विधायकी गई, पर बंगले का मोह कम नहीं हुआ; अब विधानसभा सचिवालय ने दिया यह आदेश

Jharkhand. नए विधायकों को देने के लिए आवास नहीं है। इस संबंध में विधानसभा सचिवालय ने चिट्ठी जारी की है। विधानसभा सचिवालय का जल्द से जल्द आवास छोडऩे का फरमान।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 05 Feb 2020 04:01 PM (IST) Updated:Wed, 05 Feb 2020 04:01 PM (IST)
विधायकी गई, पर बंगले का मोह कम नहीं हुआ; अब विधानसभा सचिवालय ने दिया यह आदेश
विधायकी गई, पर बंगले का मोह कम नहीं हुआ; अब विधानसभा सचिवालय ने दिया यह आदेश

रांची, राज्य ब्यूरो। सत्ता और उससे जुड़ी सुविधाओं का मोह जल्द नहीं छूटता। कुछ ऐसा ही हाल है झारखंड विधानसभा चुनाव के दौरान हार चुके नेताओं का। इन्हें 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद राजधानी में बंगले आवंटित किए गए थे। हालिया विधानसभा चुनाव में ये जीतने में असफल रहें। नियम के मुताबिक इन्हें सरकारी सुविधाओं के तहत मिला आवास खाली कर देना चाहिए था, लेकिन विधानसभा सचिवालय को इसके लिए फरमान जारी करना पड़ रहा है।

विधानसभा सचिवालय ने उन तमाम पूर्व विधायकों को आदेश दिया है कि वे बंगले खाली कर दें ताकि नवनिर्वाचित विधायकों को आवास आवंटित किया जा सके। चिट्ठी जारी कर विधानसभा सचिवालय ने इस बाबत निर्देश दिया है। अगर पूर्व विधायक बंगले खाली नहीं करते हैं तो कानून के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।

लंबी है हारने वालों की फेहरिश्त

हालिया विधानसभा चुनाव में शिकस्त खाने वाले नेताओं की तादाद ज्यादा है। जिन पूर्व विधायकों को आवास खाली करना है उसमें जानकी प्रसाद यादव, ताला मरांडी, अशोक कुमार, सत्येंद्र नाथ तिवारी, मनोज कुमार यादव, कुशवाहा शिवपूजन, निर्मला देवी, राधाकृष्ण किशोर, गणेश गंझू, देवेंद्र कुमार सिंह उर्फ बिट्टïू सिंह, जयप्रकाश भोक्ता, प्रकाश राम, हरेकृष्ण सिंह, राजकुमार यादव, सुखदेव भगत, विमला प्रधान, नागेंद्र महतो, जयप्रकाश वर्मा, शिवशंकर उरांव, निर्भय शाहाबादी, बबीता देवी, योगेश्वर महतो बाटुल, अरूप चटर्जी, फूलचंद मंडल, राजकिशोर महतो, संजीव सिंह, कुणाल षाडंगी, राजकिशोर महतो, मेनका सरदार, लक्ष्मण टुडू, रामचंद्र सहिस, शशिभूषण सामड, साधुचरण महतो, सीमा देवी, रामकुमार पाहन, जीतूचरण राम, पौलुस सुरीन शामिल हैं।

रघुवर दास को मिलेगा पूर्व मुख्यमंत्री की सुविधाओं का लाभ

पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास विधानसभा चुनाव हार चुके हैैं। उन्होंने मुख्यमंत्री आवास खाली कर दिया है और पूर्व में बतौर विधायक आवंटित एचइसी स्थित आवास में शिफ्ट किया है। उन्हें भी आवास खाली करने का निर्देश दिया गया है। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर उन्हें रांची में आवास समेत अन्य सुविधाएं दी जाएगी।

उन्होंने इसके लिए सरकार से पत्राचार भी किया है। रघुवर दास बूटी रोड पर स्थित पूर्वमंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी वाला बंगला आवंटित कराना चाहते हैं। गौरतलब है कि राजधानी मेें सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को बंगले आवंटित हैं। इसके अलावा सरकार इन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा भी प्रदान करती है।

नए मंत्रियों को चाहिए आïवास, आज बैठक करेंगे हेमंत सोरेन

राज्य सरकार के मंत्रियों को बंगले के आवंटन पर सरकार फैसला लेगी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस बाबत बुधवार को वरीय अधिकारियों को तलब किया है। वे आवास आवंटन समिति की बैठक में हिस्सा लेंगे।

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