विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग

रांची एसकेएमयू (सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका) टीचर्स फोरम फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम ने राज्य सरकार से शीघ्र पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की है। इसे लेकर टीचर्स फोरम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 13 Nov 2020 05:22 PM (IST) Updated:Fri, 13 Nov 2020 05:22 PM (IST)
विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग
विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग

रांची : एसकेएमयू (सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका) टीचर्स फोरम फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम ने राज्य सरकार से शीघ्र पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग की है। इसे लेकर टीचर्स फोरम ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। फोरम के अध्यक्ष डा. संतोष कुमार सिंह तथा सचिव डा. राकेश कुमार के संयुक्त हस्ताक्षर से भेजे गए पत्र के समर्थन में 108 शिक्षकों ने हस्ताक्षर किए हैं। चार दिवंगत शिक्षकों की पत्नियों ने भी इस मांग को लेकर पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं। दो अवकाश प्राप्त शिक्षकों के भी हस्ताक्षर हैं, जिन्हें किसी प्रकार की पेंशन प्राप्त नहीं हो रही है।

टीचर्स फोरम ने मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में पुरानी पेंशन योजना बहाल करने के अलावा पीएचडी-एमफिल इंक्रीमेंट पर झारखंड उच्च न्यायालय के निर्णय को शीघ्र लागू करने, ग्रेड पे में वृद्धि, प्रमोशन तथा सातवें वेतनमान के अनुसार आवास किराया व चिकित्सा भत्ते की भी मांग की है। फोरम के सचिव डा. राकेश कुमार ने कहा है कि उनका फोरम भले ही सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय के शिक्षकों का है, लेकिन उनकी मांगें वर्ष 2008 में नियुक्त राज्य के सभी विश्वविद्यालय शिक्षकों से संबंधित हैं। कहा कि मुख्यमंत्री के दुमका आगमन पर फोरम के पदाधिकारी उनसे मिलकर भी अपनी बातें रखेंगे। बताया कि पीएचडी व एमफिल इंक्रीमेंट पर शिक्षकों के पक्ष में उच्च न्यायालय का फैसला 29 जनवरी 2019 को ही आया, लेकिन अभी तक यह आदेश लागू नहीं हो सका है। वर्ष 2008 में नियुक्त शिक्षकों द्वारा 12 वर्षों से अधिक की सेवा देने के बावजूद न तो इनके ग्रेड पे में वृद्धि हुई और न ही कोई प्रमोशन मिला है। ये मात्र 6000 रुपये का ग्रेड पे प्राप्त करते हुए असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर ही कार्य कर रहे हैं।

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