JBVNL: मौत का फंदा बने बिजली के तार, विभाग पर दर्ज हो प्राथमिकी, झारखंड सीएम हेमंत से शिकायत

JBVNL Ranchi झारखंड कांग्रेस के नेता आलोक कुमार दुबे ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बिजली विभाग की लापरवाही से राज्य में हो रही लोगों की मौत के प्रति ध्यान दिलाया है। कांग्रेस नेता ने बिजली विभाग पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Wed, 17 Aug 2022 06:04 PM (IST) Updated:Wed, 17 Aug 2022 06:05 PM (IST)
JBVNL: मौत का फंदा बने बिजली के तार, विभाग पर दर्ज हो प्राथमिकी, झारखंड सीएम हेमंत से शिकायत
JBVNL Ranchi Kokar Sub-division: झारखंड में बिजली विभाग की लापरवाही से लोगों की हो रही मौत।

रांची, डिजिटल डेस्क। Jharkhand Bijli Vitran Nigam Limited कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने बिजली के तार से लोगों की हो रही मौत पर चिंता जताई है। उन्होंने इसके लिए बिजली विभाग को दोषी ठहराया है। बिजली विभाग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की है। कांग्रेस नेता ने इस संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने बताया है कि चंद रोज के भीतर किस तरह बिजली के तार की चपेट में आने से लोगों की जान चली गई। कहा है कि बिजली विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।

प्रतिदिन हादसों में लोगों की हो रही मौत

कांग्रेस नेता में अपने पत्र में लिखा है कि बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से प्रतिदिन हो रही दुर्घटनाओं में आम जनों को जान गंवानी पड़ रही है। कोई भी दिन ऐसा नहीं है जिस दिन राज्य में बिजली विभाग की लापरवाही से दुर्घटनाएं नहीं होती हो और लोगों की जान नहीं जाती हो और जो बच जाते हैं उनका जीवन मुश्किलों भरा होता है। 14 अगस्त की रात राजधानी रांची के बीचो-बीच बोड़ेया में 11,000 हाईटेंशन तार की चपेट में हुई भीषण दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के तीन मासूम नौजवानों को जान से हाथ धोना पड़ा है। स्वतंत्रता दिवस की 75 वीं वर्षगांठ पर भारत माता के तिरंगे को लहराने में एक एक कर तीनों भाई बहन की जान चली गई। पूरा परिवार बिखर गया है। चारों तरफ मातम छाया हुआ है। बिजली विभाग के अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगता है।

बोकारो में भी जा चुकी है जान, दो लोग घायल

उसी दिन बोकारो में भी हाईटेंशन तार की चपेट में आने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। 2 लोग अस्पताल में घायल पड़े हैं। वे जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। बोड़या की घटना ने पूरी व्यवस्था को झकझोर कर रख दिया है। 5 लाख रुपये का मुआवजा किसी की जान की कीमत नहीं हो सकती। पीड़ित परिवार के दरवाजे पर जाने की हिम्मत कोई नहीं उठा पा रहा है। वीडियो मात्र देखकर पूरा बदन सिहर गया है। आखिर कब तक ऐसा चलता रहेगा? आज भी पूरी राजधानी में खतरे के बादल चारों तरफ मंडरा रहा है। पूरे शहर में गड्ढे और नंगे तार झूल रहे हैं। रिहायशी इलाकों से 11,000 हाईटेंशन तार गुजर रहे हैं। बोड़ेया के लोगों ने उस हाईटेंशन तार के प्रति विभाग को अनहोनी के प्रति आगाह किया था और कई मोहल्ले ऐसे हैं जो लगातार बिजली विभाग को इस चुनौती की जानकारी देते रहते हैं लेकिन विभाग दुर्घटना का इंतजार करती है और बाद में जांच करने की बात कहकर पूरे मामले की लीपापोती कर दी जाती है।

मुख्यमंत्री से कांग्रेस नेता की मांग घटना की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और इलाके के अधिकारियों के ऊपर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए। बोड़ेया की घटना के मृतकों के परिजनों को 2 करोड़ रुपया मुआवजा एवं एक मात्र बचे भाई सरकारी नौकरी दी जाए। यह सुनिश्चित होनी चाहिए कि आज के बाद ऐसी घटना नहीं होंगी। 22 वर्षों में बिजली विभाग की लापरवाही से हजारों जानें गईं और हजारों घायल अवस्था में पड़े हुए हैं, आजतक क्या कार्रवाई हुई और कितनों को मुआवजा मिला है। पूरे राज्य में हाइटेंशन तार कवर हों और जितने गड़ढे शहर में खोदे जाते हैं और लोगों को मरने के लिए छोड़ दिया जाता है, समुचित कार्रवाई हो।

chat bot
आपका साथी