Ranchi Hindpiri Coronavirus: हिंदपीढ़ी के कितने लोगों की हुई कोरोना जांच, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

Jharkhand News. अदालत ने यह भी पूछा है कि रेड जोन से आने वाले कितने प्रवासी मजदूरों के कोरोना वायरस की जांच की गई है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 26 May 2020 12:06 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 04:11 AM (IST)
Ranchi Hindpiri Coronavirus: हिंदपीढ़ी के कितने लोगों की हुई कोरोना जांच, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब
Ranchi Hindpiri Coronavirus: हिंदपीढ़ी के कितने लोगों की हुई कोरोना जांच, हाई कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

रांची, राज्‍य ब्‍यूरो। झारखंड हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ. रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की खंडपीठ ने मंगलवार को कोरोना से निपटने के उपायों के मामले में सुनवाई करते हुए सरकार से ङ्क्षहदपीढ़ी से संबंधित जवाब मांगा है। अदालत ने सरकार पूछा है कि हिंदपीढ़ी की आबादी कितनी है और अब तक कितने लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच की गई है।

इसके अलावा, अदालत ने सरकार से रेड जोन से आने वाले प्रवासी मजदूरों के मामले में भी जानकारी मांगी है। सरकार से प्रवासी मजदूरों की जांच के लिए केंद्र सरकार के नियम कोर्ट में पेश करने को कहा है। सरकार को यह बताने को कहा है कि राज्य में केंद्र के नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। दोनों मामलों में सरकार को 29 मई तक रिपोर्ट पेश करने का निर्देश अदालत ने दिया है।

सुनवाई के दौरान अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने कहा कि राज्य में अभी तक 51 हजार लोगों का टेस्ट किया जा चुका है, लेकिन सरकार के आंकड़े के अनुसार अब तक साढ़े तीन लाख प्रवासी मजदूर राज्य में आ चुके हैैं। उनकी जांच को लेकर राज्य सरकार क्या कर रही है। इस पर अदालत ने सरकार से पूछा कि प्रवासी मजदूरों को लेकर केंद्र सरकार की ओर से क्या नियम बनाए गए हैैं, इसकी पूरी जानकारी अदालत में दाखिल करें।

इसके अलावा, अदालत ने पूछा कि हिंदपीढ़ी की कितनी आबादी है और कितने लोगों की जांच की गई है। इसकी पूरी रिपोर्ट भी अदालत में दाखिल करनी है। इस मामले में कोर्ट ने पूर्व में सरकार से राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदम की जानकारी मांगी थी। सरकार की ओर से बताया गया था कि जांच में तेजी लाई गई है।

जांच केंद्रों की संख्या बढ़ गई है और पहले से अधिक जांच हो रही है। केंद्र सरकार से संसाधन मिल रहे हैं और कुछ और संसाधनों की मांग की गई है। इस पर कोर्ट ने सरकार को प्रगति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। मंगलवार को मामले की सुनवाई होते ही कोर्ट ने सरकार से हिंदपीढ़ी की पूरी रिपोर्ट 29 मई तक पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई स्थगित कर दी।

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