दुष्‍कर्म के 5 मामलों में आरोपितों को 20-20 साल की कैद, पहली बार एक दिन में 5 केस में सजा

Jharkhand. पहली बार ऐसा हुआ है कि जब एक दिन में पांच केस में सजा सुनाई गई है। चार मामलों में आरोपियों को 20 साल की कैद और जुर्माना लगाया गया है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Sat, 29 Feb 2020 05:37 PM (IST) Updated:Sat, 29 Feb 2020 05:45 PM (IST)
दुष्‍कर्म के 5 मामलों में आरोपितों को 20-20 साल की कैद, पहली बार एक दिन में 5 केस में सजा
दुष्‍कर्म के 5 मामलों में आरोपितों को 20-20 साल की कैद, पहली बार एक दिन में 5 केस में सजा

रांची, जासं। राजधानी रांची में शनिवार को पोक्सो की विशेष अदालत ने दुष्‍कर्म के पांच अलग-अलग मामलों में दोषी को सजा सुनाई। पहली बार ऐसा हुआ है कि जब एक दिन में पांच केस में सजा सुनाई गई है। चार मामलों में आरोपियों को 20 साल की कैद और जुर्माना लगाया गया है जबकि एक मामले में आरोपी को 10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है।

केस 1

पड़ोसी गांव की 14 वर्षीय नाबालिग से बहला-फुसलाकर सामूहिक दुष्कर्म करने के जुर्म में मोबिन अंसारी, तैयब अंसारी एवं चरकू अंसारी को दोषी पाया गया। तीनों अभियुक्त नरकोपी थाना क्षेत्र के टंगराटोली गांव निवासी हैं। अभियुक्‍त नाबालिग को 17 अगस्त 2018 को बहला-फुलसा कर अपने साथ ले गए और उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। घटना के दूसरे दिन नाबालिग को पास के जंगल से बरामद किया गया था। एपीपी एके राय ने बताया कि मामले को लेकर पीड़िता के चाचा ने नरकोपी थाना में कांड संख्या 21/18 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में 25 नवंबर 2018 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से नौ गवाहों को प्रस्तुत किया गया था।

सजा : तैयब व मोबिन को 20-20 साल की जेल और 60 हजार रुपये का जुर्माना। चरकू को 5 साल जेल और 10 हजार रुपये का जुर्माना।

केस 2

सामूहिक दुष्कर्म व आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के जुर्म में खलारी के महावीर नगर निवासी अजय साहू, अरुण साव उर्फ अरुण केसरी, विनोद सिंह उर्फ भैरव यादव को दोषी ठहराया गया। मामला चान्हो थाना से जुड़ा है। छह जून 2017 को नाबालिग अपनी सहेलियों के साथ मंडा मेला घूमने गई थी। अरुण साव नाबालिग को बहला-फुसला कर उसे सहेलियों से दूर ले गया और उसके साथ रात भर सामूहिक दुष्कर्म किया।

दूसरे दिन सात जून को नाबालिग अपने घर पहुंची। परिजनों को घटना के विषय में जानकारी दी। उसी दिन अरुण भी उसके घर आया। नाबालिग से दोनों के बीच गरमा-गरम बहस हुई। अगले दिन नाबालिग ने घर में बंद होकर खुद को आग के हवाले कर दिया। इलाज के दौरान रिम्स में उसकी मौत हो गई। आठ जून 2017 को परिजनों के बयान पर तीनों अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। 30 सितंबर 2018 को आरोप गठन किया गया एवं 19 जनवरी 2019 को आरोप तय हुआ।

सजा : तीनों को 20-20 साल की जेल और 80 हजार रुपये का जुर्माना।

केस 3

पॉक्सो की विशेष अदालत ने अभियुक्त छोटू लोहरा को दोषी ठहराया है। अभियुक्त सिकिदरी के ओबर डुमरटोली का रहने वाला है। आरोप है कि 15 जून 2017 को नाबालिग घर से 500 मीटर दूर कुएं से पानी लाने गई थी। रास्ते में अभियुक्त उसे बहला-फुसला कर पैना पहाड़ जंगल ले गया। दिनभर घुमाया और रात में गांव के ही मध्य विद्यालय में रखा। दूसरे दिन 16 जून को दोबारा जंगल ले गया और दुष्कर्म किया।

किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी भी दी। उसके बाद नाबालिग को वहीं पर छोड़कर भाग गया। दोपहर तीन बजे नाबालिग किसी तरह अपने फुआ के घर पहुंची। परिजनों को आपबीती बताई। 23 जून 2017 को परिजनों के बयान पर अनगड़ा थाना में कांड संख्या 29/17 दर्ज कर अभियुक्त को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। अभियोजन पक्ष की ओर से छह गवाह पेश किए गए।

सजा : 10 साल की जेल और 30 हजार रुपये का जुर्माना।

केस 4

महिला थाना कांड संख्या 32/17 के अनुसार 6 साल की बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को लोअर वर्धमान कम्पाउंड निवासी शिवशंकर साँगा को 20 साल की सजा सुनाई गई और 40 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

केस 5

महिला थाना कांड संख्या 26/18 के अनुसार जनवरी 2018 में नाबालिग अभियुक्त के घर गई थी। वहीं पर रात आठ बजे अभियुक्‍त ने उसके साथ दुष्कर्म किया। दोषी विजय टोप्पो को अदालत ने 20 साल की जेल और 15 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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