हरमू नदी के दोनों किनारों पर लगेंगे चार हजार पौधे

रांची : नगर विकास विभाग ने हरमू नदी को हरा-भरा करने की योजना तैयार कर ली है। अब नदी के दोनों

By JagranEdited By: Publish:Sat, 29 Sep 2018 07:02 AM (IST) Updated:Sat, 29 Sep 2018 07:02 AM (IST)
हरमू नदी के दोनों किनारों पर लगेंगे चार हजार पौधे
हरमू नदी के दोनों किनारों पर लगेंगे चार हजार पौधे

रांची : नगर विकास विभाग ने हरमू नदी को हरा-भरा करने की योजना तैयार कर ली है। अब नदी के दोनों किनारों पर अमलताश व गुलमोहर के कुल चार हजार पौधे लगाए जाएंगे। चार हजार पौधों के रोपण व गैबियन के साथ-साथ तीन वर्ष तक इसके संरक्षण पर प्रति पौधा 3,310 रुपये की दर से कुल 1,32,40,000 रुपये खर्च किए जाएंगे। हरमू नदी के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए रांची वन प्रमंडल के वन प्रमंडल पदाधिकारी ने नदी के दोनों किनारे पर छह किलोमीटर क्षेत्र में कुल चार हजार पौधरोपण करने के लिए 1,32,40,000 रुपये का प्राक्कलन तैयार किया है। नगर विकास विभाग के सचिव के निर्देशानुसार अब जुडको के अधिकारी नदी में सीधे प्रवाहित होने वाले नालों के गंदा पानी को रोकने की दिशा में भी प्रयास कर रहे हैं।

विभागीय सचिव के निर्देशानुसार मिनी एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) लगाकर नदी में प्रवाहित होने वाले गंदे पानी को साफ करने के बाद ही नदी में छोड़ा जाएगा, ताकि हरमू नदी का पानी प्रदूषित होने से बचाया जा सके।

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लाल व पीले फूल से बिखरेगी नदी की खूबसूरती

नगर विकास विभाग के निर्देशानुसार हरमू नदी के छह किलोमीटर क्षेत्र में गुलमोहर व अमलताश के पौधे लगाने का निर्देश दिया गया है, ताकि मॉर्निग वाक करने वाले इन पेड़ों की छांव में सुकून की सांस ले सकें। पौधरोपण के लिए कुछ खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं। जैसे, प्रति आधे किलोमीटर क्षेत्र में गुलमोहर व प्रति आधे किलोमीटर क्षेत्र में अमलताश के पौधे लगाए जाएंगे। अमलताश व गुलमोहर के लाल-पीले रंग से हरमू नदी की खूबसूरती बढ़ेगी।

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नदी के चौड़े किनारों पर बनेगा पाथ-वे

नगर विकास विभाग के सचिव के निर्देशानुसार अब जुडको के अधिकारी हरमू नदी के चौड़े किनारों को चिह्नित कर चुके हैं। जहां अब तक पाथ-वे का निर्माण नहीं हो पाया है, वहां पाथ-वे का निर्माण भी कराया जाएगा।

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14 टॉयलेट ब्लॉक का हुआ है निर्माण

हरमू नदी के सुंदरीकरण के क्रम में आसपास की बस्ती के लोगों के लिए कुल 15 टॉयलेट ब्लॉक का निर्माण कराया गया है, ताकि नदी क्षेत्र के आसपास स्थित बस्तियों के लोग नदी के इर्द-गिर्द शौच कर गंदगी न फैलाएं। शौच के लिए शौचालय का उपयोग करें।

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