12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का रिम्स में कराया गया गर्भपात
गर्भपात के बाद पीड़िता को विशेष निगरानी में रखा गया है। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, रांची। 12 वर्षीय दुष्कर्म पीड़िता नाबालिग का गर्भपात मंगलवार को रिम्स (राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस) में हुआ। रिम्स की डॉ. अनुभा विद्यार्थी की निगरानी में गर्भपात की प्रक्रिया शुरू की गई थी। इसे लेकर रिम्स में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी रही।
सुनिश्चित किया गया था किसी तरह से भी नाबालिग की पहचान उजागर न हो। उसके परिजनों को भी अलग से सुरक्षा व्यवस्था के बीच रखा गया। दवाएं लाने और ले जाने की जिम्मेदारी भी खास व्यक्तियों को ही दी गई।
कड़ी सुरक्षा के कारण कुछ देर के लिए यह मामला रिम्स में चर्चा का विषय बना रहा। अब रिम्स सफल गर्भपात की रिपोर्ट को हाई कोर्ट भेजेगा। इसकी जिम्मेदारी खुद प्रभारी निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने ली है। गर्भपात की प्रक्रिया दिन में 11 बजे से ही शुरू कर दी गई थी। डॉ. अनुभा ने पहले पीडि़ता की काउंसिलिंग की। कुछ घंटे बात की। फिर आगे की प्रक्रिया की शुरुआत की।
डॉक्टर के अनुसार, पीड़िता घबराई हुई थी। काउंसिलिंग में लंबा समय लगा। गर्भपात के बाद पीड़िता को विशेष निगरानी में रखा गया है। पूरी तरह स्वस्थ होने के बाद ही उसे डिस्चार्ज किया जाएगा। रिम्स के प्रभारी निदेशक डॉ. आरके श्रीवास्तव ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का पूरी तरह पालन किया गया है। पीडि़ता को अभी निगरानी में रखा गया है।
जानिए, क्या है मामला
जमशेदपुर की नाबालिग से आरोपी उदय गगराई ने दुष्कर्म किया था। चार माह बाद जब नाबालिग के पेट में दर्द हुआ तो वह मां के साथ इलाज के लिए अस्पताल पहुंची। वहां गर्भवती होने का पता चला। परिजनों ने इस संबंध में थाने में शिकायत की। आरोपी को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नाबालिग की मां ने इसे लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसपर कोर्ट ने संज्ञान लिया था और पांच माह का गर्भ होने के बावजूद गर्भपात की इजाजत दी थी।
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