Babulal Marandi: स्पीकर लिख रहे बाबूलाल का भाग्य... वकील ने कहा- कानून की अनदेखी कर हो रही सुनवाई

Babulal Marandi In Trouble स्पीकर न्यायाधिकरण में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। यह सुनवाई निर्धारित आठ बिन्दुओं पर हुई। बाबूलाल मरांडी के वकील ने दावा किया कि कानूनी प्रविधानों के अनुरूप सुनवाई नहीं हो रही है।

By M EkhlaqueEdited By: Publish:Tue, 17 May 2022 03:46 PM (IST) Updated:Tue, 17 May 2022 07:55 PM (IST)
Babulal Marandi: स्पीकर लिख रहे बाबूलाल का भाग्य... वकील ने कहा- कानून की अनदेखी कर हो रही सुनवाई
Babulal Marandi: बाबूलाल मरांडी के दल-बदल मामले में स्पीकर न्यायाधिकरण में हुई सुनवाई, जानिए कौन से हैं ये आठ प्वाइंट

रांची, राज्य ब्यूरो। स्पीकर न्यायाधिकरण में भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दर्ज दल-बदल के मामले में मंगलवार को मेरिट के आधार पर सुनवाई आरंभ हुई। न्यायाधिकरण ने इसके लिए आठ बिंदु (इश्यू) बनाए थे। मंगलवार को इसपर दोनों पक्षों के बीच बहस हुई।

इसपर पक्ष रखते हुए राजधनवार के पूर्व विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि मामला बिल्कुल पानी की तरह साफ है। जब बाबूलाल मरांडी ने 16 फरवरी 2020 को विधानसभा सचिवालय को सूचना दी थी तो भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर चुके थे। उन्हें झारखंड विकास मोर्चा के अन्य विधायकों प्रदीप यादव और बंधु तिर्की का समर्थन हासिल नहीं था। इस परिस्थिति में बाबूलाल मरांडी की सदस्यता समाप्त की जानी चाहिए।

प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को झाविमो से निष्कासित किए जाने के बावजूद भी उनकी विधानमंडल दल की सदस्यता बरकरार रही। न्यायाधिकरण बाबूलाल मरांडी की सदस्यता समाप्त करें। बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने कहा कि सुनवाई संवैधानिक रूप से नहीं हो रही है। जबतक प्रारंभिक आपत्ति अस्वीकार किये जाने का आदेश जबतक जारी नहीं हो जाता, तब तक मेरिट पर सुनवाई नहीं हो सकती। उन्होंने दो और इश्यू शामिल करने की मांग की। स्पीकर ने कहा कि इश्यू क्या होगा, यह न्यायाधिकरण का अधिकार क्षेत्र है।

दो तिहाई विधायकों का विलय के लिए सहमति आवश्यक

दीपिका पांडेय सिंह बनाम बाबूलाल मरांडी मामले में एक अन्य वकील विनोद साहू ने न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी की तरफ से पैरवी करने की इजाजत मांगी। उनके लिए न्यायाधिकरण के समक्ष वरीय अधिवक्ता अनिल कुमार ने बाबूलाल मरांडी की तरफ से पैरवी करते हुए एक नया तथ्य न्यायाधिकरण के समक्ष प्रस्तुत किया। जानकारी दी कि 16 फरवरी 2020 के बहुत पहले 24 जनवरी 2020 को यह खबर विभिन्न अखबारों में छपी थी कि प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तत्कालीन प्रभारी आरपीएन सिंह से मिले थे। उन्होंने कांग्रेस में विलय की बात की थी। इसपर विचार किया जाना आवश्यक है कि 16 फरवरी को बाबूलाल मरांडी अकेले झाविमो के सदस्य थे। दीपिका पांडेय सिंह की तरफ से उनके अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया ने इस बात का विरोध किया। कहा कि अगर इस समाचार को सही मान भी लिया जाए तो इससे कहीं स्पष्ट नहीं होता कि दोनों कांग्रेस में शामिल हो गए थे। न्यायाधिकरण ने इश्यू फ्रेम किया है कि उसके अनुसार 16 फरवरी 2020 को झाविमो विधानमंडल दल की सदस्य संख्या तीन थी। विलय के लिए दो तिहाई विधायकों की सहमति आवश्यक है।

इन आठ बिन्दुओं पर हुई सुनवाई कांग्रेस विधायक दीपिका पांडेय सिंह द्वारा देर से की गई शिकायत सुनने योग्य है अथवा नहीं। 16 फरवरी 2020 को बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा सचिवालय को सूचित किया था कि भाजपा में शामिल हुए हैं। उस दिन झाविमो के सदस्यों की संख्या कितनी थी। कौन-कौन झाविमो विधानमंडल दल के सदस्य थे। बाबूलाल मरांडी द्वारा यह सूचित किया जाना संविधान की 10वीं अनुसूची के मुताबिक झारखंड विकास मोर्चा की सदस्यता स्वेच्छा से छोड़ना माना जाएगा अथवा नहीं। अकेले भाजपा में बाबूलाल मरांडी के शामिल होने से उन्हें 10वीं अनुसूची का लाभ प्राप्त होगा अथवा नहीं। बाबूलाल मरांडी द्वारा प्रदीप यादव और बंधु तिर्की को निष्कासित किए जाने के बाद झारखंड विकास मोर्चा विधानमंडल दल की संख्या पूर्ववत रही या नहीं। बाबूलाल संवैधानिक प्रविधानों के मुताबिक दल परिवर्तन के नियम के तहत अयोग्य हुए या नहीं। यदि बाबूलाल मरांडी इस मामले में अयोग्य पाए गए तो वह किस तिथि से प्रभावी होगी।

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