37 सालों के बाद लक्ष्मी पूजा पर बन रहा विशेष संयोग

रांची दिवाली पर भक्तों के लिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस साल विशेष संयोग बन रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 27 Oct 2019 01:06 AM (IST) Updated:Sun, 27 Oct 2019 01:06 AM (IST)
37 सालों के बाद लक्ष्मी पूजा पर बन रहा विशेष संयोग
37 सालों के बाद लक्ष्मी पूजा पर बन रहा विशेष संयोग

जागरण संवाददाता, रांची : दिवाली पर भक्तों के लिए मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस साल विशेष संयोग बन रहा है। 37 सालों के बाद दीपावली के अवसर पर ये विशेष संयोग बन रहा है। रविवार (सूर्यदेव का दिन), चित्रा नक्षत्र और अमावस्या का अद्भुत और विशेष योग है। इस महासंयोग पर ह्रदय से लक्ष्मी पूजा करने वालों पर मां की कृपा बरसेगी। दिवाली पर विशेष पूजा मुहूर्त के बारे में बताते हुए ज्योतिषाचार्य आचार्य कृष्णा ने कहा कि हिदू शास्त्रों के मुताबिक कोई भी पूजा बिना दीपक जलाए पूरी नहीं मानी जाती है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों के अनुसार शरद पूर्णिमा को मां लक्ष्मी शरीर धारण करके धरती पर आ जाती हैं। इसके बाद देवउठान एकादशी तक धरती पर रहती हैं। यही अवसर है कि जब भक्त माता को प्रसन्न कर सकते हैं। दो आसनों पर विराजती हैं लक्ष्मी -

आचार्य कृष्णा ने बताया कि माता लक्ष्मी के दो आसन है, कमल और उल्लू। भक्त माता के दोनों रुपों की पूजा करते हैं। कमलाशन माता लक्ष्मी भक्तों के घरों में चीर काल तक निवास करती हैं। इस दिन जो भी भक्त हल्दी, लाल कमल, कनकधारा स्त्रोत, और श्री सूक्त से पूजा करने वालों को कृपा बरसाती है। सिंह लग्न में करें मां की पूजा-

शास्त्रों के अनुसार मां की पूजा गोधुली लग्न, वृष लग्न, मिथुन लग्न, कन्या लग्न और सिंह लग्न में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इसके साथ ही कुंडली के ग्रहों को अनुसार पूजा करने का विशेष फल है। सिंह लग्न को सबसे स्थिर लग्न माना जाता है। स्थिर लग्न में पूजा करने से मां की कृपा प्राप्त होती है और चीर काल तक भक्त के घरों में निवास करती हैं। लग्न समय

धनु लग्न सुबह 9:45 - 11:45 बजे

कुंभ लग्न दोपहर 1:15 - 2:45 बजे

गोधुली लग्न शाम 4:00 - 5:45 बजे

वृष लग्न शाम 6:45 - 7: 45 बजे

मिथुन लग्न शाम 7:45 - 9:45 बजे

सिंह लग्न रात्रि 3:00 - 4:45 बजे

chat bot
आपका साथी