Jharkhand: राजीव रंजन IAS पर अनियमितता का आरोप, जांच का आदेश

Jharkhand Bureaucracy Rajeev Ranjan IAS झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक राजीव रंजन के विरुद्ध स्वास्थ्य सचिव ने जांच के लिए दो सदस्यीय समिति गठित की। आरोप है कि पूर्व से कार्यरत एनजीओ को हटाकर मनमाने ढंग से नया एनजीओ का चयन किया गया।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sun, 07 Feb 2021 08:07 PM (IST) Updated:Sun, 07 Feb 2021 09:05 PM (IST)
Jharkhand: राजीव रंजन IAS पर अनियमितता का आरोप, जांच का आदेश
झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक राजीव रंजन।

रांची, राज्य ब्यूरो। भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी तथा झारखंड राज्य एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक राजीव रंजन के विरुद्ध अनियमितता के आरोप लगे हैं। आरोप संबंधित शिकायत मिलने के बाद मुख्य सचिव सुखदेव सिंह के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव केके सोन ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय विभागीय समिति गठित कर दी है। इस समिति में विभाग के संयुक्त सचिव विद्यानंद झा पंकज तथा उपसचिव राजेश कुमार शामिल किए गए हैं। दरअसल, राजीव रंजन के विरुद्ध एनजीओ के चयन, नियुक्ति में गड़बड़ी तथा अन्य अनियमितता की शिकायत की गई है।

कहा गया है कि पूर्व से कार्यरत एनजीओ को हटाकर मनमाने ढंग से नया एनजीओ का चयन किया गया। यह भी आरोप लगाया गया है कि इन्होंने स्वास्थ्य सचिव की स्वीकृति के बिना दस लाख रुपये से अधिक खर्च किए, जबकि इतनी राशि खर्च के लिए अनुमोदन लेना अनिवार्य है। इधर, परियोजना निदेशक को पैसे देने को लेकर दो ऑडियो भी तेजी से वायरल हो रहे हैं। इसमें दो व्यक्तियों की बातचीत है, जिसमें एक एनजीओ को काम पर बने रहने के लिए उन्हें पैसे देने की चर्चा हो रही है। बताया जाता है कि इसमें जिस एक शख्स की आवाज है, वह परियोजना निदेशक का खास है। हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि जांच के बाद ही हो सकेगी।

पूर्व कर्मी के विरुद्ध दिया एफआइआर का आदेश, बाद में लिया वापस

परियोजना निदेशक एक अन्य मामले में विवाद में आ गए हैं। परियोजना निदेशक ने सोसाइटी के फेसबुक, ट्विटर आदि का एडमिनशीप कार्यालय को नहीं सौंपने का आरोप लगाते हुए छह फरवरी को पूर्व कर्मी अनिमेष नचिकेता के विरुद्ध एफआइआर का आदेश जारी कर दिया। बाद में रविवार को आनन-फानन में यह कहते हुए आदेश वापस ले लिया कि उन्होंने एडमिनशीप वापस कर दी है। अनिमेष के अनुसार उन्होंने पहले ही एडमिनशीप वापस कर दी थी। इसके बाद भी ऐसा आदेश निकाला गया।

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