डा विक्रम साराभाई पुण्यतिथि : भारत के राष्ट्रपति से बातचीत के एक घंटे बाद ही हो गई थी मौत
डॉ विक्रम साराभाई (Dr Vikram Sarabhai) का जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था। परमाणु अनुसंधान (Nuclear Research) के क्षेत्र में भाभा के काम को आगे बढ़ाते हुए साराभाई (Sarabhai) भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (Nuclear Power Plants) की स्थापना और विकास के लिए काफी हद तक जिम्मेदार थे।
रांची, डिजिटल डेस्क। Dr Vikram Sarabhai Death Anniversary : डॉ विक्रम साराभाई (Dr Vikram Sarabhai) का जन्म 12 अगस्त 1919 को हुआ था। परमाणु अनुसंधान (Nuclear Research) के क्षेत्र में भाभा के काम को आगे बढ़ाते हुए, साराभाई (Sarabhai) भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों (Nuclear Power Plants) की स्थापना और विकास के लिए काफी हद तक जिम्मेदार थे। उन्होंने रक्षा (Defense) उद्देश्यों के लिए परमाणु प्रौद्योगिकी (Nuclear Technology) के स्वदेशी विकास की नींव रखी। 1966 में भौतिक विज्ञानी होमी भाभा (Homi Bhabha) की मृत्यु के बाद, साराभाई को भारत के परमाणु ऊर्जा आयोग (Atomic Energy Commission) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। वह भारत में कुछ प्रमुख संस्था-निर्माण प्रयासों में शामिल थे। जिसमें अहमदाबाद (Ahmedabad) स्थित भारतीय प्रबंधन संस्थान (Indian Institute of Management) शामिल है।
भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति की स्थापना
1962 में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति की स्थापना की। जिसे बाद में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नाम दिया गया। डॉ विक्रम साराभाई ने दक्षिणी भारत में थुम्बा इक्वेटोरियल रॉकेट लॉन्चिंग स्टेशन की भी स्थापना की।
विक्रम साराभाई विरासत:
विक्रम साराभाई पुरस्कार
साराभाई की मृत्यु
साराभाई को 30 दिसंबर 1971 की रात बॉम्बे के लिए प्रस्थान करने से पहले एसएलवी डिजाइन की समीक्षा करनी थी। उन्होंने भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ एपीजे अब्दुल कलाम से टेलीफोन पर बात की थी। हालांकि, बातचीत के एक घंटे के भीतर ही हृदय गति रुकने से साराभाई का 52 वर्ष की आयु में त्रिवेंद्रम (अब तिरुवनंतपुरम) में निधन हो गया। अहमदाबाद में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया।