Congress President Election: क्यों चुप हो गए केएन त्रिपाठी, कैसे रुक सकता था कांग्रसे अध्यक्ष का चुनाव

Congress President Election कांग्रेस में अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी करने वाले केएन त्रिपाठी का नामांकन रद हो गया। वह चाहते तो कानूनी दांव आजमा सकते थे लेकिन चुप हो गए। अगर ऐसा करते तो चुनाव प्रक्रिया पर विराम लग सकता था। पर कांग्रेसियों ने मनाने में कामयाबी पा ली।

By Jagran NewsEdited By: Publish:Sun, 02 Oct 2022 08:53 PM (IST) Updated:Sun, 02 Oct 2022 08:54 PM (IST)
Congress President Election: क्यों चुप हो गए केएन त्रिपाठी, कैसे रुक सकता था कांग्रसे अध्यक्ष का चुनाव
Congress President Election: झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी का फाइल फोटो।

रांची, राज्य ब्यूरो। Congress President Election कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव का नामांकन पत्र भरकर चौंकाने वाले झारखंड के पूर्व मंत्री केएन त्रिपाठी अगर अड़ जाते तो चुनाव की प्रक्रिया बाधित हो सकती थी। उनके करीबी नेताओं के मुताबिक, नामांकन रद करने के निर्णय के बाद वे इसे कानूनी तौर पर चुनौती दे सकते थे, लेकिन पार्टी के वरीय नेताओं के हस्तक्षेप से मान गए। उन्होंने नामांकन रद करने की प्रक्रिया को चुनौती नहीं दी। ऐसा होता तो चुनाव की प्रक्रिया अधर में लटक सकती थी।

उत्तर भारत के नेताओं का भी मिलता समर्थन

उल्लेखनीय है कि प्रस्तावक के हस्ताक्षर का मिलान नहीं होने को आधार बनाकर उनका नामांकन पत्र रद कर दिया गया था। इसके बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने उनसे संपर्क कर मुद्दे को आगे बढ़ाने से मना किया। केएन त्रिपाठी ने भी उनकी बातों को मानते हुए भरोसा दिलाया कि वे ऐसा नहीं करने जा रहे हैं। त्रिपाठी के पक्ष में मुहिम चला रहे कांग्रेस के नेताओं ने दावा किया था कि दो दक्षिण भारतीय नेताओं से मुकाबले में केएन त्रिपाठी को उत्तर भारत में संगठन के नेताओं का साथ मिलता। इसी आधार पर वे अपनी रणनीति को आगे बढ़ाते।

दक्षिण भारत के नेताओं का भी था समर्थन

दक्षिण भारत से भी उन्हें समर्थन मिलने की संभावना थी। अगर उनका नामांकन रद नहीं होता तो वे तमाम राज्यों में जनसंपर्क अभियान आरंभ करते। बहरहाल उनका नामांकन रद होने से झारखंड प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भी राहत की सांस ली है। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय इस निर्णय से नाराज थे। वरीय नेताओं ने भी उनसे संपर्क कर निर्णय वापस लेने की मांग की थी, लेकिन उन्होंने नामांकन पत्र दाखिल किया।

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