रामगढ़ में अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना में फर्जीवाड़ा, तीन स्कूलों का 30 लाख रुपये हड़पा

Minority Scholarship रामगढ़ के मांडू प्रखंड के तीन स्‍कूलों का मामला है। जांच के क्रम में मामले का खुलासा हुआ। बीडीओ बीईईओ व बीडब्लूओ अलग-अलग स्कूलों की जांच कर रहे हैं। इस साल की छात्रवृत्ति की राशि भी निकालने की तैयारी थी।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Wed, 13 Jan 2021 05:20 PM (IST) Updated:Wed, 13 Jan 2021 05:27 PM (IST)
रामगढ़ में अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना में फर्जीवाड़ा, तीन स्कूलों का 30 लाख रुपये हड़पा
जांच के दौरान मामले का खुलासा हुआ। फाइल फोटो

मांडू (रामगढ़), जासं। रामगढ़ जिले के मांडू प्रखंड के तीन स्कूलों में अल्पसंख्यक छात्रवृति योजना के तहत स्कूली बच्चों को मिलने वाली छात्रवृति लाभ में 30 लाख 60 हजार रुपये का फर्जीवाड़ा सामने आया है। इनमें संत पीटर स्कूल घाटो, मिलेनियम पब्लिक स्कूल करमा और नवचेतन पब्लिक स्कूल सांडी शामिल है। बताया जाता है कि संत पीटर स्कूल घाटो में 145 बच्चे, मिलेनियम पब्लिक स्कूल करमा में तीन और नवचेतन पब्लिक स्कूल सांडी में कुल 158 बच्चों का नाम शामिल है।

घोटालेबाजों ने इन तीनों स्कूलों से वर्ष 2019-20 सत्र में बच्चों को ऑनलाइन नामांकित दिखाकर उपरोक्त राशि की निकासी कर ली है। जबकि वास्तव में इन बच्चों का स्कूल में कहीं नामांकन ही नहीं है। मामले का खुलासा तब हुआ, जब रामगढ़ के उप विकास आयुक्त के आदेश पर मांडू बीडीओ विनय कुमार, बीईईओ जोहानी टोप्पो एवं प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कृपाल कच्छप तीनों अलग-अलग छात्रवृति से संबंधित जांच के लिए स्कूल पहुंचे।

वित्तीय वर्ष 2020-21 में भी राशि निकालने की थी तैयारी

छात्रवृत्ति से लाभान्वित हो रहे स्कूलों को जब अधिकारियों ने बारी-बारी से खंगालना प्रारंभ किया तो कई चौंकाने वाले रहस्यों का पर्दाफाश हुआ। बीईईओ ने बताया कि जांच के क्रम में हाई स्कूल चुंबा में सत्र 2020-21 में 181 और मिलेनियम स्कूल, करमा में 102 बच्चों का ऑनलाइन लिस्ट तैयार था। कहा कि अगर समय पर जांच नहीं होती तो यहां भी राशि निकाल ली जाती। उन्होंने बताया कि ऐसे कई स्कूल हैं जहां के प्रधानाध्यापक को मालूम भी नहीं है कि उनके स्कूल से बच्चों को छात्रवृति का लाभ मिल रहा है।

यू-डाइस कोड का प्रयोग कर ऑनलाइन उड़ा रहे हैं पैसे

बीईईओ जोहनी टोप्पो ने बताया कि मांडू में छात्रवृत्ति राशि घोटाला एक साइबर क्राइम है। स्कूल के बाहर लगे बोर्ड में यू डाइस अंकित होता है। साइबर क्राइम करने वाले बदमाश इसी यू डाइस का सहारा लेकर पोर्टल में जाकर बच्चों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर लेते हैं। बाद में उपरोक्त राशि के आवंटन पर साइबर अपराधी इसे निकाल लेते हैं।

बच्चों को हर साल मिलती है 10 हजार रुपये की छात्रवृत्ति

बताया जाता है कि कल्याण विभाग द्वारा अल्पसंख्यक बच्चों को छात्रवृत्ति का लाभ देने के लिए प्रति वर्ष दस हजार रुपये की राशि केंद्र सरकार मुहैया कराती है। इसके लिए सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों में पढ़ाई करने वाले कक्षा पांच से 10 तक के छात्र-छात्राओं को योजना का लाभ मिलता है। परंतु साइबर क्राइम करने वाले बदमाश ऐसे बच्चों का पैसा डकार कर मालामाल हो रहे हैं।

रद होगा नया आवेदन : बीडब्लूओ

इस संबंध में प्रखंड कल्याण पदाधिकारी कृपाल कच्छप ने बताया कि छात्रवृति को लेकर स्कूलों की जांच की जा रही है। इनमें कई स्कूलों में गड़बड़ी उजागर हुई है। ऐसे में सत्र 2020-21 में छात्रों को मिलने वाले छात्रवृति लाभ के लिए दिए गए आवेदन की जांच होगी। गलत छात्रों का आवेदन रद किया जायगा।

दोषी लोगों के खिलाफ होगी कार्रवाई : बीडीओ

इस संबंध में बीडीओ विनय कुमार ने बताया कि उपायुक्त के निर्देश पर छात्रवृति से संबंधित जांच मैंने भी विभिन्न स्कूलों में की है। इस दौरान कई स्कूलों में गड़बड़ियां पाई गई हैं। साथ ही कई स्कूल अस्तित्व में भी नहीं हैं। फिलहाल जांच चल रही है। जांच पूरी होने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए उपायुक्त को रिपोर्ट सौंपी जाएगी।

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