Coronavirus Update: रहें सावधान, कोरोना वायरस को मात देने के बाद भी दिख रहे लक्षण; हो रही यह परेशानी

Coronavirus Symptoms Update अब तक जितने भी मरीज फॉलोअप के लिए पहुंचे उनमें से अधिकांश में कई तरह के लक्षण पाए गए हैं। चिकित्सकों के अनुसार स्वस्थ होने के दो से तीन माह के बाद भी लक्षण विकसित हो सकता है।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Tue, 15 Dec 2020 12:01 PM (IST) Updated:Tue, 15 Dec 2020 12:15 PM (IST)
Coronavirus Update: रहें सावधान, कोरोना वायरस को मात देने के बाद भी दिख रहे लक्षण; हो रही यह परेशानी
ऐसे कई मरीज रिम्‍स पहुंच रहे हैं।

रांची, जासं। कोरोना वायरस संक्रमण से स्वस्थ होने के बाद भी लोगों में कई तरह के लक्षण विकसित हो रहे हैं। कई लोगों में सुस्ती, किडनी और लंग्स की समस्या बढ़ रही है। ऐसे मरीजों को रिम्स के पोस्ट कोविड केयर सेंटर में काफी फायदा मिल रहा है। हर दिन 15 से 20 मरीजों की काउंसलिंग पोस्ट कोविड केयर सेंटर में की जा रही है। सेंटर के कोऑर्डिनेटर डॉ. देवेश कुमार ने बताया कि अब तक जितने भी मरीज फॉलोअप के लिए पहुंचे हैं, उनमें से अधिकांश में कई तरह के लक्षण पाए गए। इससे मरीज खुद काफी परेशान हैं।

डॉ. देवेश के अनुसार, संक्रमण से ठीक होने के बाद कई मरीजों में देखा जा रहा है कि दो या तीन महीनों के बाद उनमें लक्षण विकसित हो रहा है। संक्रमण के साइड इफेक्ट से किसी के पाचन तंत्र में तो किसी के हार्ट, किडनी और लंग्स में परेशानी हो रही है। सभी मरीजों को आधे घंटे तक बैठाकर पोस्ट कोविड केयर सेंटर में काउंसलिंग के साथ जांच व दवाएं भी दी जा रही है।

बताते चलें कि कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों में होनेवाली परेशानियों को दूर करने के लिए रिम्स में बीते सोमवार को पोस्ट कोविड केयर एंड काउंसिल सेंटर (पीसीसीसीसी) का संचालन प्रारंभ कर दिया गया था। पीसीसीसीसी इमरजेंसी में पुलिस बूथ के बगल वाले कमरे में बनाया गया है। पोस्ट कोविड केयर सेंटर हर दिन सुबह 10 से 11.30 व दोपहर 3 बजे से 4.30 तक संचालित होता है।

यहां लंग्स की क्षमता बढ़ाने के लिए ब्रीदिंग एक्सरसाइज, योगा, फिजियोथेरेपी व इम्युनिटी बूस्टर, खानपान के अलावा व्यवहारगत बदलावों के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। मरीजों को न्यूरोलॉजिकल, कार्डियक व अन्य परेशानियों के बारे में विशेषज्ञ चिकित्सक परामर्श देंगे। लक्षणवाले मरीज या जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था, उन्हें महीने में एक बार केंद्र पर आकर जांच करानी होगी।

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