भाजपा ने थपथपाई रघुवर सरकार की पीठ, कहा- झामुमो ने स्थानीयता के नाम पर सिर्फ राजनीति की

भाजपा ने कहा कि रघुवर सरकार ने स्थानीय निवासियों के लिए शत प्रतिशत पदों को आरक्षित कर झारखंडवासियों के लिए आगे बढ़ने का मार्ग प्रशस्‍त किया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Wed, 28 Aug 2019 01:41 PM (IST) Updated:Wed, 28 Aug 2019 01:41 PM (IST)
भाजपा ने थपथपाई रघुवर सरकार की पीठ, कहा- झामुमो ने स्थानीयता के नाम पर सिर्फ राजनीति की
भाजपा ने थपथपाई रघुवर सरकार की पीठ, कहा- झामुमो ने स्थानीयता के नाम पर सिर्फ राजनीति की

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और कैबिनेट के द्वारा सिर्फ स्थानीय निवासी को ही अराजपत्रित समूह -ख , तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में नौकरी देने के फैसले का स्वागत किया। प्रतुल ने कहा हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा की सरकार से स्थानीय नीति को परिभाषित करने के मुद्दे पर समर्थन वापस लिया था। हेमन्त के 14 महीने के कार्यकाल में  स्थानीय नीति को परिभाषित करने की फाइल 14 कदम भी आगे नहीं बढ़ी।
मगर मुख्यमंत्री बनते ही रघुवर दास जी ने ना सिर्फ स्थानीय नीति को परिभाषित किया जिससे लाखों स्थानीय लोगों की नौकरी हुई। बल्कि अब तो कैबिनेट के निर्णय के बाद अब सिर्फ स्थानीय लोगों को ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में मौका मिलेगा। इसका सबसे बड़ा फायदा यहां के आदिवासी मूलवासी समूह और दशकों से यहाँ निवास कर रहे लोगों को मिलेगा।

मुख्यमंत्री रघुवर दास और कैबिनेट के द्वारा सिर्फ स्थानीय निवासी को ही अराजपत्रित समूह -ख , तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में नौकरी देने के फैसले का भाजपा स्वागत करती है: @pratulshahdeo— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) August 28, 2019

हेमंत सोरेन ने आदिवासी- मूलवासियों के नाम पर सिर्फ राजनीति की। लेकिन इन समूहों को इनका हक रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिलाया। यही दोनों दलों के बीच की कथनी और करनी के अंतर को दिखाता है। प्रतुल ने कहा कि रघुवर सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पूर्व में निकाले हुए विज्ञापनों को निरस्त करते हुए नए विज्ञापन निकालने का आदेश दिया। जिसके कारण अब पूर्व में निकाले विज्ञापनों के आधार पर भी अब एक सौ प्रतिशत स्थानीयों को ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी वर्ग में सरकारी नौकरी मिल सकेगी।

.@HemantSorenJMM ने अर्जुन मुंडा की सरकार से स्थानीय नीति को परिभाषित करने के मुद्दे पर समर्थन वापस लिया था । हेमन्त के 14 महीने के कार्यकाल में स्थानीय नीति को परिभाषित करने की फाइल 14 कदम भी आगे नहीं बढ़ी: @pratulshahdeo

— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) August 28, 2019
प्रतुल ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन को झारखंडी जनता को जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने जिस मुद्दे पर सरकार गिराई थी उस मुद्दे को अंजाम तक क्यों नहीं पहुंचाया? दरअसल झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन आदिवासी मूलवासी और यहां के स्थानीय लोगों का उत्थान ही नहीं चाहते। उन्हें सिर्फ वोट बैंक बना कर रखना चाहते हैं। आदिवासी मूल वासियों के हितैषी बनने वाले झामुमो की असलियत जनता के सामने आ चुकी है। अगले विधानसभा चुनाव में झामुमो का क्या हश्र होने वाला है यह किसी से छिपा नहीं है। प्रतुल ने रघुवर सरकार को पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरू करने के लिए भी साधुवाद किया।

मगर मुख्यमंत्री बनते ही @dasraghubar जी ने ना सिर्फ स्थानीय नीति को परिभाषित किया जिससे लाखों स्थानीय लोगों की नौकरी हुई। बल्कि अब तो कैबिनेट के निर्णय के बाद अब सिर्फ स्थानीय लोगों को ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में मौका मिलेगा: @pratulshahdeo

— BJP JHARKHAND (@BJP4Jharkhand) August 28, 2019
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