अनिद्रा का रामबाण है योग, बिना दवा के इन बीमारियों में भी फायदा

International Yoga Day 2019. योग की ताकत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। इसमें ऐसी अचूक क्षमता है कि बिना दवाओं के कई बीमारियों छू-मंतर हो जाती है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 03 Jun 2019 11:32 AM (IST) Updated:Mon, 03 Jun 2019 08:27 PM (IST)
अनिद्रा का रामबाण है योग, बिना दवा के इन बीमारियों में भी फायदा
अनिद्रा का रामबाण है योग, बिना दवा के इन बीमारियों में भी फायदा

रांची, जेएनएन। International Yoga Day 2019 - योग की ताकत का लोहा पूरी दुनिया ने माना है। इसमें ऐसी अचूक क्षमता है कि बिना दवाओं के कई बीमारियों छू-मंतर हो जाती है। आज की भाग-दौड़ और तनावपूर्ण भरी जिंदगी में तन व मन को स्वस्थ रखने के लिए योग बहुत जरूरी है। मगर, सर्वे सन्तु निरामय: की परिकल्पना तभी साकार हो सकती है ,जब सभी योग को अंगीकार करें।

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (21 जून) दस्तक दे रहा है। रांची में बड़ा आयोजन होगा, योग के मुरीद पीएम मोदी भी आएंगे। स्वस्थ समाज दैनिक जागरण के सात सरोकारों में से एक है। सभी स्वस्थ रहें और योग का महत्व समझें, इसके लिए आज से हम योग दिवस तक प्रतिदिन आपको विशेष सामग्री देंगे। योग की महत्ता बताएंगे तो ऐसे लोगों की जुबानी भी बताएंगे जिन्होंने इसे अपनाकर लाइलाज और घातक बीमारियों से मुक्ति पा ली है।

रांची के पवन कुमार की योग से बदल गई जिंदगी, कई बीमारियों से मिली निजात

तेजी से बदलती जीवनशैली और खान-पान में बदलाव के कारण आज लोगों को कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। इनमें लीवर से जुड़ी, कोलेस्ट्रॉल फैट व कैंसर जैसी बीमारियां शामिल हैं। लेकिन अगर थोड़ा सा वक्त निकालकर लोग योग करें। तोइन बीमारियों से मुक्ति पा सकते हैं। रांची के अधिकतर लोग निरोग रहने के लिए आज इस नुस्खे को अपना रहे हैं। इन्हीं में 55 वर्षीय पवन कुमार भी शामिल हैं। जो दो साल से लीवर क्रोनिक डिजीज से परेशान थे। असामान्य बीपी के कारण परेशान थे।

लेकिन जब इन्होंने योग करना शुरू किया तो इनका पूरा जीवन बदल गया। आज ये पूरी तरह से निरोग हैं और 55 वर्ष की उम्र में 40 वर्षीय युवा जैसा अनुभव कर रहे हैं। पवन कुमार बताते हैं, उन्हें एक से दो साल तक क्रोनिक लीवर डिजीज था। रात में नींद नहीं आती थी। हर रोज अल्कोहल का सेवन करने के बाद वे बमुश्किल दो घंटे सो पाते थे। कुछ काम नहीं कर पाते थे। रात में कभी-कभी सोते वक्त अचानक से बीपी बढ़ जाता था, कभी घट जाता था। जीवन नीरस हो गया था। लेकिन जब से योग करना शुरू किया, आज पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। एक साल हो गए।

हर दिन 40 मिनट के योग के साथ करते हैं दिन की शुरुआत

पवन कुमार सिंह कहते हैं, दिन की शुरुआत योग से ही करता हूं। हर दिन सुबह 40 मिनट योग करता हूं। फिर मॉर्निंग वॉक के लिए निकलता हूं। जिस दिन योग करना भूल जाता हूं, लगता है घर में कुछ भूल गया हूं। योग प्रणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाती शीर्षासन आदि ने जीवन बदल दिया।

आए योग प्रशिक्षक के संपर्क में

मेरठ के रहने वाले पवन कुमार सिंह आर्मी डेयरी में ब्रांच मैनेजर के पोस्ट पर कार्यरत थे। तभी वे रांची में योग प्रशिक्षक प्रमोद पांडेय के सपंर्क में आए। यही रोज एक घंटे सुबह एक घंटे शाम योग करते थे। फिर घर में भी योग करने लगे।

डॉक्टरों ने दी थी ऑपरेशन की सलाह, योग से दूर हुई परेशानी

करें योग रहें निरोग यह उक्ति टाटीझरिया, खंभवा निवासी अरुण कुमार ङ्क्षसह के लिए सत्य साबित हुई है। दो वर्ष पूर्व 2017 इन्हें कमर दर्द व पेट दर्द की परेशानी हुई। हजारीबाग में कई डॉक्टरों से इलाज करवाया, पर लाभ नहीं मिला। रांची के चिकित्सकों से भी कोई लाभ नहीं मिला तो वे उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में न्यूरो स्पेशलिस्ट डॉ. आनंद कुमार से दिखाया। दवा से कुछ दिनों तक उनका दर्द दब गया। लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से उन्हें असहाय पीड़ा हुई। फिर डॉक्टरों की सलाह पर वे सीएमसी वेल्लोर गए।

वहां डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि आपको ऑपरेशन करवाना होगा अन्यथा दर्द ठीक नहीं होगा। बताया गया कि उनके कमर की नस दब गई है। वहां से घर लौटे तो दिन रात चिंता में रहते थे, परिवार भी परेशान था। फिर रांची में एक डॉक्टर ने योग की सलाह दी। एक वर्ष बाद दर्द में बहुत आराम हो गया। बाद में डॉक्टरों से फिर जांच कराई तो पाया कि काफी प्रोगे्रस हुआ है। वे कहते हैं कि योग हर व्यक्ति को अवश्य करनी चाहिए, ताकि वे हमेशा स्वस्थ रहें।

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