अश्लील पोस्ट की शिकायत, एक माह में भी आरोपित गिरफ्तार नहीं, छात्रा ने दी जान Hazaribagh News

Hazaribagh News फेसबुक पर अश्लील फोटो पोस्ट किए जाने से हजारीबाग की एक छात्रा दुखी थी। एक महीने पहले 16 सितंबर को उसने स्वयं मुफस्सिल थाने में जाकर इसकी शिकायत की लेकिन पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। इससे उसका हौसला बढ़ता गया 16 अक्टूबर...

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Mon, 19 Oct 2020 11:05 AM (IST) Updated:Mon, 19 Oct 2020 08:52 PM (IST)
अश्लील पोस्ट की शिकायत, एक माह में भी आरोपित गिरफ्तार नहीं, छात्रा ने दी जान Hazaribagh News
घटना आज सोमवार सुबह की है। जागरण

हजारीबाग, जासं।  फेसबुक पर अश्लील फोटो पोस्ट किए जाने से हजारीबाग की एक छात्रा दुखी थी। एक महीने पहले 16 सितंबर को उसने स्वयं मुफस्सिल थाने में जाकर इसकी शिकायत की, लेकिन पुलिस ने मुख्य आरोपित को गिरफ्तार नहीं किया। इससे उसका हौसला बढ़ता गया, 16 अक्टूबर को उसने फिर छात्रा के खिलाफ अश्लील पोस्ट किया। अंतत: छात्रा की हिम्मत टूट गई। सदर प्रखंड के मासीपीढी बोचो गांव की इस 22 वर्षीय छात्रा ने रविवार की रात फंासी लगातार खुदकुशी कर ली। मरने से पहले उसने सुसाइड नोट छोड़ा जिसमें लिखा है, पुलिस की कार्रवाई नहीं होने से वह परेशान है और अपनी जिंदगी खत्म का रही है।

पिता का कहना है कि अगर पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो बेटी आज ङ्क्षजदा होती। पिता ने थाने में आवेदन देकर मंजीत कुमार, उसके भाई रंजीत कुमार व सचिन पर प्राथमिकी दर्ज कराई है। घटना के बाद पुलिस ने एक घंटे के अंदर मुख्य आरोपित मंजीत और रंजीत को गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन सवाल उठ रहा है कि पुलिस ने यह तत्परता पहले क्यों नहीं दिखाई।

पापा मैं ठीक हो रही थी, लेकिन 16 अक्टूबर को फिर कर दिया पोस्ट

छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है, फेसबुक पर संत कोलंबा के सहपाठी मंजीत कुमार और उसके दोस्त जुलाई से ही फेसबुक पर अश्लील पोस्ट कर उसे प्रताडि़त करते आ रहे हैं। उन्होंने चेहरे पर तेजाब फेंकने की भी धमकी दे रखी है। घटना के एक महीने तक चुप रही, पुलिस में शिकायत की। उम्मीद थी कि सब ठीक हो जाएगा। पापा मैं ठीक हो भी रही थी। परीक्षा की तैयारी कर रही थी। लेकिन मंजीत ने 16 अक्टूबर को फिर फेसबुक पर अश्लील पोस्ट कर दिया। यह लड़का मुझे जीने नहीं देगा। मुझे पता है कि मेरे इस कदम से आप दोनों को बहुत दुख होगा, लेकिन मेरे पास अब कोई विकल्प नहीं है। पुलिस भी मेरी मदद नहीं कर रही है। दो पेज के इस सुसाइड नोट में उसने माता-पिता को एटीएम के पिन नंबर की भी जानकारी दी है।

मोबाइल नंबर वाला धराया, मुख्य आरोपी करता रहा रहा प्रताडि़त

थाना प्रभारी मनोज कुमार ङ्क्षसह ने बताया कि 16 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज करने के बाद 20 सितंबर को मोबाइल धारक सन्नी कुमार गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। मोबाइल भी जब्त कर लिया गया। लेकिन सन्नी की गिरफ्तारी के बाद मुख्य आरोपित मंजीत फरार हो गया। पुलिस के अनुसार, मोबाइल धारक सन्नी की गिरफ्तारी के बाद 24 सितंबर को अनुसंधानकर्ता सह थाना प्रभारी मनोज कुमार ङ्क्षसह कोरोना संक्रमित हो गए। इलाज के लिए रांची चले गए। अब भी अवकाश पर हैं। ऐसे में इस मामले की जांच ठंडी पड़ गई।

मुख्य आरोपित मंजीत फरार था। छह अक्टूबर को उसने अग्रिम जमानत ले ली थी। छह अक्टूबर के बाद भी आरोपित पोस्ट भेज कर प्रताडि़त कर रहे थे, इसकी जानकारी स्वजन ने नहीं दी। बावजूद, सुसाइड नोट के आधार पर मामले की जांच की जाएगी। - कार्तिक एस, एसपी हजारीबाग।

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