आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथ डॉक्‍टर होंगे बहाल, नियमावली पर वित्त विभाग की मुहर

कई वर्षों से लटकी नियमावली पर फैसला हो गया है। पहले से कार्य कर रहे चिकित्सकों को झटका देते हुए सरकर ने उनका वेतनमान बढ़ाने पर असहमति जताई है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Fri, 23 Nov 2018 01:30 PM (IST) Updated:Fri, 23 Nov 2018 01:30 PM (IST)
आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथ डॉक्‍टर होंगे बहाल, नियमावली पर वित्त विभाग की मुहर
आयुर्वेद, यूनानी और होमियोपैथ डॉक्‍टर होंगे बहाल, नियमावली पर वित्त विभाग की मुहर

रांची, नीरज अम्बष्ठ। राज्य में आयुष (आयुर्वेद, यूनानी व होमियोपैथ) चिकित्सकों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है। आखिरकार वित्त विभाग ने आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति नियमावली पर अपनी स्वीकृति दे दी। अब इसे कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेज दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरीय पदाधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

नियुक्ति नियमावली कई वर्षों से स्वास्थ्य विभाग से वित्त विभाग, वित्त विभाग से स्वास्थ्य विभाग इधर से उधर हो रहा था। इस कारण नियुक्ति नहीं हो पा रही थी। वित्त विभाग ने आयुष चिकित्सक नियुक्ति नियमावली को तो स्वीकृति दे दी, लेकिन चिकित्सकों के वेतनमान बढ़ाने से इन्कार कर दिया। इससे पूर्व से कार्य कर रहे आयुष चिकित्सकों को गहरा झटका लगा है।

आयुष चिकित्सकों की सेवा राज्य सेवा घोषित होने के बावजूद उन्हें एलोपैथी चिकित्सकों के समान वेतनमान नहीं मिलेगा। इन चिकित्सकों का वेतनमान 4200 (वेतनमान 9300-34800) ही रहेगा। आयुष चिकित्सक 5200 ग्रेड का दावा ठोंक रहे थे, जिसे लेकर कई वर्षों से नियुक्ति नियमावली पर स्वीकृति नहीं मिल पा रही थी। 

रिक्त है 80 फीसद पद : राज्य में आयुष चिकित्सकों के लगभग 80 फीसद पद रिक्त हैं। राज्य में 2008-09 में चिकित्सकों की अनुबंध पर नियुक्ति हुई थी, लेकिन नियुक्ति में गड़बड़ी सामने आने के बाद राज्य सरकार ने 2010 के बाद अनुबंध का विस्तार ही नहीं किया। तब से लेकर आज तक नियुक्ति नहीं हो पाई है।

सेवानिवृत्ति आयु सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज : स्वास्थ्य विभाग ने आयुष चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इससे भी पूर्व से कार्य कर रहे चिकित्सकों को झटका लगा है। झारखंड हाईकोर्ट ने एक याचिका में अपने आदेश में इन चिकित्सकों की आयु सीमा 60 से बढ़ाकर 62 करने पर राज्य सरकार को विचार करने को कहा था। लेकिन विभाग ने सेवानिवृत्ति आयु सीमा नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे वित्त व कार्मिक विभाग जाने से पहले ही यह प्रस्ताव रद हो गया।

दैनिक जागरण ने उठाया था मामला : दैनिक जागरण ने 4 नवंबर को नियमावली की आस में रुकी 50 तरह की नौकरियां शीर्षक से खबर प्रकाशित कर नियुक्ति नियमावलियां  लटके होने का मामला उठाया था। इसके बाद नियमावलियों की स्वीकृति को लेकर विभिन्न विभाग रेस हो गए हैं। 

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