Jharkhand Assembly Election 2019: ये है संताल फतह का भाजपा का ब्लूप्रिंट, लोकसभा चुनाव के बाद BJP फिर रेस

सीएम रघुवर दास ने देवघर में कैबिनेट की बैठक कर बड़ा संदेश दिया है। भाजपाइयों में जोश भरकर उन्‍होंने विकास के एजेंडे के बूते संताल में 15 सीटें हासिल करने का लक्ष्य दिया है।

By Alok ShahiEdited By: Publish:Thu, 11 Jul 2019 07:25 AM (IST) Updated:Thu, 11 Jul 2019 07:25 AM (IST)
Jharkhand Assembly Election 2019: ये है संताल फतह का भाजपा का ब्लूप्रिंट, लोकसभा चुनाव के बाद BJP फिर रेस
Jharkhand Assembly Election 2019: ये है संताल फतह का भाजपा का ब्लूप्रिंट, लोकसभा चुनाव के बाद BJP फिर रेस

रांची, राज्य ब्यूरो। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के विधानसभा को लेकर दिए गए टास्क (65 प्लस) पर प्रदेश भाजपा रेस है। भाजपा ने पूरे प्रदेश को पांच जोन में बांटकर अपने अभियान की शुरुआत कर दी है। संताल फतह के ब्लूप्रिंट पर भाजपा ने अमल शुरू कर दिया है। मुख्यमंत्री रघुवर दास का एक दिवसीय संताल दौरा इसी कड़ी का हिस्सा है।

सत्ता और अप्रत्यक्ष रूप से संगठन की दोहरी कमान संभाल रहे मुख्यमंत्री रघुवर दास अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान संगठन में जहां जोश भरा, वहीं संताल के विकास के एजेंडे पर भी वे गंभीर दिखे। सीएम ने कैबिनेट की बैठक के अलावा आला अधिकारियों के संग अलग से बैठक की। राजधानी से इतर होने वाली इस बैठक में तमाम शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे। झामुमो का गढ़ रहे संताल में भाजपा का मुख्य प्रतिद्वंद्वी झामुमो है।

विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को सर्वाधिक चुनौती संताल व कोल्हान से ही मिलनी है। यही वजह है कि भाजपा ने यहां किलेबंदी शुरू कर दी है। झामुमो को उसी के गढ़ में घेरने की पार्टी की योजना है। यही रणनीति भाजपा ने लोकसभा चुनाव में भी अपनाई थी, जिसके परिणाम भी सार्थक दिखे। झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन तक दुमका से चुनाव हार गए।

भाजपा में यह चर्चा आम है कि राज्य की 11 लोकसभा सीटें पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वजह से जीती जबकि एक सीट (दुमका) मुख्यमंत्री रघुवर दास की रणनीति का नतीजा है। रघुवर अपनी उसी रणनीति को विस्तार देने में जुटे हैं। संताल में कुल 18 विधानसभा सीटें हैं, इनमें 15 पर जीत का लक्ष्य भाजपा ने निर्धारित किया है। 

ट्रेन यात्रा के हैं मायने
मुख्यमंत्री रघुवर दास की संताल यात्रा कई मायनों में अलग रही। सीएम ट्रेन से गए और वापस भी ट्रेन से ही लौटे। ऐसा कर उन्हेंने कॉमन मैन की छवि का दांव खेला है। ट्रेन आम और प्लेन खास लोगों की यात्रा का परिचायक माना जाता है।

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