57 फीसद लोग ही करते आयोडीन युक्त नमक का सेवन

झारखंड में मात्र 57 फीसद लोग ही आयोडीन युक्त नमक का सेवन करते हैं। राज्य के सात जिले ऐसे हैं जहां के लोगों में सबसे अधिक आयोडीन की कमी पाई गई है। यूनिसेफ के अनुसार, झारखंड में आयोडीन विहीन नमक का प्रवेश सड़क के रास्ते होता है एवं इसकी खरीद छोटे व्यापारियों द्वारा की जाती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 21 Oct 2016 04:54 AM (IST) Updated:Fri, 21 Oct 2016 05:01 AM (IST)
57 फीसद लोग ही करते आयोडीन युक्त नमक का सेवन

राज्य ब्यूरो, रांची। झारखंड में मात्र 57 फीसद लोग ही आयोडीन युक्त नमक का सेवन करते हैं। राज्य के सात जिले ऐसे हैं जहां के लोगों में सबसे अधिक आयोडीन की कमी पाई गई है। इनमें रांची के अलावा साहिबगंज, गोड्डा, दुमका, देवघर, पलामू, गुमला, लोहरदगा शामिल हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है।
यूनिसेफ के अनुसार, झारखंड में आयोडीन विहीन नमक का प्रवेश सड़क के रास्ते होता है एवं इसकी खरीद छोटे व्यापारियों द्वारा की जाती है। दूसरी तरफ, जनवितरण प्रणाली की दुकानों में नमक की आपूर्ति नियमित रूप से नहीं होती। राज्य में नमक के सैंपल जांच की भी जिम्मेदारी खाद्य सुरक्षा पदाधिकारियों को दी गई है, जबकि इसके लिए अलग से खाद्य सुरक्षा अधिकार नियुक्त होना आवश्यक है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने नमक की जांच के लिए 21 अक्टूबर से 21 नवंबर तक अभियान चलाने का निर्णय लिया है, जिसमें नमक के नमूने एकत्रित कर जांच के लिए भेजे गए हैं। नमक के सैंपल संग्रह की जिम्मेदारी सहिया को भी दी गई है। राष्ट्रीय पोषण संस्थान के हालिया सर्वे के अनुसार, बाजार में आयोडीन विहीन घटिया नमक की कम कीमत होने के कारण घरों में सेवन किया जाता है।

आयोडीन युक्त नमक नहीं खाने से ये नुकसान
घेघा रोग, मंद बुद्धि, बहरापन-गंूगापन, खड़े होने व टहलने में परेशानी, बौनापन आदि की समस्या, गर्भावस्था में कई समस्याएं, विकृत बच्चे का जन्म आदि।

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