झारखंड बजट सत्र: सदन में हंगामे और विपक्ष के बहिष्कार के बीच 2690 करोड़ की अनुदान मांग पारित

Jharkhand Budget Session विधानसभा में शनिवार को विपक्ष के बहिष्कार के बीच अनुसूचित जनजाति अनुसूचित जाति पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2690 करोड़ रुपये की अनुदान मांग पारित हुई। इस दौरान जहां भाजपा ने आदिवासी भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।

By Ashish JhaEdited By: Publish:Sun, 19 Mar 2023 12:41 AM (IST) Updated:Sun, 19 Mar 2023 12:41 AM (IST)
झारखंड बजट सत्र: सदन में हंगामे और विपक्ष के बहिष्कार के बीच 2690 करोड़ की अनुदान मांग पारित
विधानसभा में शनिवार को 2690 करोड़ रुपये की अनुदान मांग पारित हुई।

रांची, राज्य ब्यूरो: विधानसभा में शनिवार को विपक्ष के बहिष्कार के बीच अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण के लिए 2690 करोड़ रुपये की अनुदान मांग पारित हुई।

इस दौरान जहां भाजपा ने आदिवासी भावनाओं से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। वहीं, कांगेस और झामुमो ने इसे सबकी सरकार करार दिया।

विपक्ष की ओर से कटौती प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए मंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि सबसे पहले राज्य की सामाजिक और बुनियादी व्यवस्था को मजबूत करना है।

ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों को शहरों में शिक्षा ग्रहण में परेशानी नहीं हो इसको ध्यान में रखकर रांची, जमशेदपुर, हजारीबाग, दुमका, देवघर, चाईबासा, गोड्डा में बहुमंजिला छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा।

एससी, एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों के लिए संचालित छात्रावास में रसोइया और सफाईकर्मी की नियुक्ति की जाएगी साथ ही सरकार छात्रावास में रहनेवाले छात्र छात्राओं के लिए भोजन की भी व्यवस्था करेगी।

हर छात्रावास में लाइब्रेरी का निर्माण किया जाएगा। आदिवासी संस्कृति कलाकेंद्र की व्यवस्था की जाएगी। एससी,ओबीसी बहुल गांवों में धार्मिक स्थल और श्मसान घाटों की घेराबन्दी कराई जाएगी।

एक भी नौकरी नहीं दी 10 हजार पोषण सखियों को हटाया : केदार

भोजनावकाश के बाद सदन में कल्याण विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा हुई। अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव लाते हुए भाजपा विधायक केदार हाजरा ने कहा कि केंद्र सरकार ने एससी, एसटी और ओबीसी का बजट तीन गुणा बढ़ाया।

आदिवासी समाज का गौरव बढ़े इसको ध्यान में रखकर मोदी सरकार ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को आदिवासी गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया, लेकिन झारखंड सरकार ने 10 हजार पोषण सखियों को नौकरी से हटाया।

उन्होंने सदन में विपक्ष पर हमलावर दिखे जिगा सुसारन होरो झामुमो विधायक जिगा सुसरान होरो ने चर्चा में भाग लेते हुए कहा कि हेमंत सरकार में झारखंड के आदिवासी बच्चे को विदेश पढ़ने के लिए भेजा जा रहा है।

सरना मसना स्थल की घेराबंदी कराई जा रही है। सुसारन होरो ने भाजपा नेताओं को निशाने पर लिया। पूर्व मंत्री अमर बाउरी से पूछा कि आखिर उन्होंने क्यों बाबूलाल मरांडी को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया।

उस वक्त तो मरांडी के आंसू पोछनेवाले प्रदीप यादव अब सरकार के साथ हैं, लेकिन आप लोग नहीं। कहा कि हम लोग लड़ना जानते हैं और लड़कर झारखंड लिए हैं।

आवासीय विद्यालयों को नहीं मिला अनुदान : नवीन

भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने कहा कि 43 आवासीय विद्यालयों में चालू वित्तीय वर्ष में एक रुपए का भी अनुदान नहीं दिया गया है। उन्होंने कहा कि हजारीबाग में रामनवमी जुलूस को लेकर प्रशासन अनुमति नहीं दे रही है, उल्टे 5 हजार लोगों पर 107 का मुकदमा दर्ज कर दिया गया है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

थर्ड जेंडर को भी पेंशन मिले : पूर्णिमा

कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग में 54 प्रतिशत राशि की वृद्धि की गई है। सरकार ने बच्चों को पहली बार गर्म कपड़े दिए।

सावित्री बाई फुले योजना के माध्यम से किशोरियों की शिक्षा में सुधार हो रहा है। भ्रूण हत्या में कमी आयी है। सर्वजन पेंशन योजना से 21 लाख लोग लाभान्वित हो रहे हैं।

उन्होंने कहा कि समय आ गया है जब महिलाओं को सहानुभूति नहीं सम्मान दिया जाय। कहा कि महिलाओं को समानता नहीं समान अवसर चाहिए। उन्होंने सर्वजन पेंशन योजना की राशि बढ़ाने की मांग के साथ यह भी मांग रखी कि थर्ड जेंडर को भी पेंशन का हक मिले।

दिव्यांग खिलाड़ियों को भी नौकरी दी जाय। हर जिले में सेंटर फार वीमेन स्टडीज की व्यवस्था हो। वन डिस्ट्रिक्ट वन स्पोर्ट्स की व्यवस्था की जाय। उन्होंने आम बाेलचाल से चूड़ी पहन लो, विधवा विलाप जैसे कहावतों को हटाने की मांग की।

विधायक शिल्पी नेहा तिर्की ने आरक्षण का मुद्दा उठाया और कहा कि अभी तक आरक्षित वर्गों के साथ न्याय नहीं हो सका है।

शशिभूषण मेहता ने दैनिक जागरण की प्र‍ति लहराई

पलामू में अनुसूचित जाति के सदस्यों की जमीन हड़पे जाने का मामला उठाते हुए विधायक शशिभूषण मेहता दैनिक जागरण की प्रति को सबके सामने लहराया और आरोप लगाया कि अनुसूचित जाति बिरादरी के इन लोगों को अभी तक न्याय नहीं मिला है और दबंगों से उनकी जमीन वापस नहीं कराई जा रही है।

chat bot
आपका साथी