गेतलसूद डैम में मर रहीं हैं मछलियां

चार दिनों में दम तोड़ चुकीं 14000 मछलियां, डैम में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से संकट की स्थिति है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 17 Jun 2018 12:41 PM (IST) Updated:Sun, 17 Jun 2018 12:41 PM (IST)
गेतलसूद डैम में मर रहीं हैं मछलियां
गेतलसूद डैम में मर रहीं हैं मछलियां

जासं, रांची : गेतलसूद डैम में पिछले तीन-चार दिनों से लगातार मछलियां मर रही है। माना जा रहा है कि बीमारी की चपेट में आने की वजह से ऐसा हो रहा है। अनुमान के आधार पर बताया जा रहा है कि अब तक करीब 14 हजार मछलिया मर चुकीं हैं। अधिकांश मरी मछलिया करीबन एक किलो वजन की है।

मर रही मछलियों में तेलपिया, रेहू, मिरगा, कतला आदि प्रजातियों की है। मछलियों के लगातार मरने के कारण मछुआरे जाल भी नहीं लगा रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गेतलसूद डैम के जल का प्रदूषण स्तर काफी बढ़ गया है, जिस कारण मछलिया मर रही हैं। गेतलसूद मत्स्य सहयोग समिति के सचिव भोला महतो ने बताया कि गेतलसूद डैम का पानी पिछले कुछ दिनों से जगह-जगह पर बदबू दे रहा है। इनका आरोप है कि एक फैक्ट्री के प्रदूषित कचरे से डैम का पानी प्रंभावित हो रहा है। भोला महतो ने जिला मत्स्य विभाग को मछली मरने की जानकारी दे दी है।

मछुआरे बता रहे हैं कि मरी हुई मछलियों की आख खराब हो गई है। सबसे ज्यादा मछलिया सालहन में निर्माणाधीन पुल के आसपास मरी पाई जा रही है। मरी हुई मछलिया बहकर डैम के सभी हिस्से तक पहुंच रही है।

केज में रखी गई मछलियों पर भी खतरा :

लगातार मर रही मछलियों के कारण गेतलसूद डैम के केज में रखी गई करीब चालीस हजार फंगास व तेलपिया मछलियों पर खतरा मंडराने लगा है। प्रदूषित पानी डैम के सभी हिस्सों में पहुंच रहा है। केज में रखी मछलिया एक ही जगह स्थिर रहती हैं। प्रदूषित पानी की वजह से केज की मछलियों पर भी खतरा हो गया है। चिंतित मछलीपालक अनिल नायक बताते हैं क्या करे इतना ज्यादा मछली को एक साथ कैसे बचाएं। कुछ समझ में नहीं आ रहा है। दवा भी कैसे और क्या दें?

गंभीर समस्या है: मत्स्य पदाधिकारी :

जिला मत्स्य पदाधिकारी मनोज ठाकुर ने बताया कि आज ही समिति के लोगों ने उन्हें इसकी जानकारी दी हैं। गंभीर समस्या हो गई है। दो साल पूर्व भी गेतलसूद डैम के पानी में प्रदूषण स्तर बढ़ने के कारण हजारों मछलिया मर गई थी। एक फैक्ट्री से स्वर्णरेखा नदी में गिरने वाला कचरा व प्रदूषित पानी के कारण डैम के पानी में लगातार प्रदूषण स्तर बढ़ता जा रहा है। इस वजह से मछलियां मर रहीं हैं। इसका तत्कालिक उपाय तो कुछ नहीं हो सकता हैं। सोमवार को इस मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व सक्षम पदाधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा।

कहीं जलापूर्ति न बाधित हो जाए :

गेतलसूद डैम में पानी का स्तर घटने से रुक्का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट से जलापूर्ति प्रभावित हो सकता है। ऐसी स्थिति में शहर की जलापूर्ति का प्रभावित होना तय है।

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