स्कूलों में पांचवीं से दसवीं तक अनिवार्य होगी कंप्यूटर शिक्षा

रांची : राज्य सरकार अपने स्कूलों में कक्षा पांचवीं से दसवीं तक कंप्यूटर की शिक्षा अनिवार्य करेगी। इस

By Edited By: Publish:Tue, 19 Jul 2016 01:00 AM (IST) Updated:Tue, 19 Jul 2016 01:00 AM (IST)
स्कूलों में पांचवीं से दसवीं तक अनिवार्य होगी कंप्यूटर शिक्षा

रांची : राज्य सरकार अपने स्कूलों में कक्षा पांचवीं से दसवीं तक कंप्यूटर की शिक्षा अनिवार्य करेगी। इसके लिए वह या तो अपना करिकुलम तैयार करेगी या एनसीईआरटी से इसे एडॉप्ट करेगी। राज्य में डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देने के लिए यह प्रावधान प्रस्तावित आइटी पॉलिसी में किया गया है। सूचना तकनीक एवं ई-गवर्नेस विभाग ने इस पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है।

प्रस्तावित आइटी पॉलिसी में राज्य सरकार के विभिन्न विभागों तथा कार्यालयों में कार्यरत उन पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों से एक स्पेशल आइटी कैडर तैयार करने की बात कही गई है जो सूचना तकनीक के जानकार हैं और इस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं। इसी प्रकार डिजिटल साक्षरता को गांव स्तर तक ले जाने की बात कही गई है। खासकर ग्रामीण महिलाओं को कंप्यूटर एवं मोबाइल की बेसिक जानकारी उपलब्ध कराने के लिए डिजिटल साक्षरता अभियान चलाया जाएगा।

पॉलिसी में राज्य में आइटी कंपनियों की स्थापना को प्रोत्साहन देने के लिए उन्हें कई सुविधाएं देने का प्रावधान है। राज्य सरकार ऐसी कंपनियों को जमीन तथा बिजली में सब्सिडी देगी। इनके लिए सिंगल विंडो सिस्टम लागू होगा, जिसके तहत निर्धारित समय में उनके आवेदनों पर कार्रवाई की जाएगी। नेपाल हाउस सचिवालय में सिंगल विंडो बूथ स्थापित किया जाएगा। चिह्नित जिलों में आइटी पार्क की स्थापना के लिए 200 से 500 एकड़ का भूमि बैंक स्थापित किया जाएगा।

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निरीक्षण से राहत

राज्य में स्थापित होनेवाली आइटी कंपनियों को विभिन्न कानूनों के तहत निरीक्षण में छूट मिलेगी। इसके लिए उन्हें केवल सेल्फ सर्टिफिकेशन देना होगा कि वे संबंधित कानूनों का पालन कर रहे हैं। इनमें फैक्टरीज एक्ट-1948, मैटरनिटी बेनिफिट एक्ट-1961, झारखंड शॉप एंड इस्टैब्लि्शमेंट एक्ट-1953, द कांट्रैक्ट लेबर एक्ट,-1970, मिनिमम वेजेज एक्ट-1948, द इम्प्लायमेंट एक्सचेंज कस्टमरी नोटिफिकेशन आफ वैकेंसीज एक्ट-1959 शामिल हैं।

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साइबर सिक्यूरिटी पर भी जोर

आइटी पालिसी के ड्राफ्ट में साइबर सिक्यूरिटी के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत सूचना तकनीक निदेशक चीफ इन्फारमेशन आफिसर तथा विभिन्न विभागों के ई-गवर्नेस के नोडल पदाधिकारी सिक्यूरिटी आफिसर के रूप में कार्य करेंगे। विभिन्न विभागों का डाटाबेस सुरक्षित रखने के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं।

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प्रस्तावित पॉलिसी के अन्य प्रावधान

- राज्य के संस्थानों से आइटी की पढ़ाई कर निकले विद्यार्थियों के लिए 'चीफ मिनिस्टर फेलोशिप' की शुरुआत की जाएगी ताकि वे दो-तीन वर्ष का अनुभव लेकर वापस आकर अपने संस्थान में शोध आदि का कार्य कर सकें।

- विद्यार्थियों के लिए तीन माह का अप्रेंटिसशिप ट्रेनिंग अनिवार्य होगा।

- सरकारी विभाग स्थानीय स्तर पर तैयार हार्डवेयर एवं साफ्टवेयर के प्रोक्यूरमेंट को प्रमुखता देंगे। आइटी विभाग समय-समय पर यह निर्धारित करेगा कि कितना प्रतिशत प्रोक्यूरमेंट स्थानीय स्तर पर निर्मित आइटी सामग्री का होगा।

- सूचना तकनीक तथा ई-गवर्नेस विभाग आइटी पर इंटरप्रन्योरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम शुरू करेगा।

- राज्य के सरकारी इंजीनिय¨रग कॉलेजों में आइटी व कंप्यूटर साइंस में प्रतिवर्ष दस फीसद सीटों की बढ़ोतरी अगले पांच वर्ष तक की जाएगी।

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