नशे के कारोबार का कॉरिडोर बना झारखंड-ओडिशा, यहां के गांजा व अफीम की पूरे देश में हो रही सप्लाई

New Corridor of Drunk Business ओडिशा का गांजा और झारखंड की अफीम की देश के कई राज्‍यों में सप्लाई हो रही है। एनसीबी टीम की छापेमारी से इसका पर्दाफाश होता रहा है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 14 Sep 2020 09:02 AM (IST) Updated:Mon, 14 Sep 2020 09:02 AM (IST)
नशे के कारोबार का कॉरिडोर बना झारखंड-ओडिशा, यहां के गांजा व अफीम की पूरे देश में हो रही सप्लाई
नशे के कारोबार का कॉरिडोर बना झारखंड-ओडिशा, यहां के गांजा व अफीम की पूरे देश में हो रही सप्लाई

रांची, राज्य ब्यूरो। New Corridor of Drunk Business ओडिशा-झारखंड पूरे देश में नशे के कारोबार का कॉरिडोर बना हुआ है। झारखंड से होकर ही अफीम व गांजा देश के दूसरे हिस्सों, खासकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश होते हुए दिल्ली-मुंबई तक पहुंच रहा है। इसका पर्दाफाश नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) की छानबीन में भी हो चुका है। राज्य में अब तक दर्जनभर से अधिक स्थानों से बरामद गांजा का ओडिशा कनेक्शन मिल चुका है।

अफीम की खेती और इसकी तस्करी को लेकर झारखंड के नक्सल प्रभावित क्षेत्र हमेशा से बदनाम रहे हैं। रांची, सरायकेला-खरसांवा, खूंटी, चतरा, लातेहार जिले में सबसे अधिक अफीम की खेती के सबूत मिलते रहे हैं। एनसीबी के उप निदेशक (अभियान) केपीएस मल्होत्रा के अनुसार गांजा-अफीम के तस्कर नक्सल क्षेत्र का फायदा उठाकर यह धंधा कर रहे हैं। नक्सल क्षेत्रों में अफीम की फसलें इन दिनों तैयार हो गई हैं और इसकी तस्करी हो रही है।

हालिया बरामदगी में जो जानकारी मिली

11 अगस्त को रांची के ओरमांझी में टोल प्लाजा के पास एनसीबी ने चंडीगढ़ के विनोद कुमार नामक युवक को एक कार में 14 किलोग्राम अफीम ले जाते वक्त गिरफ्तार किया था। उसकी निशानदेही पर रांची के कांके निवासी अफीम सप्लायर मधु महतो के घर से भी दो किलोग्राम अफीम बरामद की गई। मधु महतो भी गिरफ्तार हुआ और उसके घर से 20 लाख 80 हजार रुपये नकद बरामद किए गए। इस बरामदगी में घोर नक्सल प्रभावित जिला खूंटी के सप्लायर की तलाश हो रही है। अफीम नक्सल प्रभावित खूंटी में तैयार हुई थी।

एक सितंबर को रांची के तुपुदाना के हुलहुंडू से एनसीबी ने 7.50 किलोग्राम अफीम के साथ एक नाबालिग लड़की व चार युवकों को कार सहित गिरफ्तार किया था। इनमें एक युवक अरुण दांगी चतरा जिले के इटखोरी का रहने वाला है, जबकि, अन्य युवक मंगल ङ्क्षसह मुंडा, अनिल पूर्ति, देवेंद्र राम व वह नाबालिग लड़की खूंटी की रहने वाली थी। पूछताछ में पता चला कि अफीम खूंटी से हजारीबाग के रास्ते उत्तर प्रदेश पहुंचनी थी। वहां से पंजाब-हरियाणा व अन्य राज्यों में इसकी सप्लाई होती।

आठ सितंबर को लोहरदगा के कुड़ू में 570 किलोग्राम गांजे की बरामदगी हुई। गांजा ओडिशा के सोनपुर से चला था और इसे बिहार के रोहतास भेजा जाना था। रोहतास से इस गांजे की आपूर्ति दूसरे राज्यों में होती, इससे पहले ही कई धंधेबाज एनसीबी के हत्थे चढ़ गए। इसमें बिहार के रोहतास के आठ आरोपित पकड़े गए।

11 सितंबर को रांची के बुंडू से चतरा के लिए चली दो पिकअप वैन सहित दो युवक पकड़े गए। इनके पास से पांच किलोग्राम अफीम की बरामदगी हुई। दोनों युवकों ने स्वीकार किया कि उक्त अफीम चतरा से उत्तर प्रदेश के बरेली पहुंचाई जाती, जहां से दूसरे राज्यों में सप्लाई होती, लेकिन इससे पहले एनसीबी के हाथों पकड़ा गया।

ओडिशा का गंजाम व सोनपुर क्षेत्र है गांजा का सबसे बड़ा सप्लायर

ओडिशा के गंजाम व सोनपुर का क्षेत्र गांजा का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। यह नक्सल प्रभावित क्षेत्र बताया जाता है। यहां गांजे की खेती होती है और वहां से तैयार गांजा झारखंड के रास्ते दूसरे राज्यों में सप्लाई की जाती है। पूर्व में ओडिशा की बस से रांची के बिरसा बस स्टैंड पर गांजा आने और यहां से दूसरे राज्यों में बस से जाने से पहले ही बरामदगी से इस सप्लाई चेन की पोल दर्जनों बार खुल चुकी है।

झारखंड में अफीम के लिए खूंटी व चतरा सर्वाधिक बदनाम

राज्य में अफीम की खेती के लिए खूंटी व चतरा जिले सर्वाधिक बदनाम रहे हैं। इसके अलावा, रांची, लातेहार, सरायकेला-खरसावां व सिमडेगा जिले के कुछ क्षेत्रों में अफीम की खेती की जानकारी मिलती रही है। एनसीबी की टीम स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर एकड़ की एकड़ फसल नष्ट करती रही है, लेकिन इस नेटवर्क को अब तक पूरी तरह तोडऩे में नाकाम रही है। हर बार यही जानकारी मिलती है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने से किसानों को अफीम की खेती में बढ़ावा मिलता है। फसल तैयार होने पर इसकी ऊंची कीमत भी मिलती है।

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