हड़ताल के बावजूद बंद नहीं हुए थे खदान, कोल इंडिया में 3 दिनों में 17 लाख टन कोयले का उत्पादन

Coal India News. संयुक्त यूनियनों की हड़ताल में भी कोल इंडिया में कोयले का उत्पादन हुआ। सभी कोल कर्मचारी हड़ताल के समर्थन में नहीं थे।

By Sujeet Kumar SumanEdited By: Publish:Fri, 10 Jul 2020 11:44 AM (IST) Updated:Fri, 10 Jul 2020 11:44 AM (IST)
हड़ताल के बावजूद बंद नहीं हुए थे खदान, कोल इंडिया में 3 दिनों में 17 लाख टन कोयले का उत्पादन
हड़ताल के बावजूद बंद नहीं हुए थे खदान, कोल इंडिया में 3 दिनों में 17 लाख टन कोयले का उत्पादन

रांची, जासं। सरकार की विभिन्न नीतियों के खिलाफ कोल इंडिया के कर्मचारियों ने 2 जुलाई से 4 जुलाई तक देशव्यापी हड़ताल किया था। इसका व्यापक असर राज्य के खनन उद्योग पर देखने को मिला। मगर कोल इंडिया के द्वारा आधिकारिक बयान जारी करते हुए कहा गया है कि देश में कोयले के खदान पूरी तरह से बंद नहीं हुए थे।

कोल इंडिया के द्वारा हड़ताल के दौरान 17.2 लाख टन कोयले का उत्पादन किया गया। हालांकि ये कंपनी के 3 दिनों के औसत उत्पादन से 50 प्रतिशत से कम है। मगर कोल इंडिया अपने बयान से मजदूर यूनियनों को ये संदेश देना चाहता है कि सभी कोल कर्मचारी हड़ताल के समर्थन में नहीं थे।

ग्राहकों को हुई 16 लाख टन कोयले की आपूर्ति

कंपनी के द्वारा दावा किया गया है कि हड़ताल के 3 दिनों में उसके द्वारा अपने ग्राहकों को 16 लाख टन कोयले की आपूर्ति की गयी है। इसके साथ ही 142 लाख टन ओवर बर्डन रिमूवल (ओबीआर) और कोल कम्पोजिट किया गया। ओबीआर और कोल कम्पोजिट का संयुक्त अर्थ है कि खनन स्थान पर भूमि का ऊपरी सतह हटा कर कोयला खनन के लिए तैयार करना है। खनन कार्य में ओबीआर एक महत्वपूर्ण बिंदु है जिसके तहत कंपनी का कोयला उत्पादन निर्भर करता है।

10 दिनों के औसत में 44 प्रतिशत रहा हड़ताल में उत्पादन

कंपनी ने दावा किया है कि कोल इंडिया में हड़ताल के बावजूद कोल कर्मियों ने पिछले 10 दिनों के औसत की तुलना में 44% कोयला उत्पादन किया। 10 दिनों में कोल इंडिया ने औसत प्रतिदिन 13 लाख टन कोयले का उत्पादन किया था। इसी तरह कोयले की निकासी, दस दिन के औसत का 38% था। कोल इंडिया की आपूर्ति प्रतिदिन 14 लाख टन थी। ओबीआर एवं कोयला कम्पोजिट का 58% का उच्चतम रिकाॅर्ड पहुंचा और औसत प्रतिदिन का 81.4 लाख टन हो गया।

chat bot
आपका साथी