लगातार आठ लूट की घटना को अंजाम देने वाले थे अपराधी, आठ गिरफ्तार
बाधक बनते तो मार देते गोली, बिहार से मंगवाना था हथियार, सप्लाई से पहले पकड़े गए। लूट की आठ घटनाओं को अंजाम देना था. पुलिस ने
बाधक बनते तो मार देते गोली, बिहार से मंगवाना था हथियार, सप्लाई से पहले पकड़े गए पुलिस ने चार पिस्तौल, नौ गोलियों के साथ सभी को गिरफ्तार कर भेजा जेल सरगना है कन्हैया मंडल, राजेश राइट हैंड, रिमांड पर लेगी पुलिस जागरण संवाददाता, रांची : राजधानी में बढ़ते अपराध को रोकने के लिए रांची पुलिस द्वारा चलाया गया ऑपरेशन प्रभावी साबित हुआ। लालपुर इलाके से अपराधी कन्हैया मंडल गैंग के आठ अपराधियों को हथियार के साथ धर दबोचा है। जो पूरी रांची में बैक टू बैक(लगातार) आठ लूट व डकैती कांडों को अंजाम देने की फिराक में थे। इनकी तैयारी थी कि लूटपाट में जो भी बाधक बनता उसे गोली मार देते। चाहे वह पुलिस ही क्यों न हो। लूटकांड को अंजाम देने के दौरान जरूरत के अनुसार हथियार भी मंगवाने की तैयारी कर रखी थी। इसके लिए बबलू राणा ने बिहार के आर्म्स सप्लायरों से संपर्क साधा था। लेकिन हथियार डिलीवरी से पहले पकड़ा गया। लूटकांड की शुरुआत दस अक्टूबर से शुरू होने वाली थी।
सिटी एसपी अमन कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि लूटकांड को अंजाम देने से पहले सभी अपराधी पकड़े गए। पकड़े गए अपराधियों में रांची के चडरी निवासी कन्हैया मंडल, रातू रोड देवी मंडप निवासी प्रवेश कुमार, चान्हो के तरंगा निवासी नारायण उराव, कचहरी नावाटोली रोड निवासी मोहित कुमार वर्मा और अनगड़ा के सिमलबेड़ा निवासी सुनील कच्छप शामिल हैं। जबकि प्रमार्थी मिश्रा रामगढ़ और बबलू राणा हजारीबाग का रहने वाला है। इनके पास से चार पिस्टल, नौ गोलियां, एक चाकू, सात हजार रुपये नकद, दस मोबाइल और एक मोटरसाइकिल बरामद किया गया है। सभी को पुलिस ने जेल भेज दिया है। इस गैंग का सरगना कन्हैया मंडल है। उसका राइट हैंड राजेश प्रसाद है। ¨रची अस्पताल की हुई थी रेकी :
जेल जाने से पहले अपराधियों ने पुलिस को बताया कि ¨रच अस्पताल को लूटने से पहले दो दिनों तक नारायण ने रेकी की थी। रेकी में यह जानकारी हासिल की थी कि ¨रची अस्पताल से हर दिन एक कर्मी आठ से दस लाख रुपये बैंक में जमा करने के लिए जाता है। इसके अलावा पंडरा बाजार समिति से कौन-कौन व्यवसायी हैं, जो बड़ी रकम लेकर घर लौटते हैं। इसके लिए सात को चिह्नित किया था। इन लूट की सफलता के बाद दर्जनों व्यवसायी को लूटकर सभी भाग जाते। लेकिन पुलिस ने उन्हें नाकाम कर दिया। जेल में बना था गैंग :
कन्हैया ने जेल में ही लूटपाट के लिए गैंग बनाया था। पूर्व में भी सभी रांची में बड़ी लूटकांड को अंजाम दे चुके हैं। बीते 24 मई 2017 को नामकुम से 42 लाख रुपये के मोबाइल लदी ऑटो लूटकांड का साजिशकर्ता कन्हैया मंडल ही था। इसके बाद करीब छह महीने पहले रांची-टाटा रोड में 20 लाख की गुटखा लदी ट्रक को चालक-खलासी सहित लूट लिया था। घटना के बाद नामकुम ¨रग रोड से ट्रक बरामद कर लिया गया था। संबंधित गुटखा अपर बाजार से जमशेदपुर के लिए निकली थी। इसमें कुछ अपराधी पकड़े गए थे। रांची में हुई अन्य लूटकांड में पुलिस सभी अपराधियों को रिमांड पर लेगी। इनका रहा है अपराधिक इतिहास :
कन्हैया मंडल, प्रवेश कुमार, नारायण उराव, राजेश प्रसाद व प्रमार्थी मिश्रा और बबलू राणा लूटपाट व डकैती के कई मामलों में जेल जा चुके हैं। राजेश और कन्हैया हाल में ही जेल से छूटे थे। वहीं मोहित और सुनील पहली बार जेल गया। हालाकि दोनों ने मोरहाबादी में एक व्यक्ति से चार लाख रुपये लूटा था। मगर यह मामला थाने तक नहीं पहुंचा था।
छापेमारी टीम में ये थे शामिल :
लालपुर इंस्पेक्टर रमोद कुमार सिंह, दारोगा राकेश कुमार सिंह, शाह फैसल, राजू टुडू, उज्जवल सिंह, अकरम खान, अमित कुमार, देवाशीष पाल, संजय साह, सरफुल मरांडी, संजय चौधरी, बाल मुकुंद, संजीत कुमार, हरिहर सिंह, मुकेश कुमार, अजय कुमार सिंह, किस्टोफर मिंज सहित शामिल थे।