स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाएं

रांची : ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए स्वयं सहायता समूह को मजबूती प्रदान करना जरूरी है। उनकी क्

By Edited By: Publish:Sat, 04 Jul 2015 09:20 PM (IST) Updated:Sat, 04 Jul 2015 09:20 PM (IST)
स्वयं सहायता समूहों को मजबूत बनाएं

रांची : ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए स्वयं सहायता समूह को मजबूती प्रदान करना जरूरी है। उनकी क्षमता हमें बढ़ानी होगी। अधिक से अधिक लोगों को उससे जोड़ना भी होगा। सरकार की ओर से हर तरह की मदद और योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी भी देनी होगी। स्वयं सहायता समूह को डिजिटल तरीके से बैंक से जोड़ने की पहल हो चुकी है। अब हर जिले के स्वयं सहायता समूहों की जानकारी राज्य सरकार के पास चंद सेकेंड में पहुंच सकती है। होटल बीएनआर चाणक्या में झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रोमोशन सोसाइटी की ओर से आयोजित स्वयं सहायता समूहों के बैंक लिंकेज पर संबंधी राज्य स्तरीय कार्यशाला में उक्त बातें उभर कर सामने आई।

मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव एनएन सिन्हा ने कहा, संपूर्ण विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सुविधाएं प्रदान करनी होंगी। झारखंड में इसकी मांग और ज्यादा है। सारंडा जैसे इलाकों में हम स्वयं सहायता ग्रुप की मदद से समाज को शक्ति प्रदान कर सकते हैं। अधिक से अधिक स्वयं सहायता ग्रुपों को बैंकों से जोड़ने की जरूरत है। झारखंड स्टेट लाइवलीहूड प्रोमोशन के सीईओ पी उपाध्याय ने कहा, एसएलबीसी ने स्वयं सहायता ग्रुप के बैंक क्रेडिट लिंकेज लक्ष्य को बढ़ाकर 162 करोड़ रुपये कर दिया है। ऐसे में बेहतर प्लान के तहत कार्य करने की जरूरत है।

नेशनल मिशन मैनेजर रंजन बाबू ने कहा, ग्रामीण क्षेत्रों में 51.8 प्रतिशत लोग लेबर है। उनकी आमदनी महीने की पांच हजार रुपये भी नहीं है। 31 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं। स्वंय सहायता समूह की ओर से मदद का रेशियो 6 प्रतिशत से भी कम है। ऐसे में हमें ठोस नीति के साथ आगे आने की जरूरत है।

आरबीआइ रांची के एजीएम प्रवीण रंजन ने कहा, ग्रामीणों को जागरूक करने की जरूरत है। इस क्षेत्र की ओर क्या समस्याएं आ रही हैं, यह भी हमें जानना होगा। कार्यक्रम में विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि व एसएलबीसी के सदस्य शामिल हुए। स्वयं सहायता समूहों के सदस्य भी मौजूद थे।

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