झारखंड में 25 सितंबर को लांच होगी 'आयुष्मान भारत' योजना

राज्य में केंद्र की महत्वाकांक्षी आयुष्मान भारत योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्म दिन पर शुरू किया जा रहा है।

By Edited By: Publish:Wed, 22 Aug 2018 09:38 AM (IST) Updated:Wed, 22 Aug 2018 08:51 AM (IST)
झारखंड में 25 सितंबर को लांच होगी 'आयुष्मान भारत' योजना
झारखंड में 25 सितंबर को लांच होगी 'आयुष्मान भारत' योजना

रांची, राज्य ब्यूरो। राज्य में केंद्र की महत्वाकांक्षी 'आयुष्मान भारत' योजना पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती पर 25 सितंबर को लांच होगी। इसके तहत राज्य के 57 लाख परिवार चिह्नित अस्पतालों में 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करा सकेंगे। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मंगलवार को प्रोजेक्ट भवन में इसकी तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि झारखंड में इस योजना को गुजरात, पश्चिमी बंगाल तथा छत्तीसगढ़ के मॉडल के अनुरूप हाइब्रिड मॉडल में लागू किया जाएगा।

इसके तहत एक लाख रुपये तक कीस्वास्थ्य सुविधा बीमा कंपनी के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। एक लाख रुपये से अतिरिक्त 4 लाख रुपये की स्वास्थ्य सुविधा सोसायटी या ट्रस्ट के माध्यम से उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस आलोक में समीक्षा कर विस्तृत प्रस्ताव शीघ्र मंत्रिपरिषद के समक्ष लाने का निर्देश दिया। साथ ही एक अस्पताल में प्रयोग के तौर पर इसकी शीघ्र शुरुआत करने को कहा ताकि 25 सितंबर को योजना लांच करने में कोई अवरोध न आए। उन्होंने अधिकारियों को यह हिदायत भी दी कि किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य सुविधा का लाभ प्राप्त करने में कोई परेशानी न आए। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल व कार्यकारी निदेशक दिव्याशु झा आदि उपस्थित थे। सरकारी अस्पतालों में अब मैनेजमेंट नहीं देखेंगे चिकित्सक राज्य ब्यूरो, रांची : राज्य के मेडिकल कॉलेजों तथा सदर अस्पतालों में मैनेजमेंट का कार्य अब चिकित्सक नहीं देखेंगे। चिकित्सक केवल चिकित्सा का ही कार्य करेंगे। मैनेजमेंट देखने के लिए अलग से नियुक्ति होगी। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सरकारी अस्पतालों में चुस्त-दुरुस्त चिकित्सा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए इसे लागू करने को कहा। साथ ही इसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग को दिया। मुख्यमंत्री ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान की समीक्षा के क्रम में यह निर्देश दिया। मौके पर स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने हाल ही में राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में प्रबंधन का कार्य अलग करते हुए भारतीय प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी हर्ष मंगला को अपर निदेशक (प्रशासन) पद की जिम्मेदारी दी थी। उन्होंने इसे सभी बड़े अस्पतालों में भी लागू करने को कहा। कहा कि इससे अस्पतालों में न केवल चिकित्सा सुविधाएं बेहतर होंगी बल्कि चिकित्सकों के सिर से काम का बोझ भी कम होगा। बता दें कि अभी तक सदर अस्पतालों में मैनेजमेंट का कार्य सिविल सर्जन, एसीएमओ और उपाधीक्षक देखते हैं जो चिकित्सक ही होते हैं। मुख्यमंत्री ने बैठक में आयुष चिकित्सकों की नियुक्ति पंचायत स्तर पर करने को कहा। राज्य के जिन सात जिलों में अभी भी ब्लड बैंक नहीं हैं, वहां शीघ्र ब्लड बैंक खोलने का निर्देश दिया। उन्होंने लावारिश शवों के दाह संस्कार करनेवाली संस्थाओं को आर्थिक सहायता के रूप में प्रति शव एक हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में देने का भी निर्देश दिया। बैठक में मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, विकास आयुक्त डीके तिवारी, स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुनील कुमार वर्णवाल, कल्याण सचिव हिमानी पाडेय व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

आकांक्षी जिलों में प्राथमिकता में हो चिकित्सा सेवा मुख्यमंत्री ने राज्य के 19 आकांक्षी (पिछड़े) जिलों में चिकित्सा सेवा को प्राथमिकता में रखने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों को दिया। साथ ही इनमें से अत्यंत पिछड़े छह जिलों पर खास ध्यान देने को कहा। 

कैंपस सेलेक्शन से करें चिकित्सकों की नियुक्ति मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की अधिक से अधिक नियुक्ति के लिए मेडिकल कॉलेजों में कैंपस सलेक्शन करने को कहा। खासकर शिशु रोग व स्त्री रोग विशेषज्ञों की अधिक से अधिक नियुक्ति पर जोर दिया।

राज्य स्तर पर लगाएं रक्तदान शिविर मुख्यमंत्री ने राज्य में खून की उपलब्धता बढ़ाने के लिए एक दिन राज्य स्तर पर भी रक्तदान शिविर के आयोजन का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया।

chat bot
आपका साथी