पिजन पॉक्स के बाद बर्ड फ्लू का खतरा, कोकर में सड़कों पर कई कौवे मरे मिले, दहशत

रांची कोरोना संक्रमण को लेकर पहले से कायम दहशत के बीच नई मुसीबत के बादल मंडरा रहे है।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 06:58 PM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2020 06:58 PM (IST)
पिजन पॉक्स के बाद बर्ड फ्लू का खतरा, कोकर में सड़कों पर कई कौवे मरे मिले, दहशत
पिजन पॉक्स के बाद बर्ड फ्लू का खतरा, कोकर में सड़कों पर कई कौवे मरे मिले, दहशत

जागरण संवाददाता, रांची : कोरोना संक्रमण को लेकर पहले से कायम दहशत के बीच नई मुसीबत के बादल मंडरा रहे हैं। मंगलवार को शहर के कोकर इलाके की सड़कों पर कई कौवे मरे हुए पाए गए। सुबह जरूरी काम से निकले लोग इन्हें देख कर डर गए। तुरंत सदर थाने को सूचना दी गई। पुलिस ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों की मदद से मृत कौवों को जांच के लिए भेज दिया है।

बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के पशु रोग विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमके गुप्ता का कहना है कि जांच के बिना कुछ भी कहना मुश्किल होगा। अभी पिजन पॉक्स का शहर में प्रकोप है। हो सकता है कि पक्षी इससे संक्रमित हो गए हों। लेकिन जो कौवे मरे मिले हैं उन्हें देखकर ऐसा नहीं लगता। अगर ये संक्रमित होते तो इनके मुंह के आसपास गांठ जैसी संरचना दिखाई देती। साथ ही वहां मौजूद लोगों का कहना है कि पक्षी के मुंह से झाग निकल रहा था जो बर्ड फ्लू के संक्रमण होने का लक्षण है। हालांकि जांच के बिना कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी।

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पिछले महीने बिरसा उद्यान के कई पक्षियों की हुई थी मौत

पिछले महीने बिरसा मुंडा उद्यान में कई पक्षियों की मौत बर्ड फ्लू से हो गई थी। मरे हुए कौवे मिलने के बाद प्रशासन एक बार फिर से सजग हो गया है।

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रहें सतर्क :::एक से ज्यादा पक्षी मरा मिले तो उसे हाथ नहीं लगाएं

डॉ. एमके गुप्ता ने बताया कि अगर कहीं भी एक से ज्यादा पक्षी मरा मिले तो लोगों को उसे हाथ नहीं लगाना चाहिए। तुरंत वन प्रमंडल के अधिकारी या पुलिस को सूचना देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बर्ड फ्लू से पीड़ित पक्षी की पहचान देखकर आसानी से नहीं की जा सकती। हालांकि ध्यान देने पर ही कुछ लक्षण देखे जा सकते हैं। जैसे पक्षी के पैर नीले होने लगते हैं और इसकी नाक से पानी आने लगता है। ये बीमारी बर्ड एवियन इंफ्लूएंजा(एच5एन1) वायरस से होता है। अगर मनुष्य इस वायरस से संक्रमित हो जाए तो उसके लिए जानलेवा भी हो सकती है। इसके बाद ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।

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हम-आप कैसे रखें सावधानी

मनुष्यों में ये बीमारी संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने में होता है। मुर्गी के अलावा अन्य प्रजाति के पक्षियों से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से संपर्क में रहने से इंसानों में बर्ड फ्लू का वायरस फैलता है।

आदमी के शरीर में यह वायरस आंख, मुंह और नाक के जरिये अंदर जाता है।

मरे हुए पक्षियों से दूर रहें, जिस क्षेत्र में बर्ड फ्लू है वहां मांसाहार भोजन न खाएं।

जहां से चिकन या मटन खरीदते हों वहां सफाई का पूरा ध्यान रखा जाता है या नहीं यह जांच लें।

संक्रमण के प्रभाव वाले क्षेत्र में यथासंभव मास्क का प्रयोग करें।

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ये हो सकती है परेशानी

इसमें बुखार, हमेशा कफ रहना, नाक बहना, सिर में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, गले में सूजन, दस्त होना या उल्टी सा महसूस होना, पेट के निचले हिस्से में दर्द होना, सांस लेने में समस्या, सांस लेने में परेशानी, आंख में समस्या हो सकती है।

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