Ahmedabad Blast Case: अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में सालों बाद आया इंसाफ, रांची के मंजर इमाम और दानिश हुए बरी

Ahmedabad Blast Case News साल 2008 में अहमदाबाद में हुए सीरियल बम ब्लास्ट मामले में रांची के दो लोगों को बड़ी राहत मिली है अहमदाबाद की कोर्ट ने दोनों आरोपियों को बरी कर दिया है जिसके बाद रांची में उनके परिवार में खुशी का माहौल है।

By Madhukar KumarEdited By: Publish:Tue, 08 Feb 2022 10:14 PM (IST) Updated:Wed, 09 Feb 2022 05:11 PM (IST)
Ahmedabad Blast Case: अहमदाबाद ब्लास्ट मामले में सालों बाद आया इंसाफ, रांची के मंजर इमाम और दानिश हुए बरी
Ahmedabad Blast Case: अहमबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में अहमदाबाद ने दो लोगों को किया बरी

रांची, जासं। अहमदाबाद में वर्ष 2008 में आतंकियों द्वारा किए गए सीरयल बम धमाकों में मंगलवार को गुजरात की अदालत ने फैसला सुनाया है। इस फैसले के बाद रांची के बरियातू में रहने वाले मंजर इमाम और दानिश उर्फ सैय्यद आफाक इकबाल को कोर्ट ने सीरियल बम ब्लास्ट मामले में बरी कर दिया है। कोर्ट के इस फैसले के बाद बरियातू में खुशी की लहर है। मंजर और दानिश का पूरा परिवार कोर्ट के इस फैसले से बेहद खुश है, हालांकि मन में एक मलाल यह भी है कि कोर्ट का फैसला काफी देर से आया। कोर्ट के फैसले पर मंजर इमाम की मां जाहिदा खातून कहती हैं कि उनके मन में पूरा विश्वास था कि न्यायालय से जरूर इंसाफ मिलेगा। उनको अपने बेटे की गिरफ्तारी के साथ ही यह दृढ़ विश्वास था कि उनका बेटा बेकसूर साबित होगा।

मां को था इंसाफ का इंतजार

मां, कहती हैं कि मंजर के पिता मो. अली इमाम अब नहीं रहे। लेकिन मंजर की गिरफ्तारी के बाद उन्होंने पूरी सुरक्षा एजेंसियों और सरकार को खुली चुनौती दी थी कि अगर मंजर इमाम आतंकी निकला तो उसे मैं खुद गोली मार दूंगा या एनआईए को दो करोड़ का इनाम दूंगा। इसके लिए संपत्ति ही क्यों ना बेचना पड़े। लेकिन एनआईए मेरे बेटे को आतंकी या बम ब्लास्ट का आरोपित साबित कर दे। परिजनों के अनुसार मंजर इमाम को पुलिस ने 4 मार्च 2013 को कांके से गिरफ्तार किया था तब से वह तिहाड़ जेल में बंद है। बीच-बीच में वह कभी केरल, गुजरात जेल में रहा। छह महीने के करीब केरल में रहा, गुजरात मे चार महीना के करीब बंद था। फिलहाल अहमदाबाद में चल रहे बम ब्लास्ट के मामले पर फैसला आया है। इसके अलावा केरल मामले में वर्ष 2017 में ही बरी हो चुका है। जबकि दिल्ली का मामला फिलहाल विचाराधीन है। जिसमें, फैसला अभी बाकी है। इस वजह से परिवार वालों की खुशी पूरी नहीं हो पा रही। क्योंकि मंजर इमाम फिलहाल जेल से छूट कर नहीं आ पाएगा। हालांकि उन्हें पूरा विश्वास है दिल्ली कोर्ट का भी फैसला आएगा और निर्दोष साबित होगा।

घर वाले दानिश को लेकर आएंगे रांची

दानिश पर केरल और अहमदाबाद के कोर्ट में मामले लंबित थे। दोनों मामलों में फैसला आ चुका है, वर्ष 2017 में ही केरल के मामले में दानिश बरी हो चुका था। जबकि मंगलवार को अहमदाबाद ब्लास्ट के मामले में कोर्ट का फैसला आया है। इसके साथ ही वह बरी होकर रिहा भी हो गया। दानिश के परिवार वाले उसे लाने के लिए अहमदाबाद जाने की तैयारी कर रहे हैं।

रांची यूनिवर्सिटी का गोल्ड मेडलिस्ट था मंजर इमाम

मंजर इमाम रांची यूनिवर्सिटी का गोल्ड मेडलिस्ट था। उसे वर्ष 2007 में स्नातकोत्तर उर्दू विषय में गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था। राज्य के तत्कालीन राज्यपाल सैयद सिब्ते रजी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री अर्जुन सिंह ने सम्मानित किया था। परिजनों का कहना है कि मंजर इमाम शिक्षा के क्षेत्र में भी मेधावी छात्र था। लेकिन ऐन वक्त पर वह झूठे आरोपों में फंसता चला गया।

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