कोर्ट के कोड़े से मधु का राजनीतिक करियर भंवर में

झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा अब करीब नौ साल तक किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेंगे।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Sun, 17 Dec 2017 12:39 PM (IST) Updated:Sun, 17 Dec 2017 12:39 PM (IST)
कोर्ट के कोड़े से मधु का राजनीतिक करियर भंवर में
कोर्ट के कोड़े से मधु का राजनीतिक करियर भंवर में

रांची, जागरण संवाददाता। झारखंड के पूर्व सीएम मधु कोड़ा को सजा मिलने के साथ ही उनका राजनीतिक करियर भी समाप्त होता दिख रहा है। अब वे करीब नौ साल तक किसी पद के लिए चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। कोल ब्लॉक आवंटन घोटाले में सीबीआइ कोर्ट ने कोड़ा को तीन साल की सजा सुनाई है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सजा पूरी करने के बाद छह साल तक कोई राजनेता चुनाव नहीं लड़ सकता है। मधु कोड़ा को चुनाव खर्चे का सही हिसाब नहीं देने के कारण चुनाव आयोग ने तीन साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है। हाई कोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार ने बताया कि तीन साल की सजा मिलने के बाद मधु कोड़ा को सीबीआइ कोर्ट से ही जमानत मिल गई है।

अब इस जमानत पर मुहर लगाने के लिए उन्हें दो माह के अंदर दिल्ली हाई कोर्ट में अपील याचिका दाखिल करनी होगी। इस याचिका में निचली अदालत द्वारा दी गई सजा को चुनौती दी जाएगी।

कोर्ट से लगाई रहम की गुहार, दो छोटे बच्चों का दिया हवाला

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत अन्य आरोपियों ने अदालत के सामने रहम की गुहार लगाई। किसी ने बीमारी व परिवार की जिम्मेदारी का हवाला दिया तो पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने अपने दो छोटे बच्चों का हवाला देते हुए कोर्ट से सजा में नरमी बरतने की अपील की। वहीं, सीबीआइ ने कहा कि पूरा प्रकरण करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार से जुड़ा है, ऐसे में कोर्ट ऐसा फैसला दे जिससे समाज में एक उदाहरण पेश हो।

जानिए, किसने क्या कहा

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि वह 46 साल के हैं और उनकी पत्नी के अलावा उनकी दो नाबालिग बच्चियां हैं। एक अभी डेढ़ साल की है और दूसरी नौ साल की है। कोड़ा ने कहा कि उन्हें कई बीमारियां हैं। मूलरूप से झारखंड का होने के बावजूद भी उन्होंने निचली अदालत की प्रक्रिया में हमेशा सहयोग किया। ऐसे में उन्हें सजा में राहत दी जाए।

-मधु कोड़ा

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पूर्व केंद्रीय कोयला सचिव एचसी गुप्ता ने कोर्ट में दलील दी कि उनकी उम्र 70 साल है। उनका एक बेटा है, जिसकी अभी शादी नहीं हुई। उनके खिलाफ कभी विभागीय जांच नहीं हुई और न ही कभी लेनदेन का आरोप ही लगा। गुप्ता ने यह भी कहा कि वही घर में अकेले कमाने वाले थे। उनकी पेंशन से ही घर चलता है और अगर उन पर 50 हजार रुपये से ज्यादा का जुर्माना लगाया गया तो उनके परिवार को आर्थिक संकट से जूझना पडे़गा।

-एचसी गुप्ता

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झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव एके बसु ने कहा कि वह घर में अकेले ही कमाने वाले हैं और उन्हें डायबिटीज है। उनकी 67 वर्षीय पत्नी भी बीमार रहती हैं। बेटा विदेश में रहता है और अगर उन्हें सजा होती है तो पत्नी की देखरेख करने वाला कोई नहीं है। 25 साल नौकरी में कोई भी आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में उन्हें कम से कम सजा दी जाए।

-अशोक कुमार बसु

कंपनी के निदेशक विजय जोशी ने दलील दी कि उन्हें हृदय से जुड़ी बीमारी है। उनका कोई आपराधिक इतिहास नहीं रहा है और उन्होंने पूरे मामले में निचली अदालत को सहयोग किया है। उनके घर मे कोई कमाने वाला नहीं है और उनकी बूढ़ी मां की देखभाल करने वाला नहीं है।

-विजय जोशी 
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