अब हर महीने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये

रांची : गैरसरकारी संस्थानों से रिटायर कर्मचारियों को अब हर महीने न्यूनतम 1000 हजार रुपये पेंशन मिलेग

By Edited By: Publish:Wed, 01 Oct 2014 03:28 AM (IST) Updated:Tue, 30 Sep 2014 09:04 PM (IST)
अब हर महीने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये

रांची : गैरसरकारी संस्थानों से रिटायर कर्मचारियों को अब हर महीने न्यूनतम 1000 हजार रुपये पेंशन मिलेगी। बढ़ी हुई पेंशन सितंबर से ही मिलेगी। केंद्र सरकार के निर्देश पर कर्मचारी भविष्य निधि संगठन झारखंड द्वारा मंगलवार को खेलगांव स्थित ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव इंडोर स्टेडियम में पेंशनभोगी अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह में केंद्रीय ग्रामीण विकास राज्य मंत्री उपेद्र कुशवाहा और झारखंड के श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने बुजुर्ग पेंशनभोगियों को सम्मानित किया। कुशवाहा ने कहा कि जिस संस्थान में 20 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हों, वहां पीएफ काटने का प्रावधान है। ऐसी शिकायत मिलती है कि पीएफ से बचने के लिए कई संस्थान रजिस्ट्रर में कर्मचारियों की संख्या कम दिखाते हैं। पीएफ विभाग के अधिकारी-कर्मचारी ऐसे संस्थानों की जांच कर कड़ी कार्रवाई करें। केंद्र सरकार सामाजिक सुरक्षा दायित्वों के तहत हर श्रमिक को पेंशन का लाभ देना चाहती है। देश में 32 लाख पेंशनभोगियों को राशि बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा। पूरे देश में आज यह सम्मान समारोह किया गया। लगभग हर जगह केंद्र सरकार के मंत्री शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों के तबादले या संस्थान छोड़ने के बाद भी पीएफ नंबर नहीं बदलेगा। सब कुछ ऑनलाइन हो गया है। मंत्री ने स्वच्छ भारत अभियान से जुड़ने की अपील की।

राज्य के श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि केंद्र सरकार ने पेंशन राशि में वृद्धि कर अच्छा काम किया है, पर अब भी यह राशि कम है। न्यूनतम मजदूरी रोजाना 177 रुपये है। इसकी आधी राशि पेंशन में मिलनी चाहिए। सरकार यह कोशिश कर रही है कि कम से कम ढाई हजार पेंशन मिले। मंत्री ने केंद्र सरकार से झारखंड का लेबर बजट दो हजार करोड़ और दो लाख इंदिरा आवास देने की मांग की।

क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त समरेंद्र कुमार ने स्वागत भाषण में कहा कि राज्य में नई योजना से राज्य के 70 हजार पेंशनधारी लाभान्वित होंगे। सरकार बुजुर्गो को भूली नहीं है। समारोह में पीएफ कमिश्नर एसके झा, एसएस प्रसाद व जयंत राय, चेंबर अध्यक्ष रतन मोदी व महासचिव पवन शर्मा सहित कई लोग मौजूद थे।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी समारोह में आना था लेकिन कैबिनेट की बैठक में व्यस्त रहने के कारण शामिल नहीं हो पाए।

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