डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय की कंपनी ने बेटे के टेंडर के लिए बनाया था बैंक ड्राफ्ट

लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत में हुई सुनवाई शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने कहा- पद का

By JagranEdited By: Publish:Tue, 25 Feb 2020 02:28 AM (IST) Updated:Tue, 25 Feb 2020 06:23 AM (IST)
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय की कंपनी ने बेटे के टेंडर के लिए बनाया था बैंक ड्राफ्ट
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय की कंपनी ने बेटे के टेंडर के लिए बनाया था बैंक ड्राफ्ट

लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत में हुई सुनवाई, शिकायतकर्ता के अधिवक्ता ने कहा- पद का किया दुरुपयोग

रांची, राब्यू : लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय की अदालत में सोमवार को रांची नगर निगम के उपमहापौर संजीव विजयवर्गीय से जुड़े उस मामले में सुनवाई हुई, जिसमें उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर बेटे एवं अपने संबंधियों की कंपनी को ठेका दिलाया है। सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि उपमहापौर ने अपने पद का दुरुपयोग किया है। उनके बेटे हर्षित विजयवर्गीय की कंपनी मेधा कंस्ट्रक्शन एवं दोस्त विपिन कुमार वर्मा की कंपनी पीयूष कंस्ट्रक्शन को राची नगर निगम का ठेका मिला था। दोनों टेंडर में संजीव विजयवर्गीय की कंपनी मेसर्स एसके सप्लाई व‌र्क्स की खाते से बैंक ड्राफ्ट बनाकर डाला गया था। इससे प्रतीत होता है कि उन्होंने अपने लाभ के लिए सरकारी पद का दुरुपयोग किया है। इसके अलावा पांच अन्य बिंदु पर उपमहापौर को घेरा गया।

सुनवाई के दौरान संजीव विजयवर्गीय अदालत में स्वयं मौजूद थे। इसके जवाब में उनके अधिवक्ता ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि उपमहापौर पर जो आरोप लगाया गया है, वह सही नहीं है। वे इस दायरे में नहीं आते हैं। इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने निगम के प्रमंडलीय लेखापाल का हवाला देते हुए कहा कि वह किसी भी टेंडर में भाग नहीं ले सकते हैं। हालांकि, इस दौरान सुनवाई पूरी नहीं सकी। अदालत ने अगली सुनवाई की तारीख 20 मार्च निर्धारित की है। ज्ञात हो कि लोकायुक्त कार्यालय में 2018 में शत्रुघ्न अग्रवाल ने संजीव विजयवर्गीय पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए उनके बेटे हर्षित एवं संबंधी विपिन के खिलाफ शिकायतवाद दर्ज कराया है। प्रारंभिक जाच के बाद अदालत ने तीनों से स्पष्टीकरण मागा था। आरोप है कि उप महापौर ने बेटे हर्षित विजयवर्गीय की कंपनी मेधा कंस्ट्रक्शन व दोस्त विपिन कुमार वर्मा की कंपनी पीयूष कंस्ट्रक्शन को नियम विरुद्ध ठेका देकर लाभ पहुंचाया है।

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