ने कोरवा जनजाति की महिला का ऑपरेशन कर पूरी बच्चेदानी ही बाहर निकाल दी है। पूरा मामला गैर जरूरी ऑपरेशन कर आयुष्मान योजना के तहत मोटी रकम हड़पने से जुड़ा होने की आशंका है। इसके लिए जरूरी प्रक्रिया भी नहीं अपनाई गई है।

सिविल सर्जन के निरीक्षण के दौरान उजागर हुआ मामला

विलुप्तप्राय जनजाति की महिला की बच्चेदानी निकालने का यह मामला सोमवार को सिविल सर्जन डॉ. एनके रजक की जांच और निरीक्षण के दौरान सामने आया। बताया जाता है कि सिविल सर्जन आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध व्यवस्था की जांच में निकले थे। इसी क्रम में वह एमजी हॉस्पिटल में पहुंचे तो प्रबंधन से बात करने के साथ साथ कुछ मरीजों और उनके परिजनों से भी बात की।  अस्पताल में कागजात की जांच के दौरान सिविल सर्जन ने पाया कि डंडई की कोरबा जनजाति की महिला शीला देवी पति राजेंद्र कोरबा का ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाल दी गई है। मामले को गंभीरता से लेते हुए सिविल सर्जन ने एसीएमओ डॉ. जेपी सिंह, सदर अस्पताल की उपाधीक्षक डॉ. रागिनी अग्रवाल व सर्जन डॉ. अमित कुमार की तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर महिला की बीमारी और किए गए उपचार समेत तमाम पहलुओं पर जांच करने के आदेश दिए।

किसने रेफर किया और किसने ऑपरेशन किया, इसका जवाब मिलना भी बाकी

उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत के तहत रेफर किए जाने की स्थिति में ही निजी अस्पताल में इलाज कराना है। शीला देवी को किस चिकित्सक ने रेफर किया और एमजी अस्पताल में किस डॉक्टर ने ऑपरेशन किया आदि सवालों का संचालक संतोषजनक जवाब नहीं दे सके हैैं। सभी बिंदुओं पर गहन जांच करने के निर्देश दिया गया है। उन्होंने बताया कि उक्त अस्पताल में दो अन्य महिलाओं को भी ऑपरेशन के उद्देश्य से भर्ती किया गया है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सात साल पहले भी गढ़वा में महिलाओं की बच्चेदानी निकालने का मामला आया था सामने

इससे पहले भी 2013 में गढ़वा के केतार, भवनाथपुर और खरौंधी में शिविर लगाकर बड़ी संख्या में महिलाओं की बच्चेदानी निकाल लेने का मामला प्रकाश में आया था। तब इस मामले को लेकर काफी हंगामा हुआ था।

कोरबा महिला की बच्चेदानी निकालने के मामले की हुई जांच, रिपोर्ट का इंतजार

शहर के नवादा मोड़ स्थित एमजी हॉस्पिटल में आदिम जनजाति की महिला शीला देवी की बच्चेदानी निकलने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। सिविल सर्जन डॉ. एनके रजक के आदेश पर चिकित्सकों की तीन सदस्यीय टीम ने मामले की जांच की, रिपोर्ट अभी नहीं आ सकी है। एमजी हॉस्पिटल प्रबंधन ने मंगलवार की सुबह ही शीला देवी को अस्पताल से छुट्टी दे दी है।

बताते चलें कि एमजी हॉस्पिटल में डंडई थाना क्षेत्र के रारो गांव निवासी राजेंद्र कोरवा की पत्नी शीला देवी का ऑपरेशन कर बच्चेदानी निकाली गई थी। सोमवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं की जांच के लिए सिविल सर्जन पहुंचे थे। उनकी जांच के क्रम में विलुप्त होती कोरवा जनजाति की महिला की बच्चेदानी निकालने का मामला उजागर हुआ था।

एमजी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध निजी अस्पतालों में है। अस्पताल संचालक डॉ परवेज आलम के अनुसार शीला देवी समेत एमजी हॉस्पिटल में भर्ती अन्य दूसरे मरीजों का मेदिनीनगर सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ कादिर परवेज द्वारा ऑपरेशन किया गया है। अस्पताल के चिकित्सकों ने शीला की जांच में पाया था कि बच्चेदानी नहीं निकालने पर उसकी हालत और बिगड़ जाएगी। यही वजह था कि उसकी बच्चेदानी को निकालना पड़ा। शीला के परिजनों ने बताया कि वह लंबे समय से रक्तस्राव से परेशान थी।

chat bot
आपका साथी