हटिया डैम पर खतरा, नहीं खुल रहा फाटक
तीन दिन बीतने के बाद भी हटिया डैम का जाम फाटक नहीं खुल पाया है
जागरण संवाददाता, रांची : तीन दिन बीतने के बाद भी हटिया डैम का जाम फाटक नहीं खुल पाया है। शनिवार को भी यथास्थिति कायम रही। फाटक नंबर तीन से पानी का ओवरफ्लो तेजी से जारी है। फाटक नंबर दो से भी पानी का रिसाव तेज हो गया है। एक नंबर गेट के बगल की दीवार कई स्थान से टूट गई है। वहां से भी पानी का रिसाव होता रहा। दीवार में पौधों के उग जाने से दरारे भी आ गई हैं। इससे खतरनाक स्थिति बनती जा रही है। जोरदार बारिश के बाद डैम की दीवार टूटने का खतरा भी मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में डैम के कैचमेंट एरिया के अलावा फिल्टरेशन प्लांट की ओर से धुर्वा एवं आसपास के क्षेत्र में भारी नुकसान की संभावना व्यक्त की जा रही है। सेम्बो, डुमडुम, टंगटंगटोली सहित कैचमेंट एरिया में शुक्रवार से ही पानी भर रहा है, जिससे धान की फसल डूब गई है। अभी पानी घरों तक नहीं पहुंचा है। लेकिन खतरा कायम है। लोगों का कहना है कि अगर डैम की दीवार टूट गई तो, इलाके में भारी तबाही आ सकती है। शनिवार, 25 सितंबर को डैम का दूसरी ओर, पीएचईडी विभाग के पदाधिकारी धुर्वा फिल्टरेशन प्लांट में उपस्थित होकर स्थिति पर नजर जमाए हुए थे। लेकिन फाटक जाम होने के कारण खोला नहीं जा सका। सूत्रों के मुताबिक विभाग द्वारा फाटक खोलने को लेकर हर संभव प्रयास जारी है। लेकिन सफलता नहीं मिल रही है। कहा गया कि फाटक को एक-दो इंच से ज्यादा उठाया नहीं जा सकता है। लेकिन एक बार फाटक खुल गया, तो उसे बंद करना मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में विभाग द्वारा 250-300 बोरे में बालू भरकर रखा गया है। जिनका उपयोग गेट बंद करने के दौरान किया जा सकता है। इधर, डैम में घूमने आने वाले लोगों को सावधान करने के लिए दो गार्ड भी तैनात कर दिए गए थे। इधर, म्यांमार में बन रहे चक्रवात का असर झारखंड में भी पडऩे की संभावना है। इस वजह से 26 एवं 27 सितंबर को बारिश की संभावना मौसम विभाग द्वारा व्यक्त की गई है।
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1962 में सिचाई विभाग द्वारा कराया गया था डैम का निर्माण वर्ष 1962 में सिचाई विभाग द्वारा हटिया डैम का निर्माण कराया गया था। बाद में इसे एचईसी और उसके बाद पीएचईडी विभाग को सौंप दिया गया। तब से डैम की देखरेख की जिम्मेदारी पीएचईडी विभाग की है।
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नहीं खुला तो टूट सकता है फाटक जल संसाधन विभाग के सेवानिवृत्त अभियंता प्रमुख शिवानंद रॉय का कहना है कि अगर डैम का फाटक नहीं खुला, तो पानी के प्रेशर से टूट सकता है। ऐसे में, काफी नुकसान होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि विगत 15 वर्षों से फाटक नहीं खोला गया है। गेट में जंग लग गया है। इस वजह से वह जाम हो गया है। यह विभाग की लापरवाही है। उन्होंने कहा कि गेट खुलने की स्थिति में उसे बालू का बोरा रखकर बंद नहीं किया जा सकता है। यह प्रयास विफल ही साबित होगा।
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ये क्षेत्र हो सकते हैं प्रभावित धुर्वा, न्यू एसटी, पटेल फील्ड, शाखा फील्ड, सिठियो बस्ती, सिठियो रोड, बी. टाइप, डीटी, ए-2, लटमा, हेथु आदि क्षेत्र प्रभावित हो सकते हैं।
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हटिया डैम से इन क्षेत्रों में होती है जलापूर्ति
एचईसी शहरी क्षेत्र, एचईसी प्लांट, प्रोजेक्ट भवन, रेलवे इलाका, मेकॉन, डोरंडा, हीनू आदि क्षेत्र में हटिया डैम से जलापूर्ति होती है।
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डैम का जलस्तर 16 सितंबर, 2021 : 35.07 फीट
16 सितंबर, 2020 : 27.03 फीट
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17 सितंबर, 2021 : 35.11 फीट
17 सितंबर, 2020 : 27.03 फीट
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18 सितंबर, 2021 : 36.00 फीट
18 सितंबर, 2020 : 27.08 फीट
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19 सितंबर, 2021 : 36.04 फीट
19 सितंबर, 2020 : 27.11 फीट
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20 सितंबर, 2021 : 36.06 फीट
20 सितंबर, 2020 : 28.01 फीट
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21 सितंबर, 2021 : 36.11 फीट
21 सितंबर, 2020 : 28.02 फीट
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22 सितंबर, 2021 : 37.00 फीट
22 सितंबर, 2020 : 28.03 फीट
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23 सितंबर, 2021 : 38.00 फीट
23 सितंबर, 2020 : 28.05 फीट
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24 सितंबर, 2021 : 38.06 फीट
24 सितंबर, 2020 : 28.05 फीट
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25 सितंबर, 2021 : 38.06 फीट
25 सितंबर, 2020 : 28.06 फीट
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डैम का जलस्तर 38.6 फीट पर पहुंच गया है। ओवरफ्लो हो रहा है। लेकिन विशेष चिता की बात नहीं है। वाटर लेवल को 37-38 फीट के बीच रखने का प्रयास है।
- सुरेश प्रसाद, कार्यकारी अभियंता (सिविल), हटिया डैम।
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बारिश को ध्यान में रखते हुए फाटक खोलने की तैयारी है। वर्ष 2017 में भी ऐसी स्थिति आ गई थी, तब भी इसी तकनीक से गेट को खोला गया था।
- प्रदीप भगत, कार्यकारी अभियंता, (मैकेनिकल), हटिया डैम।