जल जागरण: मुख्‍य सचिव ने कहा- जन आंदोलन लाने का काम करेंगी जल सेनाएं

मुख्‍य सचिव डीके तिवारी ने झारखंड के सभी 40 हजार स्कूलों में जल सेनाएं गठित करने का आह्वान भी सभी शिक्षकों से किया। साथ हीे स्वच्छता को बच्चों की आदत में शामिल करने पर जोर दिया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 28 Aug 2019 02:09 PM (IST) Updated:Wed, 28 Aug 2019 07:58 PM (IST)
जल जागरण: मुख्‍य सचिव ने कहा- जन आंदोलन लाने का काम करेंगी जल सेनाएं
जल जागरण: मुख्‍य सचिव ने कहा- जन आंदोलन लाने का काम करेंगी जल सेनाएं
रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। मुख्य सचिव डॉ. डीके तिवारी ने कहा है कि जल संरक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता लाने के लिए स्कूलों में गठित की जा रहीं जल सेनाएं आंदोलन का रूप लेंगी। उन्होंने बचे हुए स्कूलों में भी जल सेनाएं गठित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 45 हजार स्कूलों में लाखों बच्चे पढ़ते हैं। यदि इन बच्चों के माध्यम से जल संरक्षण और स्वच्छता को लेकर लोगों में जागरुकता आ जाए तो झारखंड का भविष्य सुधर जाएगा।
मुख्य सचिव बुधवार को प्रोजेक्ट भवन में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग तथा यूनिसेफ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित 'स्वच्छ विद्यालय स्वस्थ बच्चे' कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए स्कूल बेंचमार्क एप की लांचिंग की। इसी के साथ पहली सितंबर से सरकारी स्कूलों में शुरू हो रहे स्वच्छता पखवाड़ा का भी शुभारंभ हुआ।
छोटे-छोटे गड्ढों में पानी जमा होने देना जल संचयन नहीं
इस अवसर पर मुख्य सचिव ने झारखंड में जल संचयन को अत्यंत जरूरी बताते हुए कहा कि पानी जमीन के अंदर बचाएं या छोटे-छोटे तालाब बनाकर। उन्होंने जल शक्ति अभियान में धनबाद के अव्वल आने की जानकारी देते हुए इसके लिए सभी को आगे आने का आह्वान किया। यह भी स्पष्ट किया कि गंदा पानी छोटे-छोटे गड्ढों में जमा होने देना जल संचयन नहीं है। इससे मच्छर और गंदगी ही पनपेंगे। साथ ही स्वच्छता को लेकर बच्चों में व्यवहार परिवर्तन तथा उनकी आदत में इसे शामिल करने पर जोर दिया।
इससे पहले राज्य परियोजना निदेशक उमाशंकर सिंह ने स्वच्छता को लेकर स्कूलों में किए गए प्रयास की विस्तृत जानकारी दी। यूनिसेफ इंडिया के चीफ (वाटर, सेनिटेशन एंड हाइजिन) के निकोलस आसबर्ट तथा यूनिसेफ साउथ एशिया की क्षेत्रीय सलाहकार थ्रीस एनी डूले ने स्कूलों में स्वच्छता अभियान की सराहना की। कार्यशाला को यूनिसेफ की स्टेट चीफ डॉ. मधुलिका जोनाथन ने भी संबोधित किया।
स्वच्छता एवं शौचालय होने के कारण लड़कियों का बढ़ा नामांकन
स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के प्रधान सचिव ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि स्वच्छता और शौचालय निर्माण में झारखंड के सरकारी स्कूलों में बेहतर काम हुआ है। इस कारण ही लड़कियों का नामांकन लड़कों से अधिक हो रहा है। राष्ट्रीय स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार में पिछले वर्ष झारखंड को पूरे देश में तीसरा और पूर्वी राज्यों में पहला स्थान मिला था। झारखंड पहला राज्य था जहां से तीन सरकारी स्कूलों को यह पुरस्कार मिला।
एक से दो लाख तक मिलेगा पुरस्कार
स्कूल बेंचमार्क एप के माध्यम से प्रत्येक स्कूल स्वच्छता में हुई प्रगति का डाटा अपलोड करेंगे जिससे उनकी रैंकिंग होगी। इसके आधार पर मुख्यमंत्री स्वच्छ विद्यालय पुरस्कार के लिए स्कूलों का चयन किया जाएगा। इस योजना के तहत विभिन्न श्रेणी के स्कूलों को एक से दो लाख रुपये पुरस्कार राशि देने का प्रावधान है।
'दैनिक जागरण' ने बनाए सवा लाख जल सैनिक
'दैनिक जागरण' जल संरक्षण को लेकर लोगों में जागरुकता लाने के लिए राज्य सरकार के साथ मिलकर सरकारी व निजी स्कूलों में जल सेनाएं गठित कर रहा है। अभी तक लगभग 11 हजार स्कूलों में सवा लाख से अधिक जल सैनिक तैयार हो चुके हैं। दैनिक जागरण व राज्य सरकार के इस अभियान की कई स्तरों पर सराहना हुई है।
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