झारखंड में सरकार विरोधी अभियान में 87 एनजीओ भी संलिप्त

झारखंड में सरकार विरोधी अभियान में 87 गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) भी संलिप्त हैं।

By Sachin MishraEdited By: Publish:Fri, 06 Oct 2017 09:52 AM (IST) Updated:Fri, 06 Oct 2017 11:20 AM (IST)
झारखंड में सरकार विरोधी अभियान में 87 एनजीओ भी संलिप्त
झारखंड में सरकार विरोधी अभियान में 87 एनजीओ भी संलिप्त

दिलीप कुमार, रांची। सरकार विरोधी अभियान में राज्य की 87 गैर सरकारी संस्था (एनजीओ) भी संलिप्त हैं। इन संस्थाओं की सूची सरकार के पास पहुंची है। ये एनजीओ विदेशी फंड की सहायता से राज्य में सरकार को अस्थिर करने, धर्मातरण के साथ-साथ भोले-भाले आदिवासियों को बहलाने में जुटे हैं।

पुलिस मुख्यालय ने गृह विभाग के माध्यम से सरकार को ऐसी 87 एनजीओ की सूची सौंपी है, जिनके पास विकास के नाम पर विदेशों से 300 करोड़ से अधिक की राशि आ रही है। ये 87 एनजीओ फॉरेन कंट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) के तहत निबंधित हैं और इसी के तहत विदेशी फंड भी उन तक पहुंच रहा है। सरकार से एफसीआरए निबंधन रद करने की अनुशंसा की गई है। फाइल सरकार के पास है।

रिपोर्ट में जिन बिंदुओं को मुख्यालय ने उठाया

- बहुत सी संस्थाएं एफसीआरए के तहत मिले विदेशी फंड को सरकार विरोधी रैली, धरना-प्रदर्शन में प्रयोग कर रही हैं।

- ऐसी संस्थाओं का निबंधन विभाग या महालेखाकार कार्यालय से विशेष ऑडिट कराया जा सकता है। त्रुटि पाए जाने पर उनकी एफसीआरए निबंधन रद करने की अनुशंसा की जा सकती है।

- एफसीआरए से निबंधित इन 87 एनजीओ को विभिन्न श्रेणी में रखा गया है। इनमें सालाना 39 करोड़ रुपये से नीचे व 7.5 करोड़ रुपये से ऊपर की राशि प्राप्त करने वाले संस्थाओं को टॉप 11 में रखा गया है। 7.5 करोड़ से नीचे व 1.84 करोड़ से ऊपर की राशि प्राप्त करने वाले संस्थाओं को टॉप-12 से 31 के बीच रखा गया है। वहीं, 1.84 करोड़ रुपये से नीचे की राशि प्राप्त करने वाली संस्था को 32 से 87 की सूची में रखा गया है।

- ऐसे एनजीओ झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों/प्रखंडों में निजी अस्पताल, स्कूल, सेल्टर होम आदि का संचालन करते हैं।

- ये एनजीओ आदिवासी लड़कियों को नर्स का प्रशिक्षण दिलाकर बाहर भेजने व धर्म परिवर्तन का दबाव देते हैं।

- ये संस्थाएं सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासियों को प्रलोभन देकर धर्मातरण करवा रही हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष को भी सौंपा जा चुका है दस्तावेज

हाल ही में झारखंड दौरे पर आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष फुलचंद तिर्की व बबलू मुंडा आदि ने ऐसे गैर सरकारी संस्थाओं (एनजीओस) पर नकेल कसने की मांग की थी। अमित शाह को समिति ने ऐसे एनजीओ की न सिर्फ सूची सौंपी, बल्कि उनसे जुड़े दस्तावेज का पुलिंदा भी दिया है, ताकि उनके खिलाफ केंद्र के स्तर से ठोस कार्रवाई हो सके।

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