Jharkhand Budget Session: भूख से मौत पर हंगामा, वेल में उतरे भाजपा विधायक

झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में गुरुवार की कार्यवाही शुरू होने के साथ ही सदन का माहौल गर्म हो गया है। भाजपा विधायकों ने भूखल घासी की भूख से मौत को लेकर प्रदर्शन किया।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 19 Mar 2020 11:28 AM (IST) Updated:Thu, 19 Mar 2020 07:08 PM (IST)
Jharkhand Budget Session: भूख से मौत पर हंगामा, वेल में उतरे भाजपा विधायक
Jharkhand Budget Session: भूख से मौत पर हंगामा, वेल में उतरे भाजपा विधायक

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड विधानसभा का बजट सत्र की कार्यवाही गुरुवार को एक बार फिर शुरू होने के साथ ही हंगामे में डूब गया। बोकारो के भुखल घासी की मौत का मामला गुरुवार को सदन में एक बार फिर उठा। इस भूख से मौत का मामला और सरकार की विफलता बताते हुए भाजपा विधायक वेल में उतरे और तख्तियां लेकर प्रदर्शन व नारेबाजी की। विधायकों ने स्थानीय प्रशासन पर भी आरोप लगाया। कहा, 25 हजार रुपये देकर पीडि़त परिवार का मुंह बंद करने की कोशिश की जा रही है।

ज्ञात हो कि पिछले दिनों बोकारो जिले के कसमार प्रखंड के शकंरडीह गांव के भुखल पासी की गरीबी और बीमारी से लड़ते हुए मौत हो गई थी। इसके बाद से ही विपक्षी दल इस मुद्दे पर सरकार को घेरने में लगे हैं। गुरुवार को सदन की कार्यवाही 11.06 बजे शुरू होते ही भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने इस मामले को उठाया। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन के स्तर पर पीडि़त परिवार को 25 हजार रुपये देकर परिजनों का मुंह बंद करने का प्रयास किया जा रहा है।

भुखल घासी की मौत भूख से हुई थी, इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कराई जाए। साथ ही विधानसभा की कमेटी गठित की जाए। पूर्व में हुई संतोषी की मौत का हवाला देते हुए कहा कि तब झामुमो सदस्यों ने खूब हंगामा किया था। इसी के साथ भानु प्रताप शाही सहित अन्य भाजपा विधायक वेल में उतर गए और तख्तियां लेकर प्रदर्शन करने लगे। भाजपा सदस्यों ने भुखल घासी की मौत के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करने, 10 लाख रुपये मुआवजा और पीडि़त परिवार के सदस्य को नौकरी देने की मांग की।

स्पीकर रवींद्र नाथ महतो ने कहा कि यह मामला सरकार के संज्ञान में आ गया है, अब प्रश्न काल चलने दें। विधायक अमर कुमार बाउरी ने भूखल घासी की मौत पर कार्यस्थगन प्रस्ताव पेश करते हुए चर्चा की मांग की। स्पीकर ने अमर बाउरी के कार्यस्थगन को अमान्य देते हुए अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान इस पर चर्चा की बात कही।

बंधु बोले, वोट बैंक के लिए बाहर के लोगों को बसाया जा रहा है

विधायक बंधु तिर्की ने रांची में बनाए जा रहे प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़ी विसंगति का मामला उठाया। कहा, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जो घर बनाए जा रहे हैं, उसे दूसरे राज्य के निवासियों को दिया जा रहा है। ये आवास शिड्यूल एरिया में बन रहे हैं। यह आदिवासियों-मूलवासियों के लिए हैं। यह योजना बंद होनी चाहिए। वोट बैंक के लिए बाहर के लोगों को बसाया जा रहा है।

विधायकों को बांटे गए मास्क, नर्सों ने लगाया सैनिटाइजर

राज्य सरकार कोरोना वायरस से बचाव को लेकर तमाम एहतियाती उपाय कर रही है। इस सिलसिले में बुधवार को विधानसभा परिसर में विधायकों को मास्क बांटे गए। वहीं मुख्य द्वार पर मौजूद नर्सों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत तमाम मंत्रियों और विधायकों की हथेली पर सैनिटाइजर भी लगाया। हालांकि इसे लेकर राजनीति भी हुई। भाजपा के विधायक विरंची नारायण ने कहा कि सर्जिकल मास्क बांटने से कुछ नहीं होगा। दिया जा रहा मास्क किसी काम का नहीं है। कायदे से बचाव के लिए एन-95 मास्क की जरूरत है। उन्होंने इसे विधायकों के संग धोखा करार दिया। बोले, जब हमारे साथ ऐसा हो रहा है तो आम जनता का क्या होगा।

इन आरोपों का स्वास्थ्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने शायराना अंदाज में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि जो गुनाहगार न हो, वही पहला पत्थर मारे...। पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य सुधार के क्षेत्र में कितना काम किया, यह जगजाहिर है। यह भी कहा कि स्वास्थ्य महकमा सबका है। विपक्ष के विधायक भी हमारे भाई जैसे हैं। विभाग उनके साथ खड़ा रहेगा। मास्क पर उठाए जा रहे सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी को मास्क पहनने की जरूरत नहीं है। जो संदिग्ध मरीज आइसोलेशन वार्ड में आते हैं उन्हें और उनके संपर्क में आने वाले लोगों को मास्क की जरूरत होती है।

झारखंड मंत्रालय में न सैनिटाइजर, न हैंडवाश, दहशत में कर्मी

झारखंड मंत्रालय के किसी भी विभाग में कोरोना से बचाव की कोई व्यवस्था नहीं है। इसे लेकर यहां के अधिकारी-कर्मचारी दहशत में हैं। पूरे प्रदेश के लिए नीति-निर्धारण व दिशा-निर्देश जारी करने वाले झारखंड मंत्रालय में कोरोना से बचाव के नाम पर सिर्फ बायोमीट्रिक उपस्थिति ही बंद है, जबकि यहां हर दिन सैकड़ों की संख्या में अधिकारी-कर्मचारी व आम लोगों का आना-जाना है। झारखंड मंत्रालय के किसी भी विभाग में सैनिटाइजर या मास्क नहीं है। स्वच्छता के लिए महत्वपूर्ण हैंड वाश तक की कोई व्यवस्था नहीं। किसी भी अधिकारी या कर्मी के पास मास्क नहीं है।

एहतियात के नाम पर केवल बायोमीट्रिक बंद, विभागों ने की शिकायत

झारखंड मंत्रालय के सभी विभागों ने लेखा शाखा को इसकी शिकायत की है कि उन्हें मास्क व सैनिटाइजर जैसे जरूरी साधन व सामान उपलब्ध कराए जाय। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए स्वास्थ्य, चिकित्सा, शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग ने मास्क व सैनिटाइजर को आवश्यक वस्तु अधिनियम के अंतर्गत अधिसूचित किया है। तर्क दिया है कि कार्यों के निष्पादन के दौरान विभिन्न विभागों की फाइलें कई कर्मचारियों व पदाधिकारियों के माध्यम से गुजरती है, जिनसे संक्रमण का खतरा बना हुआ है।

विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई टली

कोरोना से बचाव को लेकर केंद्र सरकार द्वारा जारी आदेश के मद्देनजर राज्य विद्युत नियामक आयोग की जन सुनवाई टल गई है। बुधवार को जन सुनवाई आयोग में प्रस्तावित थी। सचिव ने बताया कि सुनवाई की नई तिथि की घोषणा बाद में की जाएगी।

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